दरभंगा: बिहार सरकार के जल संसाधन विभाग के पहल पर 965 करोड़ की लागत से मृत जीवछ नदी की उराही का कार्य शुरू कर दिया गया है. नदी का उराहीकरण होने से जहां लोगों को बाढ़ का दंश नहीं खेलना पड़ेगा, वहीं दूसरी तरफ से लोगों को सुखाड़ से भी निजात मिलेगी. पटना के बीएन सिंह कंस्ट्रक्शन की ओर से बेनीपुर प्रखंड के नारबांध चौक के नजदीक से जीवछ नदी का उराहीकरण कार्य की शुरुआत की गई है.
'सलुईस गेट और चेकडैम का होगा निर्माण'
बताया जा रहा है कि जीवछ नदी का उराहीकरण का प्रथम चरण में बेनीपुर प्रखंड के नारबंध बांध के नजदीक से लेकर बलनी गांव के बारा जमीदारी बांध तक करवाया जाएगा. वहीं बारिश के बाद जब नदी में पानी कम रहेगा, तब दूसरे चरण में आगे बहेरी और बिरौल प्रखंड तक उराही होगी. नदी में प्रत्येक 3 किलोमीटर पर सलुईस गेट और चेकडैम का निर्माण किया जाएगा. विभाग की ओर से जून 2021 तक काम पूरा करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
कंस्ट्रक्शन कंपनी के कर्मी विमल देव ने कहा कि सरकार के निर्देश पर जीवछ नदी की उराही का काम पिछले 6 दिनों से चल रहा है. इस उराही कार्य मे फिलहाल 8 मशीनों की मदद ली जा रही है. वहीं, उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से निर्धारित समय में काम खत्म करने की कोशिश की जा रही है.
'उराहीकरण से आसपास के किसानों को मिलेगा लाभ'
जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने कहा कि जीवछ नदी का सर्वे का काम हमलोग ने कोरोना संक्रमण से पहले शुरू किए थे. फिलहाल इसमें दो योजना की स्वीकृति मिली है. जल संसाधन विभाग के देखरेख में जीवछ नदी की उराही का कार्य शुरू कर दिया गया है. इस योजना का मुख्य उद्देश्य है कि मृत नदी को फिर से जीवित कर आस पास के किसानों को लाभ दिया जा सके.