पटना: बिहार में बंगला को लेकर विवाद छिड़ा हुआ है. राष्ट्रीय लोक जनशक्ति पार्टी को वन व्हीलर रोड स्थित सरकारी बंगला खाली करना पड़ा है. बिहार सरकार ने इस बंगला को चिराग पासवान की पार्टी लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास को आवंटित किया है. पशुपति पारस गुट ने कोर्ट का भी दरवाजा खटखटाया था, लेकिन हाई कोर्ट से राहत नहीं मिली. पशुपति पारस गुट ने आरोप लगाया कि सरकार चिराग पासवान का पक्ष ले रही है. बिहार सरकार ने इससे इंकार किया है.
"किसी भी पार्टी को सरकारी कार्यालय देने के लिए नियमावली बनी हुई है. चुनाव आयोग के नियमावली के अनुसार ही सरकार बंगला उपलब्ध कराती है. सरकार कहीं से कोई पक्षपात नहीं कर रही है."- जयंत राज, भवन निर्माण मंत्री, बिहार सरकार
सरकार नियम से काम कर रहीः भवन निर्माण मंत्री जयंत राज ने कहा चुनाव आयोग के नियमावली के अनुसार ही काम हो रहा है. पशुपति पारस गुट को पार्टी कार्यालय मिलेगा या नहीं, इस सवाल पर भवन निर्माण मंत्री ने कहा यदि उनकी पार्टी राज्य स्तरीय और क्षेत्रीय पार्टी के दायरे में आती है तो कार्यालय मिलेगा. यदि नहीं आती है तो नहीं मिलेगा. पशुपति पारस गुट का कहना है कि हाईकोर्ट ने कार्यालय देने का आदेश दिया था, सरकार कार्यालय उपलब्ध कराए. भवन निमान मंत्री ने कहा कि कोर्ट का जो भी आदेश होगा उसका पालन किया जाएगा.
क्या है बंगला विवादः बता दें कि वन व्हीलर रोड पर सरकार ने लोक जनशक्ति पार्टी को कार्यालय आवंटित किया था. पार्टी में टूट के बाद पशुपति पारस का उस पर कब्जा बना रहा. उस वक्त पशुपति पारस केंद्र सरकार में मंत्री थे. लोकसभा चुनाव में समीकरण बदला. चिराग पासवान की एनडीए में इंट्री हुई. उनकी पार्टी के पांच सांसद चुने गये. चिराग पासवान मंत्री हैं. इधर, पशुपति पारस की पार्टी के पास फिलहाल ना कोई विधायक है और ना ही सांसद. बिहार सरकार ने चिराग पासवान की पार्टी को यह बंगला आवंटित कर दिया.
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