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मातृ-शिशु मृत्यु दर को कम करने में 'वंडर एप' की बड़ी भूमिका- सीएस

सीएस डॉ. अमरेंद्र नारायण झा ने कहा कि इस एप के सहारे से जिले के किसी सुदूर पीएचसी-सीएचसी में जैसे ही कोई गर्भवती महिला निबंधित होती है. उसके बाद प्रसव तक उसके इलाज और देखभाल की सारी गतिविधियां इस एप में रिकॉर्ड होती है.

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Published : Jan 31, 2020, 11:43 PM IST

दरभंगा: जिले में मातृत्व मृत्यु दर को कम करने के लिए मोबाइल एप 'वंडर एप' की शुरूआत की गई. इस मामले पर सिविल सर्जन डॉ. अमरेंद्र नारायण झा ने बताया कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी में 'वंडर एप' की बड़ी भूमिका है. उन्होंने इस प्रयोग को अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया.

'गर्भवती महिला का प्रसव तक होता है इलाज'
सीएस डॉ. अमरेंद्र नारायण झा ने कहा कि इस एप के सहारे से जिले के किसी सुदूर पीएचसी-सीएचसी में जैसे ही कोई गर्भवती महिला निबंधित होती है. उसके बाद प्रसव तक उसके इलाज और देखभाल की सारी गतिविधियां इस एप में रिकॉर्ड होती है.

पूरे प्रदेश में किया जाएगा लागू
इस एप का इस्तेमाल फिलहाल बिहार में केवल दरभंगा में हो रहा है. एप के वजह से मातृ-शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आई है. दरभंगा के बाद अब इस एप को पूरे बिहार में लागू किए जाने की तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को मैं रिटायर हो रहां हूं. लेकिन मेरे कार्यकाल में इस एप का लागू होना मेरी बड़ी उपलब्धियों में से एक है.

देखें पूरी रिपोर्ट

मई 2019 में हुई थी शुरूआत
बता दें कि 'वंडर एप' फिलहाल बिहार में केवल दरभंगा में लागू है. इसकी शुरुआत मई 2019 में हुई थी. इस एप का विकास भारतीय मूल की एक अमेरिकी प्रसूती रोग विशेषज्ञ डॉ. नर्मदा कुप्पुस्वामी ने किया है. भारत में इसकी शुरूआत तमिलनाडु से हुई थी. दरभंगा में इसकी सफलता को देखते हुए अब राज्य सरकार इसे पूरे बिहार में लागू करने जा रही है. गौरतलब है कि सीएस डॉ. अमरेंद्र नारायण झा शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए. इस मौके पर विभाग के चिकित्सकों और राज्य स्वास्थ्य समिति से जुड़े कर्मियों ने उन्हें विदाई दी. मौके पर नए सीएस डॉ. अनिल कुमार, डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. एमके शुक्ला समेत कई चिकित्सक और कर्मी मौजूद रहे.




दरभंगा: जिले में मातृत्व मृत्यु दर को कम करने के लिए मोबाइल एप 'वंडर एप' की शुरूआत की गई. इस मामले पर सिविल सर्जन डॉ. अमरेंद्र नारायण झा ने बताया कि मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी में 'वंडर एप' की बड़ी भूमिका है. उन्होंने इस प्रयोग को अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया.

'गर्भवती महिला का प्रसव तक होता है इलाज'
सीएस डॉ. अमरेंद्र नारायण झा ने कहा कि इस एप के सहारे से जिले के किसी सुदूर पीएचसी-सीएचसी में जैसे ही कोई गर्भवती महिला निबंधित होती है. उसके बाद प्रसव तक उसके इलाज और देखभाल की सारी गतिविधियां इस एप में रिकॉर्ड होती है.

पूरे प्रदेश में किया जाएगा लागू
इस एप का इस्तेमाल फिलहाल बिहार में केवल दरभंगा में हो रहा है. एप के वजह से मातृ-शिशु मृत्यु दर में काफी कमी आई है. दरभंगा के बाद अब इस एप को पूरे बिहार में लागू किए जाने की तैयारी चल रही है. उन्होंने कहा कि शुक्रवार को मैं रिटायर हो रहां हूं. लेकिन मेरे कार्यकाल में इस एप का लागू होना मेरी बड़ी उपलब्धियों में से एक है.

देखें पूरी रिपोर्ट

मई 2019 में हुई थी शुरूआत
बता दें कि 'वंडर एप' फिलहाल बिहार में केवल दरभंगा में लागू है. इसकी शुरुआत मई 2019 में हुई थी. इस एप का विकास भारतीय मूल की एक अमेरिकी प्रसूती रोग विशेषज्ञ डॉ. नर्मदा कुप्पुस्वामी ने किया है. भारत में इसकी शुरूआत तमिलनाडु से हुई थी. दरभंगा में इसकी सफलता को देखते हुए अब राज्य सरकार इसे पूरे बिहार में लागू करने जा रही है. गौरतलब है कि सीएस डॉ. अमरेंद्र नारायण झा शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए. इस मौके पर विभाग के चिकित्सकों और राज्य स्वास्थ्य समिति से जुड़े कर्मियों ने उन्हें विदाई दी. मौके पर नए सीएस डॉ. अनिल कुमार, डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. एमके शुक्ला समेत कई चिकित्सक और कर्मी मौजूद रहे.




Intro:दरभंगा। जिले के सिविल सर्जन डॉ. अमरेंद्र नारायण झा ने दरभंगा में मातृ-शिशु मृत्यु दर में कमी में 'वंडर एप' की बड़ी भूमिका बताई है। उन्होंने इस प्रयोग को अपने कार्यकाल की सबसे बड़ी उपलब्धि बताया। डॉ.. झा शुक्रवार को सेवानिवृत्त हो गए। उन्हें वि्भाग के चिकित्सकों और राज्य स्वास्थ्य समिति से जुड़े कर्मियों ने विदाई दी। विदाई के मौके पर नए सीएस डॉ. अनिल कुमार, डॉ. मिथिलेश कुमार, डॉ. एमके शुक्ला समेत कई चिकित्सक व कर्मी मौजूद थे।Body:डॉ. अमरेंद्र नारायण झा ने कहा कि वंडर एप दरभंगा के डीएम डॉ. त्यागराजन एसएम के नेतृत्व में उनके कार्यकाल में उनकी टीम की सबसे बड़ी उपलब्धि है। जिले के किसी सुदूर पीएचसी-सीएचसी में कोई गर्भवती महिला निबंधित होती है। उसके बाद से उसके प्रसव तक के इलाज और देखभाल की सारी गतिविधि इस एप में रिकॉर्ड होती है। इसकी वजह से मातृ-शिशु मृत्यु दर में दरभंगा में कमी आई है। दरभंगा के बाद अब इस एप को पूरे बिहार में लागू किए जाने की तैयारी पर बेहद खुशी जताते हुए उन्होंने कहा कि ऐसा लग रहा है जैसे उनके पुत्र ने कोई बड़ी प्रतियोगिता जीत ली हो। Conclusion:बता दें कि वंडर एप फिलहाल बिहार में केवल दरभंगा में लागू है। यहां इसकी शुरुआत मई 2019 में हुई थी। इस एप का विकास भारतीय मूल की एक अमेरिकी प्रसूती रोग विशेषज्ञ डॉ. नर्मदा कुप्पुस्वामी ने किया है। भारत में इसकी शुरुआत तमिलनाडु से हुई थी। दरभंगा में इसकी सफलता को देखते अब राज्य सरकार इसे पूरे बिहार में लागू करने जा रही है।

बाइट 1- डॉ. अमरेंद्र नारायण झा, सेवा निवृत्त सीएस.

विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
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