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दरभंगा: मदर्स डे पर भाजयुमो नेताओं ने महिलाओं को पुष्प देकर किया सम्मानित - भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा

भाजयुमों नेता का कहना है कि भारतीय संस्कृति इसकी इजाजत नहीं देती है. भारतीय संस्कृति में प्रत्येक दिन मातृदिवस होनी चाहिए, मां बच्चे का पहला गुरु है.

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Published : May 10, 2020, 9:53 PM IST

दरभंगा: जिले में कोरोना महामारी के बीच मातृ दिवस मनाया गया. इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की तरफ से टेकटार पंचायत के पासवान टोले में मातृ दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमे संगठन के महिलाओं को पुष्प देकर सम्मानित किया गया. वहीं, बच्चों के बीच बिस्कुट व अन्य चीजों का वितरण किया गया.

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा की बच्चों का प्रथम गुरु मां ही होती है. उसके बाद ही विद्यालय के शिक्षक गुरु होते हैं. माताओं के प्रथम शिक्षा, संस्कार से ही बच्चों का भविष्य तय होता है. बच्चे का उज्जवल भविष्य बनाने में मां का सबसे अहम रोल होता है. मां को चाहिए कि बच्चे के दिन की शुरुआत उसकी प्रशंसा से करें. क्योंकि प्रशंसा सुनना सबको अच्छा लगता है वहीं, प्रशंसा एक ऊर्जा का संचार होता है जो आगे बढने के लिए प्रेरित करती है.

darbhanga
बच्चों के बीच बिस्किट बांटते भाजयुमों

हर दिन हो मातृ दिवस

वहीं, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष डॉ. भारद्वाज ने कहा कि मातृ दिवस के अवसर पर बगल के टोले में उपस्थित महिलाओं को पुष्प देके समानित किया गया है. इसके साथ ही छोटे-छोटे बच्चे को बिस्किट दिया गया. डॉ. भारद्वाज में बताया कि मातृ दिवस को माताओं के दिवस मनाया जाए. भारतीय संस्कृति इसकी इजाजत नहीं देती है. भारतीय संस्कृति में प्रत्येक दिन मातृदिवस होनी चाहिए मां बच्चे का पहला गुरु है.

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युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष डॉ. भारद्वाज

दरभंगा: जिले में कोरोना महामारी के बीच मातृ दिवस मनाया गया. इस अवसर पर भारतीय जनता पार्टी युवा मोर्चा की तरफ से टेकटार पंचायत के पासवान टोले में मातृ दिवस कार्यक्रम का आयोजन किया गया. जिसमे संगठन के महिलाओं को पुष्प देकर सम्मानित किया गया. वहीं, बच्चों के बीच बिस्कुट व अन्य चीजों का वितरण किया गया.

इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा की बच्चों का प्रथम गुरु मां ही होती है. उसके बाद ही विद्यालय के शिक्षक गुरु होते हैं. माताओं के प्रथम शिक्षा, संस्कार से ही बच्चों का भविष्य तय होता है. बच्चे का उज्जवल भविष्य बनाने में मां का सबसे अहम रोल होता है. मां को चाहिए कि बच्चे के दिन की शुरुआत उसकी प्रशंसा से करें. क्योंकि प्रशंसा सुनना सबको अच्छा लगता है वहीं, प्रशंसा एक ऊर्जा का संचार होता है जो आगे बढने के लिए प्रेरित करती है.

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बच्चों के बीच बिस्किट बांटते भाजयुमों

हर दिन हो मातृ दिवस

वहीं, युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष डॉ. भारद्वाज ने कहा कि मातृ दिवस के अवसर पर बगल के टोले में उपस्थित महिलाओं को पुष्प देके समानित किया गया है. इसके साथ ही छोटे-छोटे बच्चे को बिस्किट दिया गया. डॉ. भारद्वाज में बताया कि मातृ दिवस को माताओं के दिवस मनाया जाए. भारतीय संस्कृति इसकी इजाजत नहीं देती है. भारतीय संस्कृति में प्रत्येक दिन मातृदिवस होनी चाहिए मां बच्चे का पहला गुरु है.

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युवा मोर्चा जिलाध्यक्ष डॉ. भारद्वाज
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