मोतिहारी: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में स्वास्थ्य महकमा अपने कारनामे की वजह से अक्सर चर्चाओं में रहता है. मृत चिकित्सक के नाम से रजिस्टर्ड दो अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित हो रहे हैं. हालांकि इस मामले को लेकर डीएम और सिविल सर्जन के पास आवेदन दिए गए हैं. लेकिन मृत चिकित्सक के नाम से अल्ट्रासाउंड सेंटर (Ultrasound Center) के हो रहे संचालन से सिविल सर्जन ऑफिस की भूमिका पर सवाल खड़ा हो रहा है.
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बता दें कि डॉ वीके सिंह के नाम पर जिले के पचपकड़ी और पकड़ीदयाल में अल्ट्रासाउंड सेंटर के संचालन के लिए सिविल सर्जन ऑफिस से रजिस्ट्रेशन नंबर निर्गत है. पचपकड़ी में संचालित यूनिक अल्ट्रासोनोग्राफी सेंटर (Unique Ultrasonography Center) का रजिस्ट्रेशन नंबर 129/19 है. जबकि पकड़ीदयाल में स्थित मानव अल्ट्रासाउंड सेंटर (Manav Ultrasound Center) का रजिस्ट्रेशन नंबर 107/19 है. जिसका संचालन डॉ वीके सिंह कर रहे थे.
विगत 19 जून को डॉ. वीके सिंह का निधन हो गया. लेकिन इसके बाद भी सिविल सर्जन ऑफिस से डॉ. वीके सिंह के नाम से निर्गत रजिस्ट्रेशन नंबर को रद्द करने के बदले सीएस ऑफिस के आशीर्वाद से दोनों अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित हो रहे हैं. फर्क सिर्फ इतना है कि मरीजों की जांच रिपोर्ट डॉ. एसके सिंह के नाम से दिया जा रहा है और जांच रिपोर्ट पर तिथि को नहीं दिखाया जा रहा है.
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इस मामले की जानकारी ईटीवी भारत (ETV Bharat) की टीम ने डीएम शीर्षत कपिल अशोक को दी. जिसके बाद डीएम ने इस मामले में संज्ञान लेते हुए दो सदस्यीय जांच टीम गठित करने की बात कही है. डीएम के अनुसार पीजीआरओ सदर और एसीएमओ के नेतृत्व में जांच दल का गठन किया गया है. उन्होंने कहा की जांच टीम को जल्द से जल्द पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपने की बात कही गई है.
इस मामले को लेकर जांच कराई जा रही है. जांच के क्रम में यदि यह सच पाया जाता है तो सख्त कार्रवाई की जाएगी. मृत चिकित्सक के नाम पर यदि अल्ट्रासाउंड सेंटर संचालित हो रहा है तो उसमें संलिप्त सभी लोग कार्रवाई के भागीदार रहेंगे. -शीर्षत कपिल अशोक, जिलाधिकारी