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मोतिहारी: मौसम विभाग की चेतावनी के बाद अलर्ट मोड में प्रशासन, DM ने अधिकारियों को दिए निर्देश

डीएम ने कहा कि सिकरहना और गंडक नदी के जलस्तर और उसके तटबंधों की निगरानी की जा रही है. इसके अलावा अघवारा समूह की अन्य नदियों पर भी नजर रखी जा रही है.

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Published : Jul 10, 2020, 2:51 AM IST

Updated : Jul 10, 2020, 2:59 AM IST

मोतिहारी: मौसम विभाग ने 9 जुलाई से 12 जुलाई तक जिले में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी दी है. जिसके बाद जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है. नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में होने वाली बारिश के कारण जिले से होकर बहने वाली नदियों के जलस्तर के बढ़ने की संभावना है. लिहाजा यहां से बहने वाली दो प्रमुख नदियां गंडक और सिकरहना सहित सभी छोटी-बड़ी नदियों के जलस्तर की निगरानी शुरू कर दी गई है. साथ ही तटबंधों के रेनकट पर भी नजर रखी जा रही है.

डीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश
इस संबंध में जानकारी देते हुए डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि मुख्य रूप से सिकरहना और गंडक नदी के जलस्तर और उसके तटबंधों की निगरानी जरूरी है. इसके अलावा अघवारा समूह की अन्य नदियों पर भी नजर रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की टीम की तैनाती कर दी गई है. बाढ़ आने की स्थिति में बचाव और राहत कार्य के लिए सभी एसडीओ, बीडीओ और सीओ को निर्देश दिए गए हैं. सुरक्षित सेल्टरों को चिह्नित कर लिया गया है. साथ ही कम्युनिटी किचेन की तैयारियों को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं.

पेश है रिपोर्ट

यहां होता है नदियों का तांडव
बता दें कि जिले से होकर बहने वाली तमाम नदियां बरसात के दिनों में तांडव मचाती है. ढ़ाका अनुमंडल और बंजरिया प्रखंड का इलाका सर्वाधिक प्रभावित होता है. इसके अलावा पताही, मधुबन, मोतिहारी सदर, पकड़ीदयाल, सुगौली, रामगढ़वा और रक्सौल प्रखंड भी बाढ़ की चपेट में आते हैं. लिहाजा संभावित खतरे के मद्देनजर जिला प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है.

मोतिहारी: मौसम विभाग ने 9 जुलाई से 12 जुलाई तक जिले में भारी बारिश और वज्रपात की चेतावनी दी है. जिसके बाद जिला प्रशासन पूरी तरह अलर्ट मोड में है. नेपाल के जलग्रहण क्षेत्र में होने वाली बारिश के कारण जिले से होकर बहने वाली नदियों के जलस्तर के बढ़ने की संभावना है. लिहाजा यहां से बहने वाली दो प्रमुख नदियां गंडक और सिकरहना सहित सभी छोटी-बड़ी नदियों के जलस्तर की निगरानी शुरू कर दी गई है. साथ ही तटबंधों के रेनकट पर भी नजर रखी जा रही है.

डीएम ने अधिकारियों को दिए निर्देश
इस संबंध में जानकारी देते हुए डीएम शीर्षत कपिल अशोक ने बताया कि मुख्य रूप से सिकरहना और गंडक नदी के जलस्तर और उसके तटबंधों की निगरानी जरूरी है. इसके अलावा अघवारा समूह की अन्य नदियों पर भी नजर रखी जा रही है. उन्होंने बताया कि एनडीआरएफ की टीम की तैनाती कर दी गई है. बाढ़ आने की स्थिति में बचाव और राहत कार्य के लिए सभी एसडीओ, बीडीओ और सीओ को निर्देश दिए गए हैं. सुरक्षित सेल्टरों को चिह्नित कर लिया गया है. साथ ही कम्युनिटी किचेन की तैयारियों को लेकर भी निर्देश दिए गए हैं.

पेश है रिपोर्ट

यहां होता है नदियों का तांडव
बता दें कि जिले से होकर बहने वाली तमाम नदियां बरसात के दिनों में तांडव मचाती है. ढ़ाका अनुमंडल और बंजरिया प्रखंड का इलाका सर्वाधिक प्रभावित होता है. इसके अलावा पताही, मधुबन, मोतिहारी सदर, पकड़ीदयाल, सुगौली, रामगढ़वा और रक्सौल प्रखंड भी बाढ़ की चपेट में आते हैं. लिहाजा संभावित खतरे के मद्देनजर जिला प्रशासन ने अपनी कमर कस ली है.

Last Updated : Jul 10, 2020, 2:59 AM IST
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