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भारी बारिश से बिगाड़ा किचेन का बजट, आसमान पर हरी सब्जियों के भाव

कुछ सब्जियां तो दोगुने भाव में बिक रही हैं. गुदरी बाजार, स्टेशन चौक, कादिराबाद और कटहलबाड़ी समेत सभी छोटी-बड़ी सब्जी मंडियों का एक ही हाल है. उधर, थोक विक्रेताओं की परेशानी अलग है. बारिश की वजह से गोदाम में कई सब्जियां सड़ने लगी हैं.

भारी बारिश से बिगाड़ा किचेन का बजट
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Published : Oct 1, 2019, 10:25 PM IST

दरभंगाः जिले में प्याज तो पहले से ही लोगों के आंसू निकाल रहा था अब चार दिनों तक हुई बारिश ने हरी सब्जियों के भाव भी आसमान पर पहुंचा दिए है. अधिकतर हरी सब्जियों की आवक कम होने की वजह से इनकी स्थानीय बाजार में कमी हो गयी है.

बारिश से गोदाम में सड़ने लगी सब्जियां
कुछ सब्जियां तो दोगुने भाव में बिक रही हैं. गुदरी बाजार, स्टेशन चौक, कादिराबाद और कटहलबाड़ी समेत सभी छोटी-बड़ी सब्जी मंडियों का एक ही हाल है.थोक विक्रेताओं की परेशानी अलग है. बारिश की वजह से गोदाम में कई सब्जियां सड़ने लगी हैं.

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सब्जी खरीदते ग्राहक

क्या कहते है खरीददार
स्थानीय खरीदार गणेश प्रसाद ने बताया कि बारिश की वजह से हरी सब्जी खरीदना अब आम लोगों के वश में नहीं है. कम सब्जी खरीद कर ही काम चलाना पड़ रहा है. पहले परवल 30 रुपये किलो मिलता था वह अब 50 से 60 रुपये किलो तक मिल रहा है. इसी तरह दूसरी सब्जियों के भाव भी बढ़ गए हैं.

भारी बारिश से बिगाड़ा किचेन का बजट

सब्जियों के भाव बढ़े
सब्जी विक्रेता ने बताया कि बारिश की वजह से सब्जियों की आवक कम हो गयी है. भारी बारिश से परवल, नेनुआ और करेला जैसी सब्जियों के पौधे खेत में खराब होने लगते है. इस वजह से उनका उत्पादन कम हो जाता है. उन्होंने बताया कि 30 रुपये बिकने वाला परवल अब 50 से 60 रुपये, 25 रुपये बिकने वाला कद्दू, बैंगन और पत्तागोभी 40 रुपये, 30 रुपये तक बिकने वाला टमाटर 40 रुपये तक, 30 रुपये वाला नेनुआ 40 रुपये, 40 रुपये किलो वाला करेला अब 60 रुपये, 60 रुपये किलो तक बिकने वाली हरी मिर्च 160 रुपये किलो तक पहुंच गयी है.

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बाजार में मौजूद सब्जियां

क्या कहते है विक्रेता
थोक सब्जी विक्रेता रामलखन यादव ने बताया कि वे नासिक से 34 रुपये प्रति किलो तक टमाटर मंगाते हैं और स्टोर की व्यवस्था नहीं होने की वजह से 28-29 रुपये प्रति किलो की दर से खुदरा दुकानदारों को बेच रहे हैं.

दरभंगाः जिले में प्याज तो पहले से ही लोगों के आंसू निकाल रहा था अब चार दिनों तक हुई बारिश ने हरी सब्जियों के भाव भी आसमान पर पहुंचा दिए है. अधिकतर हरी सब्जियों की आवक कम होने की वजह से इनकी स्थानीय बाजार में कमी हो गयी है.

बारिश से गोदाम में सड़ने लगी सब्जियां
कुछ सब्जियां तो दोगुने भाव में बिक रही हैं. गुदरी बाजार, स्टेशन चौक, कादिराबाद और कटहलबाड़ी समेत सभी छोटी-बड़ी सब्जी मंडियों का एक ही हाल है.थोक विक्रेताओं की परेशानी अलग है. बारिश की वजह से गोदाम में कई सब्जियां सड़ने लगी हैं.

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सब्जी खरीदते ग्राहक

क्या कहते है खरीददार
स्थानीय खरीदार गणेश प्रसाद ने बताया कि बारिश की वजह से हरी सब्जी खरीदना अब आम लोगों के वश में नहीं है. कम सब्जी खरीद कर ही काम चलाना पड़ रहा है. पहले परवल 30 रुपये किलो मिलता था वह अब 50 से 60 रुपये किलो तक मिल रहा है. इसी तरह दूसरी सब्जियों के भाव भी बढ़ गए हैं.

भारी बारिश से बिगाड़ा किचेन का बजट

सब्जियों के भाव बढ़े
सब्जी विक्रेता ने बताया कि बारिश की वजह से सब्जियों की आवक कम हो गयी है. भारी बारिश से परवल, नेनुआ और करेला जैसी सब्जियों के पौधे खेत में खराब होने लगते है. इस वजह से उनका उत्पादन कम हो जाता है. उन्होंने बताया कि 30 रुपये बिकने वाला परवल अब 50 से 60 रुपये, 25 रुपये बिकने वाला कद्दू, बैंगन और पत्तागोभी 40 रुपये, 30 रुपये तक बिकने वाला टमाटर 40 रुपये तक, 30 रुपये वाला नेनुआ 40 रुपये, 40 रुपये किलो वाला करेला अब 60 रुपये, 60 रुपये किलो तक बिकने वाली हरी मिर्च 160 रुपये किलो तक पहुंच गयी है.

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बाजार में मौजूद सब्जियां

क्या कहते है विक्रेता
थोक सब्जी विक्रेता रामलखन यादव ने बताया कि वे नासिक से 34 रुपये प्रति किलो तक टमाटर मंगाते हैं और स्टोर की व्यवस्था नहीं होने की वजह से 28-29 रुपये प्रति किलो की दर से खुदरा दुकानदारों को बेच रहे हैं.

Intro:दरभंगा। प्याज तो पहले से लोगों के आंसू निकाल रहा था अब चार दिनों तक हुई बारिश ने हरी सब्जियों का भाव भी आसमान पर पहुंचा दिया है। अधिकतर हरी सब्जियों की आवक कम होने की वजह से इनकी स्थानीय बाजार में कमी हो गयी है। इसकी वजह से सभी सब्जियों के दाम बढ़ गए हैं। कुछ सब्जियां तो दोगुने भाव में बिक रही हैं। गुदरी बाजार, स्टेशन चौक, कादिराबाद और कटहलबाड़ी समेत सभी छोटी-बड़ी सब्जी मंडियों का एक ही हाल है। उधर, थोक विक्रेताओं का अलग रोना है। बारिश की वजह से गोदाम में कई सब्जियां सड़ने लगी हैं। Body:स्थानीय खरीदार गणेश प्रसाद ने बताया कि बारिश की वजह से हरी सब्जी खरीदना अब आम लोगों के वश में नहीं है। कम सब्जी खरीद कर ही काम चलाना पड़ रहा है। पहले परवल 30 रुपये किलो बिकता था वह अब 50 से 60 रुपये किलो तक मिल रहा है। इसी तरह दूसरी सब्जियों के भाव भी बढ़ गये हैं।

सब्जी विक्रेता दुखी साह ने बताया कि बारिश की वजह से सब्जियों की आवक कम हो गयी है। परवल, नेनुआ और करेला जैसी सब्जियों की लत्तर खेत में गलने लगती हैं। इसकी वजह से उनका उत्पादन कम हो जाता है। दूसरी तरफ उन्हें रखना भी भारी पड़ रहा है। साग और कई सब्जियां गलने लगती हैं। उन्होंने बताया कि 30 रुपये बिकने वाला परवल अब 50 से 60 रुपये, 25 रुपये बिकने वाला कद्दू, बैंगन और पत्ता गोेभी 40 रुपये, 30 रुपये तक बिकने वाला टमाटर 40 रुपये तक, 30 रुपये वाला नेनुआ 40 रुपये, 40 रुपये किलो वाला करेला अब 60 रुपये, 60 रुपये किलो तक बिकने वाली हरी मिर्च 160 रुपये किलो तक पहुंच गयी है। उन्होंने कहा कि भाव बढ़ने की वजह से लोग बाजार में कम आ रहे हैं। इसकी वजह से उन्हें घाटा हो रहा है। Conclusion:दूसरी तरफ थोक सब्जी विक्रेता रामलखन यादव ने बताया कि वे नासिक से 34 रुपये प्रति किलो तक टमाटर मंगाते हैं। बारिश की वजह से टमाटर निकल नहीं पा रहा है। गोदाम में सड़ने लगता है। इसकी वजह से वे 28-29 रुपये प्रति किलो की दर से खुदरा दुकानदारों को बेच रहे हैं। प्रति किलो 5-6 रुपये का घाटा हो रहा है।


बाइट 1- गणेश प्रसाद, स्थानीय
बाइट 2- दुखी साह, खुदरा सब्जी विक्रेता
बाइट 3- रामलखन यादव, थोक सब्जी विक्रेता

विजय कुमार श्रीवास्तव
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