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मोतिहारी: AES को लेकर डीएम ने की बैठक, लोगों को जागरूक करने का निर्देश

मोतिहारी में एईस को लेकर समीक्षात्मक बैठक की गई. बैठक में AES की रोकथाम को लेकर लोगों को जागरूक करने पर डीएम ने जोर दिया.

डीएम की बैठक
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Published : Apr 2, 2021, 6:45 AM IST

मोतिहारी: जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने AES को लेकर समीक्षात्मक बैठक की. बैठक में एईस (चमकी बुखार) की रोकथाम को लेकर लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया गया. डीएम ने दलित और महादलित टोला में इस बाबत चौपाल लगाने का निर्देश दिया.

बैठक को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि गर्मी बढ़ने के साथ AES का प्रकोप सामने आने लगता है. जिसका सबसे आसान इलाज इसका बचाव है. जिसके लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. उन्होंने अधिकारियों को बैठक में कई निर्देश भी दिए.

ये भी पढ़ें: खरौना तारसन गांव में हिंसक झड़प मामला: 79 ग्रामीणों पर नामजद FIR, 16 गिरफ्तार

डीएम ने बैठक में निर्देश दिया कि सभी अधिकारी अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी सेविका और जीविका दीदी के माध्यम से प्रत्येक घर के लोगों को मिलकर जागरूक करें. उन्होंने ग्रामीणों को AES के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बच्चों को रात में खाली पेट नहीं सुलाने और रात में मीठा भोजन खिला कर सुलाने के लिए लोगों को जानकारी दें. साथ हीं बच्चे को बुखार आने पर तुरंत नजदीक के सरकारी हॉस्पिटल में जाने के लिए लोगों को प्रेरित करें.

क्या है चमकी बुखार?
एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (AES) को बोलचाल की भाषा में लोग चमकी बुखार कहते हैं. इस संक्रमण से ग्रस्त रोगी का शरीर अचानक सख्त हो जाता है. मस्तिष्क और शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है. आम भाषा में इसी ऐंठन को चमकी कहा जाता है.

मोतिहारी: जिलाधिकारी शीर्षत कपिल अशोक ने AES को लेकर समीक्षात्मक बैठक की. बैठक में एईस (चमकी बुखार) की रोकथाम को लेकर लोगों को जागरूक करने पर जोर दिया गया. डीएम ने दलित और महादलित टोला में इस बाबत चौपाल लगाने का निर्देश दिया.

बैठक को संबोधित करते हुए डीएम ने कहा कि गर्मी बढ़ने के साथ AES का प्रकोप सामने आने लगता है. जिसका सबसे आसान इलाज इसका बचाव है. जिसके लिए लोगों को जागरूक करने की जरूरत है. उन्होंने अधिकारियों को बैठक में कई निर्देश भी दिए.

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डीएम ने बैठक में निर्देश दिया कि सभी अधिकारी अपने क्षेत्र के आंगनबाड़ी सेविका और जीविका दीदी के माध्यम से प्रत्येक घर के लोगों को मिलकर जागरूक करें. उन्होंने ग्रामीणों को AES के बारे में जानकारी देने का निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि बच्चों को रात में खाली पेट नहीं सुलाने और रात में मीठा भोजन खिला कर सुलाने के लिए लोगों को जानकारी दें. साथ हीं बच्चे को बुखार आने पर तुरंत नजदीक के सरकारी हॉस्पिटल में जाने के लिए लोगों को प्रेरित करें.

क्या है चमकी बुखार?
एक्यूट इंसेफ्लाइटिस सिंड्रोम (AES) को बोलचाल की भाषा में लोग चमकी बुखार कहते हैं. इस संक्रमण से ग्रस्त रोगी का शरीर अचानक सख्त हो जाता है. मस्तिष्क और शरीर में ऐंठन शुरू हो जाती है. आम भाषा में इसी ऐंठन को चमकी कहा जाता है.

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