मोतिहारी: बिहार की सियासत में राम और रामायण (Lord Ram) को लेकर जारी बयानबाजी में पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि (Nagmani) भी कूद पड़े हैं. हम सुप्रीमो व पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी (Jitan Ram Manjhi) के बाद नागमणि ने भी राम और कृष्ण को भगवान मानने से इनकार कर दिया है. उन्होंने जीतन राम मांझी के बयान का समर्थन करते हुए कहा कि अगर राम और कृष्ण भगवान थे, तो उनकी मौत क्यों हुई.
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पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने कहा कि दोनों महापुरुष थे और एक अच्छे राजा थे. दरअसल, आगामी 30 सितबंर को एक नई पार्टी की घोषणा करने के पूर्व राज्य के सभी जिलों में भ्रमण कर अपने समर्थकों को एकजुट करने में नागमणि लगे हुए हैं. इसी क्रम में बुधवार की शाम में वह मोतिहारी पहुंचे थे और गुरुवार को अपनी नई पार्टी के एजेंडा की जानकारी पत्रकारों को देते हुए जीतन राम मांझी के राम और रामायण पर दिए गए बयान का समर्थन किया.
'देश में भगवावादी विचारधारा देश का नुकसान कर रही है. कोरोना काल में इतने लोगों की मौत हुई. अगर भगवान थे, तो उस समय मर रहे लोगों को भगवान ने क्यों नहीं बचाया. नागमणि ने कहा कि जीतनराम मांझी गलत नहीं बोल रहे हैं, बल्कि वह लोगों की मानसिकता बदलने की कोशिश कर रहे हैं.' :- नागमणि, पूर्व केंद्रीय मंत्री
पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने राम और कृष्ण के अस्तित्व को स्वीकार तो किया, लेकिन उन्हें भगवान मानने को वह तैयार नहीं हैं. उन्होंने रूस का उदाहरण देते हुए कहा कि रूस में धर्म को मानने वाले बहुत लोग थे. कई चर्च और धार्मिक स्थल थे, लेकिन रूस में कम्यूनिज्म के आने के बाद सभी धार्मिक स्थलों को तोड़ दिया गया. उसके बाद वह एक महाशक्ति बना.
पूर्व केंद्रीय मंत्री नागमणि ने आगामी 30 सितंबर को घोषणा किए जाने वाली अपनी नई पार्टी के एजेंडा के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि उनकी सरकार में कोईरी समाज का मुख्यमंत्री होगा और हर वर्ग के उपमुख्यमंत्री होंगे. उन्होंने बताया कि मुस्लिम, यादव, दलित,सवर्ण और अतिपिछड़ा वर्ग के उप मुख्यमंत्री होंगे.
नागमणि के अनुसार उनकी पार्टी स्वास्थ्य, भ्रष्ट्राचार, बेरोजगारी और विधि व्यवस्था के लिए अलग सोच के आधार पर काम करेगी. पत्रकार सम्मेलन के पूर्व नागमणि ने अपने समर्थकों के साथ बैठक कर आगामी 30 सितंबर को पटना में आयोजित कार्यक्रम में ज्यादा से ज्यादा लोगों के साथ पहुंचने की अपील की है.
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