पूर्वी चम्पारण (रक्सौल): बिहार के पूर्वी चम्पारण (East Champaran) जिले के रक्सौल (Raxaul) में स्थित खेमचंद ताराचंद कॉलेज (Khemchand Tarachand College) का भवन जर्जर हो गया है. स्थिति यह है कि भवन का छत टूटकर गिर रहा है. बरसात के दिनों में यहां जल जमाव रहता है, जिसके कारण दीवार कमजोर हो गए हैं. छज्जा टूटकर गिर रहा है.
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लॉकडाउन के कारण अभी कॉलेज में छात्रों की पढ़ाई नहीं हो रही. कॉलेज खुला रहने के दौरान छज्जा टूटकर गिरता तो बड़ा हादसा हो सकता था. भवन के जिन कमरों में छत का हिस्सा टूककर गिर रहा है वहां बीसीए के छात्रों की क्लास होती है. कोरोना की दूसरी लहर थमने के बाद एक बार फिर कॉलेज में पढ़ाई पहले की तरह शुरू होने वाली है. ऐसे में कॉलेज भवन की जर्जर स्थिति से छात्र चिंतित हैं.
छात्रों का कहना है कि कॉलेज की स्थापना 1971 में हुई थी. कॉलेज के नए भवन का निर्माण 1984 में हुआ था. 1987 में कॉलेज का सरकारीकरण हो गया, लेकिन पुराने भवन में ना तो किसी प्रकार का मरम्मत कार्य हुआ और ना ही रंग-रोगन कराया गया. इसके चलते दो मंजिला भवन जर्जर हो गया है. इसमें पढ़ने वाले छात्रों की जान जोखिम में रहती है. स्थिति यह है कि कभी भी छत का बड़ा हिस्सा टूटकर गिर सकता है.
छात्रों ने कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर जयनारायण प्रसाद और बीआरए बिहार विश्वविद्यालय के कुलपति से जर्जर भवन की जल्द से जल्द मरम्मत कराने की मांग की है. छात्रों का कहना है कि विश्वविद्यालय ने सुध नहीं ली तो कॉलेज का भवन कभी भी ढह सकता है. बारिश के दिनों में पानी भवन के अहाते में भर जाता है. इसके चलते छात्रों और शिक्षकों को काफी परेशानी होती है. छात्रों ने कॉलेज के भवन की जल्द मरम्मत नहीं होने पर आंदोलन करने की चेतावनी भी दी है.
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