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NIA की विशेष अदालत ने जाली नोटों के तस्कर को दोषी करार दिया

जांच में पाया गया कि जब्त किए गए नकली नोट की तस्करी (Smuggling of counterfeit notes convicted) एक विदेशी देश से भारत में की गई थी और यह खेप नेपाल के आरोपी अबी मोहम्मद उर्फ नबी मोहम्मद को सुपुर्द की जानी थी. यह पता चला कि सैयद मुहम्मद शफी दरअसल एक पाकिस्तानी नागरिक है, लेकिन अब संयुक्त अरब अमीरात में रह रहा है. उसने अंतरराष्ट्रीय कूरियर सेवा के माध्यम से पार्सल भेजा था.

जाली नोटों का तस्कर दोषी करार
जाली नोटों का तस्कर दोषी करार
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Published : Jul 19, 2022, 9:48 AM IST

पटना/मोतिहारी: विशेष एनआईए अदालत (Bihar NIA Court) ने सोमवार को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में नकली भारतीय नोटों (एफआईसीएन) की तस्करी (Forged Currency Note) के आरोप में एक नेपाली नागरिक को दोषी ठहराया है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मोहम्मद अली अख्तर अंसारी के रूप में पहचाने जाने वाले व्यक्ति को भारत में एफआईसीएन के प्रसार में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले एफआईसीएन वाले पार्सल को जब्त करने का मामला शामिल था, जिसका अंकित मूल्य लगभग 25 लाख रुपये था.

ये भी पढ़ें: VIDEO : PFI कनेक्शन में गिरफ्तार नुरुद्दीन जंगी के साथ पुलिस वाले सत्तू पार्टी करते नजर आए

जाली नोटों का तस्कर दोषी करार: एनआईए ने कहा कि आरोपी 30 सितंबर, 2015 को रक्सौल में एफआईसीएन की खेप की डिलीवरी लेने आया था और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. जांच में पाया गया कि जब्त किए गए नकली नोट की तस्करी एक विदेशी देश से भारत में की गई थी और यह खेप नेपाल के आरोपी अबी मोहम्मद उर्फ नबी मोहम्मद को सुपुर्द की जानी थी. यह पता चला कि सैयद मुहम्मद शफी, एक पाकिस्तानी नागरिक, लेकिन अब संयुक्त अरब अमीरात में रह रहा है, ने अंतरराष्ट्रीय कूरियर सेवा के माध्यम से पार्सल भेजा था.

पूर्वी चंपारण में नकली नोटों का कारोबार: एनआईए द्वारा जांच के बाद, अंसारी और अबी मोहम्मद के खिलाफ दो आरोप पत्र, दोनों नेपाल से, सितंबर 2016 और अक्टूबर 2017 में दायर किए गए थे. बयान में कहा गया है कि अंसारी को आईपीसी की विभिन्न धाराओं और यूए (पी) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है और सजा की मात्रा 22 जुलाई को सुनाई जाएगी.

ये भी पढ़ें: रोहतास में NCB की बड़ी कार्रवाई, 390 ग्राम हेरोइन के साथ 2 तस्कर गिरफ्तार

पटना/मोतिहारी: विशेष एनआईए अदालत (Bihar NIA Court) ने सोमवार को बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में नकली भारतीय नोटों (एफआईसीएन) की तस्करी (Forged Currency Note) के आरोप में एक नेपाली नागरिक को दोषी ठहराया है. एक आधिकारिक बयान के अनुसार, मोहम्मद अली अख्तर अंसारी के रूप में पहचाने जाने वाले व्यक्ति को भारत में एफआईसीएन के प्रसार में शामिल होने के लिए दोषी ठहराया गया था, जिसमें उच्च गुणवत्ता वाले एफआईसीएन वाले पार्सल को जब्त करने का मामला शामिल था, जिसका अंकित मूल्य लगभग 25 लाख रुपये था.

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जाली नोटों का तस्कर दोषी करार: एनआईए ने कहा कि आरोपी 30 सितंबर, 2015 को रक्सौल में एफआईसीएन की खेप की डिलीवरी लेने आया था और बाद में उसे गिरफ्तार कर लिया गया. जांच में पाया गया कि जब्त किए गए नकली नोट की तस्करी एक विदेशी देश से भारत में की गई थी और यह खेप नेपाल के आरोपी अबी मोहम्मद उर्फ नबी मोहम्मद को सुपुर्द की जानी थी. यह पता चला कि सैयद मुहम्मद शफी, एक पाकिस्तानी नागरिक, लेकिन अब संयुक्त अरब अमीरात में रह रहा है, ने अंतरराष्ट्रीय कूरियर सेवा के माध्यम से पार्सल भेजा था.

पूर्वी चंपारण में नकली नोटों का कारोबार: एनआईए द्वारा जांच के बाद, अंसारी और अबी मोहम्मद के खिलाफ दो आरोप पत्र, दोनों नेपाल से, सितंबर 2016 और अक्टूबर 2017 में दायर किए गए थे. बयान में कहा गया है कि अंसारी को आईपीसी की विभिन्न धाराओं और यूए (पी) अधिनियम के तहत दोषी ठहराया गया है और सजा की मात्रा 22 जुलाई को सुनाई जाएगी.

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