मोतिहारी: भारत-नेपाल सीमा पर स्थित रक्सौल अनुमंडल क्षेत्र में लंपी वायरस के दस्तक पशुपालक परेशान हैं. रक्सौल अनुमंडल के शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में इसका कहर जारी है. लंपी वायरस के मामले सामने आने के बाद पशुपालन विभाग पशुओं के टीकाकरण में जुटी हुवा है, ताकि पशुओं को सुरक्षित रखा जा सके.
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वायरस के चपेट में आए दो गायों की मौत: जानकारी के मुताबिक रक्सौल के शीतलपुर, लक्ष्मीपुर लछुमनवा, जोकियारी समेत एक दर्जन गांवों के अलावा शहरी क्षेत्रों में लंपी वायरस से बीमार पशु देखने को मिल रहे है. वहीं लंपी वायरस के चपेट में आए दो गायों की मौत हो जाने की बात बतायी जा रही है. रक्सौल के पशुपालन पदाधिकारी डा. रवि रंजन राय ने बताया कि इस क्षेत्र से अब तक 20 से अधिक गायों में लंपी वायरस के लक्षण पाए गये हैं. पशुओं का टीकाकरण कराया जा रहा है, ताकि जिन गायों में अब तक संक्रमण नहीं हुआ, उनको बचाया जा सके.
"इस वायरस की चपेट में आ जाने के बाद गाय के शरीर पर गांठ की तरह बड़ा-बड़ा दाना आ जाता है, जिसके बाद गाय सुस्त हो जाती हैं. धीरे-धीरे बीमारी पूरी तरह से उसके शरीर में फैल जाती है और गाय की मौत तक हो जाती है. समय रहते लंपी वायरस का पता चल जाता है तो इसका उपचार संभव है"- डा. रवि रंजन राय, पशुपालन पदाधिकारी
लक्षण मिलने पर पशुपालन विभाग को करें सूचितः आपको बता दें कि रक्सौल में अब तक लंपी वायरस से दो गायों की मौत हो चुकी है, जबकि 20 से अधिक गाय लंपी वायरस के चपेट में है. पशुपालन पदाधिकारी का कहना है कि पशुपालक को अपनी गायों में इस बीमारी का लक्षण दिखे. तो वे तत्काल पशुपालन विभाग को सूचित करें और अपने पशुओं का समुचित इलाज कराएं.