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पूर्वी चंपारण: सरकार से फसल क्षति मुआवजा नहीं मिलने से किसानों की बढ़ी परेशानियां

जिले में 2 महीने पहले आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है. बाढ़ से किसानों की खरीफ की फसल बर्बाद हो गई है, लेकिन अब तक सरकार ने जिले के किसानों को फसल क्षति के एवज में मुआवजा राशि तक नहीं दी है, जिस कारण अब किसानों के सामने भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

East Champaran
सरकार से फसल क्षति मुआवजा नहीं मिलने से किसानों की बढ़ी परेशानियां
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Published : Sep 22, 2020, 7:06 AM IST

पूर्वी चंपारण(मोतिहारी): जिला में दो महीने पहले आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है. खेतों में लगे हजारों एकड़ की फसल को बाढ़ ने बर्बाद कर दिया है. बता दें कि सरकार ने बाढ़ से क्षति हुई फसल का मुआवजा देने की घोषणा की है, जिसको लेकर कृषि विभाग से फसल क्षति से संबंधित प्रतिवेदन भी सरकार को भेज दिया गया है, लेकिन अब तक सरकार ने जिले के किसानों को फसल क्षति के एवज में मुआवजा राशि नहीं दी है, जिस कारण किसान परेशान है और अब जिले के किसानों के सामने भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

सरकार से फसल क्षति मुआवजा नहीं मिलने से किसानों की बढ़ी परेशानियां

किसानो को सरकार से अबतक नही मिला फसल क्षति मुआवजा

किसान बद्री प्रसाद ने बताया कि बाढ़ से उसकी धान की फसल बर्बाद हो गई है और खेत में अभी भी पानी भरा हुआ है, जिससे गेहूं की फसल की भी संभावना नहीं है. फसल क्षति मुआवजा पर बद्री प्रसाद ने कहा कि एक भी पैसा अबतक नहीं मिला है. वहीं, किसान भगवान प्रसाद ने बताया कि उनकी सारी फसल बाढ़ में डूब गयी है, लेकिन उनके खेत में हुए क्षति का कोई अधिकारी सर्वे करने तक नहीं आया है. फसल क्षति मुआवजा के सवाल पर उन्होंने कहा कि फसल क्षति को लेकर कोई सुनवाई अब तक नहीं हुई है.

कृषि विभाग ने सरकार को भेजा फसल क्षति प्रतिवेदन

वहीं, जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद ने बताया कि बाढ़ से जिले में हुए फसल क्षति से संबंधित प्रतिवेदन सरकार को भेजा जा चुका है. उन्होंने बताया कि जिले में 2 लाख 27 हजार 312 हेक्टेयर में खरीफ के धान, मक्का, सब्जी समेत अन्य कई फसल का अच्छादन हुआ था, जिसमें से बाढ़ के कारण 98 हजार 403 हेक्टेयर की फसल क्षति का प्रतिवेदन सरकार को भेजा गया है.

सरकार से आस लगाए बैठे है किसान

बता दें कि पूर्वी चंपारण जिले में आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई, जिसमे किसानों की खड़ी फसलें बाढ़ के पानी में बर्बाद हो गई है. किसानों की आखिरी आस सरकार से लगी है, लेकिन सरकार ने किसानों को उनके फसल क्षति का मुआवजे के नाम पर अब तक कुछ भी नहीं दिया है, जिस कारण अन्नदाता हीं अब अन्न के बिना भुखमरी के दहलीज पर खड़े दिखाई पड़ रहे हैं.

पूर्वी चंपारण(मोतिहारी): जिला में दो महीने पहले आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई है. खेतों में लगे हजारों एकड़ की फसल को बाढ़ ने बर्बाद कर दिया है. बता दें कि सरकार ने बाढ़ से क्षति हुई फसल का मुआवजा देने की घोषणा की है, जिसको लेकर कृषि विभाग से फसल क्षति से संबंधित प्रतिवेदन भी सरकार को भेज दिया गया है, लेकिन अब तक सरकार ने जिले के किसानों को फसल क्षति के एवज में मुआवजा राशि नहीं दी है, जिस कारण किसान परेशान है और अब जिले के किसानों के सामने भूखमरी की समस्या उत्पन्न हो गई है.

सरकार से फसल क्षति मुआवजा नहीं मिलने से किसानों की बढ़ी परेशानियां

किसानो को सरकार से अबतक नही मिला फसल क्षति मुआवजा

किसान बद्री प्रसाद ने बताया कि बाढ़ से उसकी धान की फसल बर्बाद हो गई है और खेत में अभी भी पानी भरा हुआ है, जिससे गेहूं की फसल की भी संभावना नहीं है. फसल क्षति मुआवजा पर बद्री प्रसाद ने कहा कि एक भी पैसा अबतक नहीं मिला है. वहीं, किसान भगवान प्रसाद ने बताया कि उनकी सारी फसल बाढ़ में डूब गयी है, लेकिन उनके खेत में हुए क्षति का कोई अधिकारी सर्वे करने तक नहीं आया है. फसल क्षति मुआवजा के सवाल पर उन्होंने कहा कि फसल क्षति को लेकर कोई सुनवाई अब तक नहीं हुई है.

कृषि विभाग ने सरकार को भेजा फसल क्षति प्रतिवेदन

वहीं, जिला कृषि पदाधिकारी चंद्रदेव प्रसाद ने बताया कि बाढ़ से जिले में हुए फसल क्षति से संबंधित प्रतिवेदन सरकार को भेजा जा चुका है. उन्होंने बताया कि जिले में 2 लाख 27 हजार 312 हेक्टेयर में खरीफ के धान, मक्का, सब्जी समेत अन्य कई फसल का अच्छादन हुआ था, जिसमें से बाढ़ के कारण 98 हजार 403 हेक्टेयर की फसल क्षति का प्रतिवेदन सरकार को भेजा गया है.

सरकार से आस लगाए बैठे है किसान

बता दें कि पूर्वी चंपारण जिले में आई बाढ़ ने काफी तबाही मचाई, जिसमे किसानों की खड़ी फसलें बाढ़ के पानी में बर्बाद हो गई है. किसानों की आखिरी आस सरकार से लगी है, लेकिन सरकार ने किसानों को उनके फसल क्षति का मुआवजे के नाम पर अब तक कुछ भी नहीं दिया है, जिस कारण अन्नदाता हीं अब अन्न के बिना भुखमरी के दहलीज पर खड़े दिखाई पड़ रहे हैं.

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