दरभंगाः जिले में बाढ़ की स्थिति अब भी विकराल बनी हुई है. भीषण बाढ़ ने जिला प्रशासन और जल संसाधन विभाग की बाढ़ पूर्व तैयारियों की पोल खोल कर रख दी है. ऐसा ही नजारा दिखा केवटी प्रखंड की करजापट्टी पंचायत के बिरने गांव में जहां बागमती नदी का जमींदारी बांध तीन दिन में लगातार तीसरी बार टूट गया. ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को सूचना दी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई.
तीसरी बार टूटा बांध
ग्रामीणों ने प्रशासन की अनदेखी के बाद खुद बांध को बांधने का काम शुरू कर दिया. रविवार को करीब 300 ग्रामीणों ने तेज धारा में लोहे के तारों को पेड़ से बांध कर प्लास्टिक के बोरे में मिट्टी भर कर किसी तरह बांध को बांध दिया. लेकिन ये तीसरी बार फिर से सोमवार को टूट गया. अब ग्रामीण और बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल की टीम फिर से बांध बांधने की कोशिश में लगे हुए हैं.
काम में जुटे 300 लोग
स्थानीय सुरेंद्र महतो ने बताया कि बांध टूट जाने से कई गांवों में बाढ़ का पानी तेजी से घुस रहा था. गांव के लोग बेहद चिंतित थे. अब करीब 300 लोग बांध को बांधने में लगे हुए हैं. नाश्ता-खाना सब बांध के पास ही हो रहा है. दिन-रात एक करके बांध को बांधने की कोशिश की जा रही है.
नहीं मिला प्रशासन की तरफ से रिस्पांस
वहीं, स्थानीय मनीष कुमार ने बताया कि ये बांध करीब 25 फीट तक टूट गया था. जिसकी सूचना प्रशासन को दी गई थी लेकिन वहां से जब कोई रिस्पांस नहीं मिला तो हमने खुद से बांध को बांधने का फैसला किया बाद में प्रशासन की टीम पहुंची.
जमीन अधिग्रहण का नहीं है प्रावधान
बाढ़ नियंत्रण प्रमंडल के अधीक्षण अभियंता नलिनी रंजन प्रसाद ने कहा कि बागमती नदी पर बने जमींदारी बांध को बांध लिया गया था. लेकिन बाढ़ का पानी बांध पर ओवर फ्लो हो रहा है इसलिए बार-बार दिक्कत हो रही है. उन्होंने कहा कि जमींदारी बांध में जमीन अधिग्रहण करने का प्रावधान नहीं है. जिससे जो जमीन उपलब्ध रहती है उसी पर बांध बनता है और उसकी मरम्मत होती है इसलिए जलस्तर ज्यादा होने पर ये टूट जाते हैं.
लाधा गांव में भी टूटा बांध
अधीक्षण अभियंता नलिनी रंजन प्रसाद ने बताया कि इस बार नदी का जलस्तर ज्यादा हो गया है. जिससे परेशानी हो रही है. उन्होंने बताया कि एक अन्य जगह लाधा गांव में बांध टूट गया है और वहां पानी का बहाव काफी तेज है. बहाव कम होने पर बांध को बांधने का काम शुरू किया जाएगा.