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मोतिहारी में चमकी से अब तक दस बच्चों की मौत, 50 AES के मरीज चिह्नित

मुजफ्फरपुर से सटे मेहसी, चकिया, मधुबन, कल्याणपुर, तेतरिया प्रखंड ज्यादा डेंजर जोन में है.

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Published : Jun 17, 2019, 8:26 AM IST

Updated : Jun 17, 2019, 9:29 AM IST

चमकी का मरीज

मोतिहारीः बच्चों के लिए जानलेवा बना एईएस ने पूर्वी चंपारण जिले में कहर बरपा रखा है. सरकारी आंकड़े के अनुसार पूरे जिले में एईएस से अब तक 50 बच्चे चिह्नित किए गए हैं. जिनमें से दस बच्चों की मौत हो चुकी है. बीमार बच्चों में अधिकांश का इलाज मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में चल रहा है. सदर अस्पताल में मात्र तीन बच्चों का इलाज पीकु वार्ड में हो रहा है.

सबसे ज्यादा चकिया प्रखंड में चिह्नित बच्चे
दरअसल, जिले के चकिया प्रखंड में सबसे अधिक सोलह बच्चे चिह्नित हुए हैं. जिनमें से पांच बच्चे की मौत हो गई है. उसी प्रकार मधुबन प्रखंड में सात बच्चों में एईएस के लक्षण पाए गए. जिनमें से दो बच्चों की मौत हो गई है. पकड़ीदयाल प्रखंड में दो बच्चे एईएस से पीड़ित थे. दोनों की मौत ईलाज के दौरान हो गई. तेतरिया में एक बच्चा एईएस से पीड़ित था. उसकी भी इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके अलावा मेहसी प्रखंड में नौ बच्चे, कल्याणपुर प्रखंड में दो बच्चे, संग्रामपुर, ढ़ाका, रामगढ़वा प्रखंड के एक-एक बच्चे इस बीमारी की चपेट में हैं.

अस्पताल में बीमार बच्चे और बयान देते सिविल सर्जन

सदर अस्पताल में एक बच्चे की पुष्टि
मुजफ्फरपुर से सटे मेहसी, चकिया, मधुबन, कल्याणपुर, तेतरिया प्रखंड ज्यादा डेंजर जोन में है. हालांकि एईएस से पीड़ित अधिकांश बच्चों का इलाज मुजफ्फरपुर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है. जहां इलाज के दौरान अधिकांश बच्चों की मौत हुई है. सदर अस्पताल में एक बच्ची में एईएस की पुष्टि हुई है. अन्य बच्चों की जांच की जा रही है. सदर अस्पताल के अधीक्षक बताते हैं कि अस्पताल में इलाज की सारी सुविधाओं के अलावा दवा की भी व्यवस्था की गई है.

मोतिहारीः बच्चों के लिए जानलेवा बना एईएस ने पूर्वी चंपारण जिले में कहर बरपा रखा है. सरकारी आंकड़े के अनुसार पूरे जिले में एईएस से अब तक 50 बच्चे चिह्नित किए गए हैं. जिनमें से दस बच्चों की मौत हो चुकी है. बीमार बच्चों में अधिकांश का इलाज मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में चल रहा है. सदर अस्पताल में मात्र तीन बच्चों का इलाज पीकु वार्ड में हो रहा है.

सबसे ज्यादा चकिया प्रखंड में चिह्नित बच्चे
दरअसल, जिले के चकिया प्रखंड में सबसे अधिक सोलह बच्चे चिह्नित हुए हैं. जिनमें से पांच बच्चे की मौत हो गई है. उसी प्रकार मधुबन प्रखंड में सात बच्चों में एईएस के लक्षण पाए गए. जिनमें से दो बच्चों की मौत हो गई है. पकड़ीदयाल प्रखंड में दो बच्चे एईएस से पीड़ित थे. दोनों की मौत ईलाज के दौरान हो गई. तेतरिया में एक बच्चा एईएस से पीड़ित था. उसकी भी इलाज के दौरान मौत हो गई. इसके अलावा मेहसी प्रखंड में नौ बच्चे, कल्याणपुर प्रखंड में दो बच्चे, संग्रामपुर, ढ़ाका, रामगढ़वा प्रखंड के एक-एक बच्चे इस बीमारी की चपेट में हैं.

अस्पताल में बीमार बच्चे और बयान देते सिविल सर्जन

सदर अस्पताल में एक बच्चे की पुष्टि
मुजफ्फरपुर से सटे मेहसी, चकिया, मधुबन, कल्याणपुर, तेतरिया प्रखंड ज्यादा डेंजर जोन में है. हालांकि एईएस से पीड़ित अधिकांश बच्चों का इलाज मुजफ्फरपुर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है. जहां इलाज के दौरान अधिकांश बच्चों की मौत हुई है. सदर अस्पताल में एक बच्ची में एईएस की पुष्टि हुई है. अन्य बच्चों की जांच की जा रही है. सदर अस्पताल के अधीक्षक बताते हैं कि अस्पताल में इलाज की सारी सुविधाओं के अलावा दवा की भी व्यवस्था की गई है.

Intro:मोतिहारी।बच्चों के लिए जानलेवा बना एईएस ने पूर्वी चंपारण जिले में कहर बरपा रखा है।सरकारी आंकड़े के अनुसार पूरे जिले में एईएस से अब तक 50 बच्चे चिह्नित किए गए हैं।जिनमें से दस बच्चो की मौत हो चुकी है।बीमार बच्चों में अधिकांश का ईलाज मुजफ्फरपुर स्थित एसकेएमसीएच और केजरीवाल अस्पताल में चल रहा है।सदर अस्पताल में मात्र तीन बच्चों का ईलाज पीकु वार्ड में हो रहा है।


Body:दरअसल,जिले के चकिया प्रखंड में सबसे अधिक सोलह बच्चे चिह्नित हुए है।जिनमें से पांच बच्चे की मौत हो गई है।उसी प्रकार मधुबन प्रखंड में सात बच्चों में एईएस के लक्षण पाए गए।जिनमें से दो बच्चों की मौत हो गई है।पकड़ीदयाल प्रखंड में दो बच्चे एईएस से पीड़ित थे।दोनो की मौत ईलाज के दौरान हो गई।तेतरिया में एक बच्चा एईएस से पीड़ित था।उसकी भी ईलाज के दौरान मौत हो गई।इसके अलावा मेहसी प्रखंड में नौ बच्चे,कल्याणपुर प्रखंड में दो बच्चे,संग्रामपुर,ढ़ाका,रामगढ़वा प्रखंड के एक-एक बच्चे इस बीमारी के चपेट में हैं।


Conclusion:मुजफ्फरपुर से सटे मेहसी,चकिया,मधुबन,कल्याणपुर,तेतरिया प्रखंड ज्यादा डेंजर जोन में हैं।हालांकि एईएस से पीड़ित अधिकांश बच्चों का ईलाज मुजफ्फरपुर के विभिन्न अस्पतालों में चल रहा है।जहां ईलाज के दौरान अधिकांश बच्चों की मौत हुई है।जबकि सदर अस्पताल में तीन बच्चो का ईलाज चल रहा है।जिसमें से एक बच्ची में एईएस की पुष्टि हुई है और अन्य बच्चों की जांच की जा रही है।सदर अस्पताल के अधीक्षक बताते हैं कि अस्पताल में ईलाज की सारी सुविधाओं के अलावा दवा की भी व्मवस्था की गई है।
बाईट.....केएन गुप्ता.....अधीक्षक,सदर अस्पताल
Last Updated : Jun 17, 2019, 9:29 AM IST
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