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मोतिहारी के आदापुर SHO का कारनामा, अवैध पैसे की उगाही के लिए रच डाला षडयंत्र - ईटीवी भारत न्यूज

मोतिहारी के आदापुर एसएचओ (Adapur SHO of Motihari ) पर पैसे उगाही का आरोप लगा है लेकिन एसएचओ ने जो तरीका अपनाया उससे पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी भी सकते में हैं. पढ़ें.

Motihari SHO Mahendra Prasad
Motihari SHO Mahendra Prasad
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Published : Sep 9, 2022, 12:06 PM IST

Updated : Sep 9, 2022, 1:13 PM IST

मोतिहारी: अपने कारनामों से हमेशा चर्चा में रहने वाली पूर्वी चंपारण जिला पुलिस के एक एसएचओ की कारगुजारियों ने वरीय अधिकारियों को भी सकते में डाल दिया है. जिला के आदापुर थानाध्यक्ष का कारनामा चर्चा का विषय बना हुआ है. जमीनी विवाद के एक मामले में थानाध्यक्ष महेंद्र प्रसाद (Motihari SHO Mahendra Prasad) ने पैसा उगाही का एक नायाब तरीका खोज निकाला.

पढ़ें- सहरसा में महिला मुखिया का पुलिस पर आरोप, कुर्की-जब्ती में जब्त कई कीमती सामान गायब

मोतिहारी SHO पर गंभीर आरोप

आदापुर SHO ने किया फर्जी FIR: विगत 15 अगस्त को थाना में दिए गए आवेदन पर थानाध्यक्ष ने 26 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की और इस बीच थानाध्यक्ष ने खूब खेल किया. प्राथमिकी के लिए मिले आवेदन पर बिना कांड संख्या अंकित किए एसएचओ के हस्ताक्षर से विभिन्न धाराओं में एक फर्जी एफआईआर कॉफी तैयार करके आरोपितों से 80 हजार रुपये की अवैध उगाही (SHO Of Motihari Took 80 Thousand From Accused) की. जिसकी जानकारी मिलने पर एसपी डॉ. कुमार आशीष के भी होश उड़ गए और एसपी ने रक्सौल डीएसपी को इस मामले में जांच का जिम्मा सौंपा है.

जमीनी विवाद में की अवैध उगाही: दरअसल,आदापुर थाना क्षेत्र के श्यामपुर ब्लॉक कॉलनी की रहने वाली सरोज देवी ने विगत 15 अगस्त को स्थानीय थाना में जमीनी विवाद से संबंधित एक आवेदन दिया. जिसमें हरपुर थाना क्षेत्र के अवधेश साह के अलावा रिटायर्ड सीआईएसएफ जवान अनवर आलम समेत 5 नामजद और 20 अज्ञात को आरोपित किया गया. लेकिन थानाध्यक्ष ने 20 अगस्त को उस आवेदन पर बिना कांड संख्या अंकित किए प्राथमिकी दर्ज करने के पूर्व की सारी प्रक्रिया कर दी और कांड संख्या लिखने लायक जगह छोड़ दिया.

पीड़ित ने बताई पूरी सच्चाई: इस आवेदन की कॉपी को लेकर अनवर आलम के साथ ब्लैकमेलिंग का खेल शुरु हुआ. लगभग 80 हजार रुपया चौकीदार के माध्यम से वसूलने का आरोप अनवर आलम ने लगाया है. इसके बाद जब रुपया देने में अनवर आलम ने असमर्थता जतायी,तो 26 अगस्त को उसी आवेदन पर खाली छोड़े गए जगह पर कांड संख्या अंकित करके 20 अगस्त को 26 अगस्त बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ली गई.

"फर्जी एफआईआर के नाम पर थाना के दलाल के माध्यम से 80 रुपया रिश्वत लिया गया है. जिसमें चौकीदार ने बिचौलिया की भूमिका निभाई. डीजीपी के यहां स्पीड पोस्ट से आवेदन भेजकर अपनी शिकायत दर्ज करायी है. साथ ही एसपी से भी न्याय की गुहार लगाई है."- अनवर आलम, पीड़ित

एसपी ने दिए जांच के आदेश: इस मामले की जानकारी एसपी डॉ. कुमार आशीष को लगी तो वे भी चौंक गए. साथ ही उन्होंने इस मामले के जांच का जिम्मा रक्सौल एसडीपीओ को सौंप दिया है. एसपी डॉ. कुमार आशीष ने कहा कि जांच के बाद मामला स्पष्ट हो पाएगा और जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

"एक ही केस में दो एफआईआर करने की बात सामने आई है. साथ ही कुछ विलंब का भी आरोप लगाया जा रहा है. मामले में एसडीपीओ रक्सौल को जांच का जिम्मा दिया गया है. जांच के बाद रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी."- डॉ. कुमार आशीष, एसपी

मोतिहारी: अपने कारनामों से हमेशा चर्चा में रहने वाली पूर्वी चंपारण जिला पुलिस के एक एसएचओ की कारगुजारियों ने वरीय अधिकारियों को भी सकते में डाल दिया है. जिला के आदापुर थानाध्यक्ष का कारनामा चर्चा का विषय बना हुआ है. जमीनी विवाद के एक मामले में थानाध्यक्ष महेंद्र प्रसाद (Motihari SHO Mahendra Prasad) ने पैसा उगाही का एक नायाब तरीका खोज निकाला.

पढ़ें- सहरसा में महिला मुखिया का पुलिस पर आरोप, कुर्की-जब्ती में जब्त कई कीमती सामान गायब

मोतिहारी SHO पर गंभीर आरोप

आदापुर SHO ने किया फर्जी FIR: विगत 15 अगस्त को थाना में दिए गए आवेदन पर थानाध्यक्ष ने 26 अगस्त को प्राथमिकी दर्ज की और इस बीच थानाध्यक्ष ने खूब खेल किया. प्राथमिकी के लिए मिले आवेदन पर बिना कांड संख्या अंकित किए एसएचओ के हस्ताक्षर से विभिन्न धाराओं में एक फर्जी एफआईआर कॉफी तैयार करके आरोपितों से 80 हजार रुपये की अवैध उगाही (SHO Of Motihari Took 80 Thousand From Accused) की. जिसकी जानकारी मिलने पर एसपी डॉ. कुमार आशीष के भी होश उड़ गए और एसपी ने रक्सौल डीएसपी को इस मामले में जांच का जिम्मा सौंपा है.

जमीनी विवाद में की अवैध उगाही: दरअसल,आदापुर थाना क्षेत्र के श्यामपुर ब्लॉक कॉलनी की रहने वाली सरोज देवी ने विगत 15 अगस्त को स्थानीय थाना में जमीनी विवाद से संबंधित एक आवेदन दिया. जिसमें हरपुर थाना क्षेत्र के अवधेश साह के अलावा रिटायर्ड सीआईएसएफ जवान अनवर आलम समेत 5 नामजद और 20 अज्ञात को आरोपित किया गया. लेकिन थानाध्यक्ष ने 20 अगस्त को उस आवेदन पर बिना कांड संख्या अंकित किए प्राथमिकी दर्ज करने के पूर्व की सारी प्रक्रिया कर दी और कांड संख्या लिखने लायक जगह छोड़ दिया.

पीड़ित ने बताई पूरी सच्चाई: इस आवेदन की कॉपी को लेकर अनवर आलम के साथ ब्लैकमेलिंग का खेल शुरु हुआ. लगभग 80 हजार रुपया चौकीदार के माध्यम से वसूलने का आरोप अनवर आलम ने लगाया है. इसके बाद जब रुपया देने में अनवर आलम ने असमर्थता जतायी,तो 26 अगस्त को उसी आवेदन पर खाली छोड़े गए जगह पर कांड संख्या अंकित करके 20 अगस्त को 26 अगस्त बनाते हुए प्राथमिकी दर्ज कर ली गई.

"फर्जी एफआईआर के नाम पर थाना के दलाल के माध्यम से 80 रुपया रिश्वत लिया गया है. जिसमें चौकीदार ने बिचौलिया की भूमिका निभाई. डीजीपी के यहां स्पीड पोस्ट से आवेदन भेजकर अपनी शिकायत दर्ज करायी है. साथ ही एसपी से भी न्याय की गुहार लगाई है."- अनवर आलम, पीड़ित

एसपी ने दिए जांच के आदेश: इस मामले की जानकारी एसपी डॉ. कुमार आशीष को लगी तो वे भी चौंक गए. साथ ही उन्होंने इस मामले के जांच का जिम्मा रक्सौल एसडीपीओ को सौंप दिया है. एसपी डॉ. कुमार आशीष ने कहा कि जांच के बाद मामला स्पष्ट हो पाएगा और जांच रिपोर्ट के आधार पर ही आगे की कार्रवाई की जाएगी.

"एक ही केस में दो एफआईआर करने की बात सामने आई है. साथ ही कुछ विलंब का भी आरोप लगाया जा रहा है. मामले में एसडीपीओ रक्सौल को जांच का जिम्मा दिया गया है. जांच के बाद रिपोर्ट के आधार पर कार्रवाई की जाएगी."- डॉ. कुमार आशीष, एसपी

Last Updated : Sep 9, 2022, 1:13 PM IST
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