ETV Bharat / state

बिहार में विश्वविद्यालयों के अधिकारियों की नियुक्ति अधिनियम में संशोधन, सरकार ने जारी किया गजट - गजट का प्रकाशन

बिहार सरकार ने यूनिवर्सिटी अधिनियम में संसोधन किया है. इसके अनुसार अब कॉलेजों के प्रधानाचार्यों और विवि के अधिकारियों की तदर्थ नियुक्ति के बजाए स्थायी नियुक्ति होगी. इस नियमों से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को अवगत करवा दिया गया है.

university officers appointment act amendment
university officers appointment act amendment
author img

By

Published : Apr 12, 2021, 10:48 PM IST

दरभंगा: सरकार ने बिहार विश्वविद्यालय और पटना विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन किया है. अधिनियम में संसोधन कर कॉलेजों के प्रधानाचार्यों और विवि के अधिकारियों की तदर्थ नियुक्ति के बजाए स्थायी नियुक्ति के संबंध में नए नियम बनाए गए हैं. सरकार ने इसको लेकर गजट का प्रकाशन किया है. इस गजट के नियमों से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को अवगत करवा दिया गया है.

ये भी पढे़ं- LNMU के संगीत-नाट्य विभाग में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन, लोक गायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा ने दिया व्याख्यान

इस संबंध में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. मुश्ताक अहमद ने बताया कि राजभवन और बिहार सरकार से विश्वविद्यालय को लेकर नए नियमों से संबंधित गजट मिला है. नए नियमों के तहत अब कॉलेजों के प्रधानाचार्यों की नियुक्ति विश्वविद्यालय की कमेटी के बजाए बिहार राज्य विश्वविद्यालय आयोग करेगा. अब प्रधानाचार्यों की नियुक्ति 10 साल के लिए होगी.

पेश है रिपोर्ट

'तदर्थ के बजाय स्थायी नियुक्ती'
इसके अलावा रजिस्ट्रार ने यह भी बताया कि कुलपति, प्रति कुलपति, रजिस्ट्रार और डीएसडब्ल्यू को छोड़कर विश्वविद्यालय के अन्य आंतरिक अधिकारियों की नियुक्ति अब सर्च कमेटी के माध्यम से स्थायी तौर पर होगी. अब तक की जो व्यवस्था है, उसके तहत कॉलेजों के शिक्षकों को बुलाकर विश्वविद्यालय में तदर्थ रूप से अधिकारियों की जिम्मेदारी दी जाती है.

लेकिन नए नियम के अनुसार अब विवि में परीक्षा नियंत्रक, डिप्टी रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर, फिनांस ऑफिसर और भू-संपदा पदाधिकारी सहित कई अधिकारियों की नियुक्ति तदर्थ के बजाए स्थायी तौर पर होगी. विवि में इस निर्देश को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

दरभंगा: सरकार ने बिहार विश्वविद्यालय और पटना विश्वविद्यालय अधिनियम में संशोधन किया है. अधिनियम में संसोधन कर कॉलेजों के प्रधानाचार्यों और विवि के अधिकारियों की तदर्थ नियुक्ति के बजाए स्थायी नियुक्ति के संबंध में नए नियम बनाए गए हैं. सरकार ने इसको लेकर गजट का प्रकाशन किया है. इस गजट के नियमों से राज्य के सभी विश्वविद्यालयों को अवगत करवा दिया गया है.

ये भी पढे़ं- LNMU के संगीत-नाट्य विभाग में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन, लोक गायिका पद्मश्री शारदा सिन्हा ने दिया व्याख्यान

इस संबंध में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार प्रो. मुश्ताक अहमद ने बताया कि राजभवन और बिहार सरकार से विश्वविद्यालय को लेकर नए नियमों से संबंधित गजट मिला है. नए नियमों के तहत अब कॉलेजों के प्रधानाचार्यों की नियुक्ति विश्वविद्यालय की कमेटी के बजाए बिहार राज्य विश्वविद्यालय आयोग करेगा. अब प्रधानाचार्यों की नियुक्ति 10 साल के लिए होगी.

पेश है रिपोर्ट

'तदर्थ के बजाय स्थायी नियुक्ती'
इसके अलावा रजिस्ट्रार ने यह भी बताया कि कुलपति, प्रति कुलपति, रजिस्ट्रार और डीएसडब्ल्यू को छोड़कर विश्वविद्यालय के अन्य आंतरिक अधिकारियों की नियुक्ति अब सर्च कमेटी के माध्यम से स्थायी तौर पर होगी. अब तक की जो व्यवस्था है, उसके तहत कॉलेजों के शिक्षकों को बुलाकर विश्वविद्यालय में तदर्थ रूप से अधिकारियों की जिम्मेदारी दी जाती है.

लेकिन नए नियम के अनुसार अब विवि में परीक्षा नियंत्रक, डिप्टी रजिस्ट्रार, प्रॉक्टर, फिनांस ऑफिसर और भू-संपदा पदाधिकारी सहित कई अधिकारियों की नियुक्ति तदर्थ के बजाए स्थायी तौर पर होगी. विवि में इस निर्देश को लेकर कार्रवाई शुरू कर दी गई है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.