मोतिहारी: प्रवर्तन निदेशालय ने मोतिहारी में बड़ी कार्रवाई की है. पीएचईडी विभाग के सेवानिवृत कार्यपालक अभियंता रामाधार राम की संपत्ति को ईडी ने अटैच किया है. आय से अधिक संपत्ति के मामले में ईडी ने यह कार्रवाई की है.
महुआवा गांव की जमीन को किया जब्त
ईडी ने रामाधार राम के चिरैया थाना स्थित महुआवा गांव की जमीन को जब्त किया है. जबकि मोतिहारी शहर की जिस जमीन को ईडी जब्त करने आई थी. उस जमीन को रामाधार राम बेच चुके हैं. जिस कारण वह मोतिहारी में कार्रवाई नहीं कर पाई. ईडी की टीम शहर के छतौनी थाना क्षेत्र स्थित रामाधार राम के जमीन को स्थानीय अंचलाधिकारी के सहयोग से देर शाम तक तलाशती रही. लेकिन जमीन बिक जाने की जानकारी मिली. ईडी की चार सदस्यीय टीम सहायक निदेशक के नेतृत्व में पटना से मोतिहारी पहुंची थी. हालांकि, मामले में पटना से आई टीम कैमरे पर कुछ भी बताने को तैयार नहीं हुई.
अवैध संपत्ति के पुख्ता सबूत
दरअसल, ईओयू की रिपोर्ट के आधार पर ईडी ने रामाधार राम के खिलाफ मनी लांड्रिंग और अन्य मामलों में मामला दर्ज कर अवैध संपत्ति की जांच शुरु की थी. इससे पहले ईओयू ने 18 जून 2013 को भ्रष्ट्राचार और अन्य आरोपों के तहत एफआईआर की थी. उस समय पीएचईडी के तत्कालिन कार्यपालक अभियंता सीवान जिले में पदस्थापित थे. ईडी ने 2017 में चार्टशीट दायर की थी. ईडी की जांच में अवैध संपत्ति के पुख्ता सबूत है. ईडी की जांच में पता चला है कि वर्ष 1979 से 2013 के बीच 34 वर्षों के दौरान रामाधार राम ने पद का दुरुपयोग करके भ्रष्ट्राचार के जरिए अपने और अपने परिजनों के नाम पर बड़ी संख्या संपत्ति में अर्जित कर रखा है.