मोतिहारी: बिहार राज्य बाल संरक्षण आयोग की सदस्य प्रेमा शाह दो मामलों की जांच के सिलसिले में बालिका गृह का दौरा किया. वे बलहा गांव से नाबालिग लड़की को अगवा कर दुष्कर्म किए जाने की मामले की जांच के लिए अरेराज गईं. बालिका गृह से चार लड़कियों के फरार हो जाने के मामले में संचालिका समेत बालिका गृह में रह रही बच्चियों से उन्होंने बात की. इस दौरान प्रेमा शाह ने बालिका गृह की व्यवस्था पर संतोष जताया, लेकिन पूछताछ के दौरान लड़कियों के उग्र तेवर को देखकर वह अचंभित रह गईं.
'कहीं से भी उचित नहीं'
प्रेमा शाह ने बाल संरक्षण इकाई के अधिकारियों समेत बालिका गृह के संचालिका को कई दिशा-निर्देश भी दिए. बाल संरक्षण आयोग की सदस्य प्रेमा शाह ने बताया कि बलहा सामूहिक दुष्कर्म कांड की नाबालिग पीड़िता को स्थानीय प्रशासन ने अपने हाल पर छोड़ रखा है, जो कहीं से भी उचित नहीं है. उन्होंने बताया कि स्थानीय प्रशासन को निर्देश दिया गया है कि वह पीड़िता के स्वास्थ्य का भी ध्यान रखे. क्योंकि गरीब परिवार होने के कारण पीड़िता की स्थिति काफी खराब है.
प्रेमा शाह ने बालिका गृह की जांच के दौरान अपने अनुभव को साझा करते हुए बताया कि बालिका गृह में रहने वाली लड़कियां खुद को मझदार में समझ रही हैं. इस कारण लड़कियों को यहां परेशानी होती है.
'लड़कियों के सामने दोहरी समस्या उत्पन्न'
बता दें कि बालिका गृह में रहने वाली लड़कियों की सुरक्षा को लेकर उन्हें बाहर निकलने नहीं दिया जाता है. इस कारण प्रेम विवाह करने वाली लड़कियों के सामने दोहरी समस्या उत्पन्न हो गई है. एक तो मां-बाप ने उन लड़कियों से कन्नी काट लिया है. दूसरी ओर प्रेम विवाह करने वाली लड़कियां अपने ससुराल पक्ष के लोगों से भी बात नहीं कर पाती है.