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मोतिहारी: भू अर्जन कार्यालय के लिपिक को डीएम ने किया सेवा से बर्खास्त - लिपिक को नौकरी से निकाला

जिला भू अर्जन कार्यालय में मुआवाजा राशि के भुगतान में फर्जीवाड़ा मामले में निलंबित लिपिक को डीएम ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. उनपर पर विभागीय कार्रवाई चल रही थी. जिसमें दोषी सुधीर प्रसाद पाए गए थे.

भूअर्जन कार्यालय
भूअर्जन कार्यालय
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Published : Feb 20, 2021, 1:20 AM IST

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला भू अर्जन कार्यालय में मुआवाजा राशि के भुगतान में फर्जीवाड़ा करने के मामले में निलंबित लिपिक सुधीर प्रसाद सिंह को डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. सुधीर प्रसाद पर विभागीय कार्रवाई चल रही थी. विभागीय कार्रवाई दोषी पाए गए सुधीर प्रसाद को सेवा से मुक्त करने का आदेश डीएम ने दिया है.

डीएम शीर्षत कपील अशोक
डीएम शीर्षत कपील अशोक

ये भी पढ़ें- मैट्रिक की सोशल साइंस की परीक्षा रद्द, आठ मार्च को होगी परीक्षा

फर्जीवाड़ा में निलंबित चल रहे थे लिपिक सुधीर प्रसाद
नौकरी से बर्खास्त लिपिक सुधीर प्रसाद पर केंद्रीय विश्व विद्यालय के लिए हुए भूमि अधिग्रहण के मुआवजा राशि के भुगतान में फर्जीवाड़ा करने का आरोप था. साथ ही भारत-नेपाल सीमा सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजा राशि भुगतान में भी फर्जीवाड़ा हुआ था.

महात्मा गांधी केंद्रीय विश्व विद्यालय के भूमि अधिग्रहण में बनकट निवासी भू मालिक सुकदेव साह की जगह दूसरे व्यक्ति को भुगतान कर दिया गया था. जिसे भुगतान किया गया था. उसका कोई ट्रेस नहीं मिला. सुकदेव साह के दिए गए परिवाद की जांच अपर समाहर्त्ता द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने की थी. जिस मामले में सुधीर प्रसाद सिंह को निलंबित कर उनपर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई.

समाहरणालय
समाहरणालय

लिपिक का स्पष्टीकरण हुआ अस्वीकार
इसके अलावा भारत नेपाल सीमा सड़क के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा राशि भुगतान में भी फर्जीवाड़ा हुआ था. एक ही व्यक्ति के नाम पर दो बार मुआवजे का भुगतान हुआ था. इस मामले में भी लिपिक सुधीर प्रसाद सिंह से स्पष्टीकरण मांगा गया था. लेकिन सुधीर प्रसाद के स्पष्टीकरण को अस्वीकार करते हुए उन्हें दोषी करार दिया गया. उसके बाद जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए सुधीर प्रसाद सिंह को बर्खास्त कर दिया है.

मोतिहारी: पूर्वी चंपारण जिला भू अर्जन कार्यालय में मुआवाजा राशि के भुगतान में फर्जीवाड़ा करने के मामले में निलंबित लिपिक सुधीर प्रसाद सिंह को डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने नौकरी से बर्खास्त कर दिया है. सुधीर प्रसाद पर विभागीय कार्रवाई चल रही थी. विभागीय कार्रवाई दोषी पाए गए सुधीर प्रसाद को सेवा से मुक्त करने का आदेश डीएम ने दिया है.

डीएम शीर्षत कपील अशोक
डीएम शीर्षत कपील अशोक

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फर्जीवाड़ा में निलंबित चल रहे थे लिपिक सुधीर प्रसाद
नौकरी से बर्खास्त लिपिक सुधीर प्रसाद पर केंद्रीय विश्व विद्यालय के लिए हुए भूमि अधिग्रहण के मुआवजा राशि के भुगतान में फर्जीवाड़ा करने का आरोप था. साथ ही भारत-नेपाल सीमा सड़क परियोजना के लिए अधिग्रहित भूमि के मुआवजा राशि भुगतान में भी फर्जीवाड़ा हुआ था.

महात्मा गांधी केंद्रीय विश्व विद्यालय के भूमि अधिग्रहण में बनकट निवासी भू मालिक सुकदेव साह की जगह दूसरे व्यक्ति को भुगतान कर दिया गया था. जिसे भुगतान किया गया था. उसका कोई ट्रेस नहीं मिला. सुकदेव साह के दिए गए परिवाद की जांच अपर समाहर्त्ता द्वारा गठित तीन सदस्यीय जांच कमेटी ने की थी. जिस मामले में सुधीर प्रसाद सिंह को निलंबित कर उनपर विभागीय कार्रवाई शुरू की गई.

समाहरणालय
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लिपिक का स्पष्टीकरण हुआ अस्वीकार
इसके अलावा भारत नेपाल सीमा सड़क के लिए अधिग्रहित भूमि का मुआवजा राशि भुगतान में भी फर्जीवाड़ा हुआ था. एक ही व्यक्ति के नाम पर दो बार मुआवजे का भुगतान हुआ था. इस मामले में भी लिपिक सुधीर प्रसाद सिंह से स्पष्टीकरण मांगा गया था. लेकिन सुधीर प्रसाद के स्पष्टीकरण को अस्वीकार करते हुए उन्हें दोषी करार दिया गया. उसके बाद जिलाधिकारी ने कार्रवाई करते हुए सुधीर प्रसाद सिंह को बर्खास्त कर दिया है.

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