मोतिहारीः जिले में मछली पालकों की आय को बढ़ाने के लिए चलाए जा रहे कार्यक्रम से मछली के उत्पादन और किसानों की आय में बढ़ोतरी हुई है. मछली का उत्पादन तीन गुणा बढ़ा है. अब यहां 54 टन मछली का उत्पादन होने लगा है. कार्यक्रम की सफलता के दो वर्ष पूरा होने पर यहां मत्स्य प्रग्रहण मेला का आयोजन किया गया. इसका उद्घाटन पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और स्थानीय सांसद राधा मोहन सिंह ने किया.
नीली क्रांति की सफलता का असर
कृषि मंत्रालय से संचालित मत्स्य विकास की योजनाओं को पूर्वी चंपारण जिले में दो वर्ष पूर्व शुरु किया गया था. जिसके अंतर्गत जिले के पांच झीलों का चयन कर मछली पालन को बढ़ावा देने के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया गया. नीली क्रांति की सफलता का असर पूर्वी चंपारण जिले में दिखने लगा है.
युवा मछली पालन की ओर आकर्षित
इसी योजना में शहर से सटे कररिया मन को भी शामिल किया गया है. ताकि झील के किनारे बसे मछुआरा समाज के लोगों की आय को मछली पालन के माध्यम से बढ़ाया जा सके. लिहाजा, उन्नत तरीके से मछली पालन का कार्य राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड ने शुरु किया. जिसका परिणाम सामने आने लगा है. मछली पालकों की आय बढ़ने लगी है. जिस कारण यहां के युवा भी मछली पालन की ओर आकर्षित हो रहे हैं.
बढ़ी है मछुआरों की आय
राष्ट्रीय मत्स्य विकास बोर्ड के निदेशक ने बताया कि पहले यहां के किसान सौ एकड़ में मात्र 18 टन मछली का उत्पादन करते थे. लेकिन दो वर्ष पूर्व इस योजना के तहत चयनित होने के बाद कररिया मन के किनारे रहने वाले मछुआरा परिवार की आय को बढ़ाने की दिशा में कार्य हुआ. जिसमें सफलता मिली है.
मछली उत्पादन में तीन गुणा बढ़ोतरी
बोर्ड के निदेशक ने बताया कि अब सौ एकड़ में तीन गुणा उत्पादन बढ़ा है. अब यहां 54 टन मछली का उत्पादन होने लगा है. उन्होंने ये भी कहा कि पहले चरण में जिले के पांच झीलों का चयन किया गया था. लेकिन इसकी सफलता के बाद इस योजना के तहत अन्य झीलों को विकसित करने के लिए चयन किया जाएगा.
मछुआरों की आय बढ़ी- राधा मोहन सिंह
कार्यक्रम का उद्घाटन करने पहुंचे पूर्व केंद्रीय कृषि मंत्री और स्थानीय सांसद राधा मोहन सिंह ने कहा कि किसानों की आय को बढ़ाने के लिए शुरु किए गए योजनाओं का लाभ अब किसानों को मिलने लगा है. उन्होंने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा कि हजारों मछुआरा परिवार की आय बढ़ाने में सफलता मिली है.
मछली पालन के प्रति बढ़ेगी जागरुकता
बहरहाल, जिले में नीली क्रांति के अंतर्गत मछली पालकों की आय बढ़ाने की दिशा में हो रहे कार्य से लोगों के बीच मछली पालन के प्रति जागरुकता आएगी. जिससे नए तालाब भी खोदे जाऐंगे. इससे कई फायदे होंगे. किसानों की आय बढ़ेगी और स्थानीय लोगों को सस्ते दर पर ताजी मछलियां भी मिलेगी.