मोतिहारी: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर एनडीए और महागठबंधन में सीटों का बंटवारा हो गया है. वहीं, महागठबंधन में शामिल आरजेडी ने भी सभी सीटों को लेकर उम्मीदवारों के नामों की घोषणा कर दी है. हालांकि कुछ सीटों पर पार्टी ने पुराने चेहरे पर ही भरोसा जताया है, लेकिन आरजेडी के इस फैसले से क्षेत्र की जनता और दूसरे नेताओं में नाराजगी है. जिले के ढ़ाका विधानसभा सीट से भी आरजेडी उम्मीदवार के खिलाफ उसके घर में बगावत के सुर उठने लगे हैं.
बता दें कि ढ़ाका विधानसभा सीट से आरजेडी ने अपना टिकट निःवर्त्तमान विधायक फैसल रहमान को दिया है. लेकिन फैसल रहमान के चाचा मो. खुर्शीद शेख भी आरजेडी से टिकट की लाइन में थे. उन्हें टिकट नहीं मिला. फिर क्या था मो. खुर्शीद शेख ने अपने ही भतीजे के खिलाफ निर्दलीय चुनाव लड़ने का एलान कर दिया. हालांकि मो. खुर्शीद शेख आरजेडी के नेता हैं और उन्होंने ढ़ाका विधानसभा क्षेत्र से आरजेडी के बाग उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ने की घोषणा की है.
वर्तमान विधायक का कार्य नहीं है संतोषजनक
मो. खुर्शीद शेख ने बताया कि उन्हें बहुत से पार्टियों का ऑफर आया कि वो उनके तरफ से चुनाव लड़े, लेकिन उन्होंने इंकार कर दिया. अब वो आरजेडी के बागी उम्मीदवार के रूप में ही चुनाव लड़ेंगे. चुनाव लड़ने के कारणों के बारे में मो. खुर्शीद शेख ने बताया कि निःवर्त्तमान विधायक का कार्य संतोषजनक नहीं है.
लॉकडाउन में की थी लोगों की मदद
बताया जाता है कि ढ़ाका विधानसभा क्षेत्र के सपही गांव के रहने वाले मो. खुर्शीद शेख का मुम्बई में अपना कारोबार है. उन्होंने लॉकडाउन के दौरान मुंबई में फंसे ढ़ाका के लगभग 20 हजार प्रवासी मजदूरों को अपने खर्च पर उनके घर भेजा था. जिसके बदौलत मो. खुर्शीद ने चुनाव मैदान में उतरने का फैसला किया है.