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मोतिहारी: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में युवक को कोर्ट ने सुनाई 25 वर्षों की सजा - आरोपी को अर्थदंड की सजा मिली

दुष्कर्म के मामले में विशेष न्यायाधीश पॉक्सो ने नामजद अभियुक्त को 25 वर्षों की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अभियुक्त पर 75 हजार 500 रुपए का अर्थदंड भी कोर्ट ने लगाया है.

व्यवहार न्यायालय मोतिहारी
व्यवहार न्यायालय मोतिहारी
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Published : Feb 20, 2021, 1:47 AM IST

मोतिहारी: नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले में मोतिहारी व्यवहार न्यायालय के षष्टम जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो पियूष प्रभाकर ने नामजद अभियुक्त को 25 वर्षों की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अभियुक्त पर 75 हजार 500 रुपए का अर्थदंड भी कोर्ट ने लगाया है. अर्थदंड नहीं देने पर नामजद अभियुक्त को छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.

ये भी पढ़ें- मैट्रिक की सोशल साइंस की परीक्षा रद्द, आठ मार्च को होगी परीक्षा

अर्थदंड की राशि पीड़िता को होगी देय
नामजद अभियुक्त द्वारा अर्थदंड की राशि जमा कराने पर वह राशि पीड़िता को देय होगी. कोर्ट ने लखौरा थाना क्षेत्र के पुरबारी टोला के रहने वाले रितिक कुमार उर्फ गोलू सहनी को सजा सुनाई है. घटना को लेकर पीड़िता के पिता ने मुफसिल थाना कांड संख्या 01/2020 दर्ज कराया था. दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता के पिता ने बताया था कि एक जनवरी 2020 को संध्या सात बजे उसकी बेटी चापाकल पर बर्तन धोने गई थी. लेकिन वह घर नहीं लौटी. उसकी काफी खोजबीन की गई.

रात्रि लगभग 11 बजे रात में उसकी बेटी रोते बिलखते घर पहुंची. घर पहुंचने पर पीड़िता ने बताया कि रितिक चापाकल पर पीछे से आया और मुंह दबाकर उसे सरेह के तरफ ले गया. सरेह में रितिक ने जबरदस्ती उसके साथ गलत काम किया.

महज 13 महीने में कोर्ट का आया फैसला
इस मामले में अनुसंधानकर्ता ने 30 जून 2020 को आरोप पत्र समर्पित कर दिया. अभियुक्त रितिक पर 18 दिसंबर को आरोप का गठन हुआ. पॉक्सो वाद 12/2020 के विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक मणि कुमार ने 8 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा. कोर्ट ने घटना के 13 महीने में ही मामले में न्यायिक प्रक्रिया पूरी कर सजा सुनाई है.

मोतिहारी: नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म करने के मामले में मोतिहारी व्यवहार न्यायालय के षष्टम जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह विशेष न्यायाधीश पॉक्सो पियूष प्रभाकर ने नामजद अभियुक्त को 25 वर्षों की सश्रम कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही अभियुक्त पर 75 हजार 500 रुपए का अर्थदंड भी कोर्ट ने लगाया है. अर्थदंड नहीं देने पर नामजद अभियुक्त को छह माह की अतिरिक्त सजा काटनी होगी.

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अर्थदंड की राशि पीड़िता को होगी देय
नामजद अभियुक्त द्वारा अर्थदंड की राशि जमा कराने पर वह राशि पीड़िता को देय होगी. कोर्ट ने लखौरा थाना क्षेत्र के पुरबारी टोला के रहने वाले रितिक कुमार उर्फ गोलू सहनी को सजा सुनाई है. घटना को लेकर पीड़िता के पिता ने मुफसिल थाना कांड संख्या 01/2020 दर्ज कराया था. दर्ज प्राथमिकी में पीड़िता के पिता ने बताया था कि एक जनवरी 2020 को संध्या सात बजे उसकी बेटी चापाकल पर बर्तन धोने गई थी. लेकिन वह घर नहीं लौटी. उसकी काफी खोजबीन की गई.

रात्रि लगभग 11 बजे रात में उसकी बेटी रोते बिलखते घर पहुंची. घर पहुंचने पर पीड़िता ने बताया कि रितिक चापाकल पर पीछे से आया और मुंह दबाकर उसे सरेह के तरफ ले गया. सरेह में रितिक ने जबरदस्ती उसके साथ गलत काम किया.

महज 13 महीने में कोर्ट का आया फैसला
इस मामले में अनुसंधानकर्ता ने 30 जून 2020 को आरोप पत्र समर्पित कर दिया. अभियुक्त रितिक पर 18 दिसंबर को आरोप का गठन हुआ. पॉक्सो वाद 12/2020 के विचारण के दौरान विशेष लोक अभियोजक मणि कुमार ने 8 गवाहों को न्यायालय में प्रस्तुत कर अभियोजन पक्ष रखा. कोर्ट ने घटना के 13 महीने में ही मामले में न्यायिक प्रक्रिया पूरी कर सजा सुनाई है.

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