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भूजल स्तर में सुधार कर पूर्वी चंपारण बना मिसाल, ईस्ट जोन में बेस्ट डिस्ट्रिक कैटेगरी का मिला नेशनल वाटर अवार्ड

बिहार सरकार के जल जीवन हरियाली मिशन (Jal Jeevan Hariyali Mission) के तहत प्रसिद्ध मोती झील और धनोटी नदी के 80 किलीमीटर लंबे किनारों का कायाकल्प किया गया. 315 तालाबों का पुनरुद्धार (rejuvenation of ponds) किया गया. रेनवॉटर हार्वेस्टिंग (Rainwater Harvesting) की दिशा में भी प्रयास हुआ. नतीजा ये हुआ कि जिले के भूजल स्तर में 3 फीट का सुधार (Groundwater Level Improvement) हुआ. अब पूर्वी चंपारण को ईस्ट जोन में बेस्ट डिस्ट्रिक्ट कैटेगरी का पुरस्कार दिया गया है.

पूर्वी चंपारण को नेशनल वाटर अवार्ड
पूर्वी चंपारण को नेशनल वाटर अवार्ड
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Published : Mar 29, 2022, 3:42 PM IST

पटना: केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय (Union Ministry of Jal Shakti) की ओर से भूजल स्तर में सुधार (Groundwater Level Improvement) की दिशा में उत्कृष्ट कार्य के लिए बिहार के पूर्वी चंपारण को नेशनल वाटर अवार्ड (National Water Award to East Champaran) दिया जा रहा है. ईस्ट जोन में बेस्ट डिस्ट्रिक कैटेगरी के तहत राष्ट्रपति रामनाथ कोविद आज इस सम्मान से मोतिहारी डीएम शीर्षत कपिल अशोक (Motihari DM Shirsat Kapil Ashok) को सम्मानित करेंगे. वर्ष 2021 में पीएचईडी के एक सर्वे में पाया गया है कि जिले का जल स्तर करीब 3 फीट बढ़ा है. जिलाधिकारी के नेतृत्व में कई स्तर पर इस दिशा में अभियान चलाया गया था, जिसका परिणाम सामने है.

ये भी पढ़ें: दरभंगा के ऐतिहासिक तालाबों को बचाने में जुटा निगम प्रशासन, हो रहा सौंदर्यीकरण

315 तालाबों का पुनरुद्धार: जल संरक्षण को लेकर जिले में चले अभियान के तहत 315 तालाबों का विकास करते हुए ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा एवं मत्स्य पालन को प्रोत्साहित किया गया. कोरोना काल में जब प्रवासियों को रोजगार देना एक बड़ी चुनौती थी, तब पूर्वी चंपारण में रोजाना एक लाख जॉब कार्डधारियों को नदी उड़ाही, आहर, पइन, पोखर जीर्णोद्धार के कार्यों में रोजगार दिया गया. वर्ष 2021 में पीएचईडी के एक सर्वे में जिले का जल स्तर 3 फीट बढ़ा पाया गया. माना जाता है कि जिले को मिले नेशनल वाटर अवा‌र्ड्स में इसकी प्रमुख भूमिका रही.

600 से अधिक तालाब अतिक्रमण मुक्त: मोतीझील के विकास एवं इसमें वाटर स्पो‌र्ट्स की शुरुआत जिला प्रशासन द्वारा की गई. रोइंग क्लब में कैनोइंग एवं कयाकिग सेंटर की स्थापना की गई एवं खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करते हुए वाटर स्पो‌र्ट्स प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गई. जिले को मिले नेशनल वाटर अवा‌र्ड्स में इसकी भी भूमिका रही. जल संरचनाओं को कराया गया अतिक्रमणमुक्त व सौंदर्यीकरण जिले के जल संरचनाओं को मुक्त कराने के साथ सौंदर्यीकरण कराया गया. इस क्रम में 535 जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराया गया. पोखर, आहार, पईन के जीर्णोद्धार के कुल 1636 कार्य लिए गए.

रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पर जोर: नदी जीर्णोद्धार के तीन कार्य लिए गए. प्रत्येक ग्राम में एक तालाब अंतर्गत 315 तालाबों का सौंदर्यीकरण किया गया. मोतीझील में वाटर स्पो‌र्ट्स की शुरूआत की गई. तकरीबन 500 स्कूलों, अस्पतालों और सरकारी भवनों को रेनवॉटर हार्वेस्टिंग (Rainwater Harvesting) से जोड़ा गया. ग्रामीण क्षेत्रों में चापाकल के किनारे बड़ी संख्या में सोख्ता बनाए गए. 1632 फार्म पोंड एवं 3 चेक डैम बनाए गए. इसके अलावा 29 लाख पौधारोपण कराया गया. साथ ही धनौती नदी में भी जल संरक्षण को लेकर मनरेगा से कई कार्य किए गए हैं.

ये भी पढ़ें: मोतिहारी: वाटर स्पोर्ट्स की संभावनाएं तलाशने की कवायद, आयोजित हुआ ड्रैगन बोट रेस

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पटना: केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय (Union Ministry of Jal Shakti) की ओर से भूजल स्तर में सुधार (Groundwater Level Improvement) की दिशा में उत्कृष्ट कार्य के लिए बिहार के पूर्वी चंपारण को नेशनल वाटर अवार्ड (National Water Award to East Champaran) दिया जा रहा है. ईस्ट जोन में बेस्ट डिस्ट्रिक कैटेगरी के तहत राष्ट्रपति रामनाथ कोविद आज इस सम्मान से मोतिहारी डीएम शीर्षत कपिल अशोक (Motihari DM Shirsat Kapil Ashok) को सम्मानित करेंगे. वर्ष 2021 में पीएचईडी के एक सर्वे में पाया गया है कि जिले का जल स्तर करीब 3 फीट बढ़ा है. जिलाधिकारी के नेतृत्व में कई स्तर पर इस दिशा में अभियान चलाया गया था, जिसका परिणाम सामने है.

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315 तालाबों का पुनरुद्धार: जल संरक्षण को लेकर जिले में चले अभियान के तहत 315 तालाबों का विकास करते हुए ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा एवं मत्स्य पालन को प्रोत्साहित किया गया. कोरोना काल में जब प्रवासियों को रोजगार देना एक बड़ी चुनौती थी, तब पूर्वी चंपारण में रोजाना एक लाख जॉब कार्डधारियों को नदी उड़ाही, आहर, पइन, पोखर जीर्णोद्धार के कार्यों में रोजगार दिया गया. वर्ष 2021 में पीएचईडी के एक सर्वे में जिले का जल स्तर 3 फीट बढ़ा पाया गया. माना जाता है कि जिले को मिले नेशनल वाटर अवा‌र्ड्स में इसकी प्रमुख भूमिका रही.

600 से अधिक तालाब अतिक्रमण मुक्त: मोतीझील के विकास एवं इसमें वाटर स्पो‌र्ट्स की शुरुआत जिला प्रशासन द्वारा की गई. रोइंग क्लब में कैनोइंग एवं कयाकिग सेंटर की स्थापना की गई एवं खिलाड़ियों को प्रशिक्षित करते हुए वाटर स्पो‌र्ट्स प्रतियोगिताएं आयोजित कराई गई. जिले को मिले नेशनल वाटर अवा‌र्ड्स में इसकी भी भूमिका रही. जल संरचनाओं को कराया गया अतिक्रमणमुक्त व सौंदर्यीकरण जिले के जल संरचनाओं को मुक्त कराने के साथ सौंदर्यीकरण कराया गया. इस क्रम में 535 जल संरचनाओं को अतिक्रमण मुक्त कराया गया. पोखर, आहार, पईन के जीर्णोद्धार के कुल 1636 कार्य लिए गए.

रेनवॉटर हार्वेस्टिंग पर जोर: नदी जीर्णोद्धार के तीन कार्य लिए गए. प्रत्येक ग्राम में एक तालाब अंतर्गत 315 तालाबों का सौंदर्यीकरण किया गया. मोतीझील में वाटर स्पो‌र्ट्स की शुरूआत की गई. तकरीबन 500 स्कूलों, अस्पतालों और सरकारी भवनों को रेनवॉटर हार्वेस्टिंग (Rainwater Harvesting) से जोड़ा गया. ग्रामीण क्षेत्रों में चापाकल के किनारे बड़ी संख्या में सोख्ता बनाए गए. 1632 फार्म पोंड एवं 3 चेक डैम बनाए गए. इसके अलावा 29 लाख पौधारोपण कराया गया. साथ ही धनौती नदी में भी जल संरक्षण को लेकर मनरेगा से कई कार्य किए गए हैं.

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