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ग्राउंड रिपोर्ट : कोरोना का कहर झेल रहे किसानों पर बेमौसम बारिश की मार, खेतों में सड़ गई गेहूं की फसल

पानी में डूबे भूसे को छान कर निकाल रहे परमानंद यादव ने कहा कि यही भूसा अपने पशुओं को खिलाएंगे. इसलिए पानी से निकाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि बारिश की वजह सारी उम्मीद टूट गई है.

गेहूं की फसल
गेहूं की फसल
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Published : Apr 30, 2020, 11:35 PM IST

दरभंगा : कोरोना महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन के कारण किसान अपनी फसल समय पर नहीं काट सके. इसके बाद बेमौसम हुई बारिश ने किसानों पर दोहरी मार डाल दी है. जिले के अधिकतर इलाकों में गेहूं की फसल बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ गई. कई इलाकों के खेतों में अब भी पानी लगा है. कहीं खड़ी फसल डूबी पड़ी है, तो कहीं काट कर रखी फसल खेतों में ही सड़ गई.

अब हाल ये है कि तैयार फसल की बालियों में अंकुरण हो रहा है. इसको देख कर किसान आठ-आठ आंसू बहा रहे हैं. उनके सामने कई समस्याएं उठ खड़ी हुई हैं. वे कहां से खाएंगे, कहां से कर्ज चुकाएंगे और कहां से अगली फसल लगाएंगे, इसकी चिंता उन्हें खाए जा रही है. वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. ईटीवी भारत संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव ने गांवों में जाकर खेतों का हाल देखा और किसानों का दर्द जाना.

देखें पूरी रिपोर्ट

खाली छोड़ देंगे जमीन
हनुमान नगर प्रखंड के पंचोभ, उधोपट्टी, मोहम्मदपुर, भड़ौल आदि गांवों के कमोबेश सभी किसानों का एक ही दर्द है कि उनके नुकसान की भरपाई कैसे होगी. किसान उदय कुमार ने कहा कि उनके नुकसान की भरपाई केवल सरकार कर सकती है, अगर नहीं करेगी तो उनकी सारी उम्मीद टूट जाएगी. वहीं, राम प्रसाद ने कहा कि बारिश की वजह से फसल पूरी तरह सड़ गई है. उनकी चिंता ये है कि महाजन और बैंक का कर्ज कैसे चुकाएंगे. उन्होंने कहा कि वे किसान हैं. खेती से ही उनके परिवार का जीवन है. सरकार अगर मदद करेगी, तो अगली फसल रोपेंगे अन्यथा अब हिम्मत जवाब दे गई है. खाली जमीन छोड़ देंगे.

darbhanga
गेहूं की फसल

बारिश की वजह टूट गई सारी उम्मीद
बलराम कुमार यादव ने कहा कि एक बीघा गेहूं की फसल में उनका 20-25 हजार खर्च हो गया था. कर्ज लेकर पूरी खेती की थी. लॉकडाउन की वजह से फसल समय पर नहीं काट सका. उसके बाद बारिश ने फसल बर्बाद कर दी. उन्होंने सरकार से गुहार लगाई कि उनकी मदद करे ताकि कर्ज चुका सकें. अगर मदद नहीं मिली तो अगली फसल भी नहीं लगा पाएंगे. वहीं, पानी में डूबे भूसे को छान कर निकाल रहे परमानंद यादव ने कहा कि यही भूसा अपने पशुओं को खिलाएंगे. इसलिए पानी से निकाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि बारिश की वजह सारी उम्मीद टूट गई है.

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गेहूं की फसल

मुफ्त में दिया जाए खाद-बीज
अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष राजीव कुमार चौधरी ने कहा कि संकट की इस स्थिति में सरकार को किसानों की मदद करनी पड़ेगी. उन्होंने सरकार से किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार देने की मांग की है. साथ ही किसानों का पूरा खर्च माफ किया जाए. इसके अलावा अगली फसल उगाने के लिए किसानों को मुफ्त में खाद-बीज और कृषि यंत्र दिया जाए.

दरभंगा : कोरोना महामारी की वजह से जारी लॉकडाउन के कारण किसान अपनी फसल समय पर नहीं काट सके. इसके बाद बेमौसम हुई बारिश ने किसानों पर दोहरी मार डाल दी है. जिले के अधिकतर इलाकों में गेहूं की फसल बेमौसम बारिश की भेंट चढ़ गई. कई इलाकों के खेतों में अब भी पानी लगा है. कहीं खड़ी फसल डूबी पड़ी है, तो कहीं काट कर रखी फसल खेतों में ही सड़ गई.

अब हाल ये है कि तैयार फसल की बालियों में अंकुरण हो रहा है. इसको देख कर किसान आठ-आठ आंसू बहा रहे हैं. उनके सामने कई समस्याएं उठ खड़ी हुई हैं. वे कहां से खाएंगे, कहां से कर्ज चुकाएंगे और कहां से अगली फसल लगाएंगे, इसकी चिंता उन्हें खाए जा रही है. वे सरकार से मदद की गुहार लगा रहे हैं. ईटीवी भारत संवाददाता विजय कुमार श्रीवास्तव ने गांवों में जाकर खेतों का हाल देखा और किसानों का दर्द जाना.

देखें पूरी रिपोर्ट

खाली छोड़ देंगे जमीन
हनुमान नगर प्रखंड के पंचोभ, उधोपट्टी, मोहम्मदपुर, भड़ौल आदि गांवों के कमोबेश सभी किसानों का एक ही दर्द है कि उनके नुकसान की भरपाई कैसे होगी. किसान उदय कुमार ने कहा कि उनके नुकसान की भरपाई केवल सरकार कर सकती है, अगर नहीं करेगी तो उनकी सारी उम्मीद टूट जाएगी. वहीं, राम प्रसाद ने कहा कि बारिश की वजह से फसल पूरी तरह सड़ गई है. उनकी चिंता ये है कि महाजन और बैंक का कर्ज कैसे चुकाएंगे. उन्होंने कहा कि वे किसान हैं. खेती से ही उनके परिवार का जीवन है. सरकार अगर मदद करेगी, तो अगली फसल रोपेंगे अन्यथा अब हिम्मत जवाब दे गई है. खाली जमीन छोड़ देंगे.

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गेहूं की फसल

बारिश की वजह टूट गई सारी उम्मीद
बलराम कुमार यादव ने कहा कि एक बीघा गेहूं की फसल में उनका 20-25 हजार खर्च हो गया था. कर्ज लेकर पूरी खेती की थी. लॉकडाउन की वजह से फसल समय पर नहीं काट सका. उसके बाद बारिश ने फसल बर्बाद कर दी. उन्होंने सरकार से गुहार लगाई कि उनकी मदद करे ताकि कर्ज चुका सकें. अगर मदद नहीं मिली तो अगली फसल भी नहीं लगा पाएंगे. वहीं, पानी में डूबे भूसे को छान कर निकाल रहे परमानंद यादव ने कहा कि यही भूसा अपने पशुओं को खिलाएंगे. इसलिए पानी से निकाल रहे हैं. उन्होंने कहा कि बारिश की वजह सारी उम्मीद टूट गई है.

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गेहूं की फसल

मुफ्त में दिया जाए खाद-बीज
अखिल भारतीय किसान सभा के जिलाध्यक्ष राजीव कुमार चौधरी ने कहा कि संकट की इस स्थिति में सरकार को किसानों की मदद करनी पड़ेगी. उन्होंने सरकार से किसानों को प्रति हेक्टेयर 50 हजार देने की मांग की है. साथ ही किसानों का पूरा खर्च माफ किया जाए. इसके अलावा अगली फसल उगाने के लिए किसानों को मुफ्त में खाद-बीज और कृषि यंत्र दिया जाए.

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