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DMCH के 4 में 3 ऑक्सीजन प्लांट बंद, सर्विसिंग पर 6 लाख न खर्च कर हर महीने 15 लाख के सिलेंडर की हो रही खरीदी

डीएमसीएच अस्पताल में कोरोना काल के समय चार ऑक्सीजन प्लांट स्थापित किया गया था. जिसमें से अभी एक प्लांट ही चल रहा है. जबकि तीन प्लांट बंद हो गये हैं. बंद पड़े प्लांट मेंटिनेंस के अभाव में धूल फांक रहा है. वहीं, बाहर से हर महीने करीब 15 लाख रूपये की ऑक्सीजन सिलेंडर की आपूर्ति की जा रही है. पढ़ें पूरी खबर..

डीएमसीएच अस्पताल
डीएमसीएच अस्पताल
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Published : Jun 30, 2023, 8:08 AM IST

दरभंगा: उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (DMCH) परिसर में कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए 4 ऑक्सीजन प्लांट का स्थापना किया गया था. लेकिन देखरेख के अभाव में 4 ऑक्सीजन प्लांटों में से 3 बन्द पड़े हैं. जबकि एक प्लांट से आपूर्ति की जा रही है. बन्द पड़े प्लांट को सर्विसिंग की जरूरत बताई जा रही है. जिसमें करीब 6 लाख रुपये की खर्च बताई जा रही है. जिसके लिए अस्पताल प्रशासन ने कई बार बीएमआइएससीएल को पत्र लिखा. लेकिन आज तक सर्विस नहीं हो हुई है.

ये भी पढ़ें- DMCH के कोविड वार्ड का DM ने किया निरीक्षण, बढ़ते संक्रमण के चलते डॉक्टरों की छुट्टियां रद्द

अस्पताल में लगे तीन ऑक्सीजन प्लांट बंद: डीएमसीएच में तीन ऑक्सीजन प्लांट बन्द रहने के कारण औसतन 5 हजार सिलेंडर प्रतिमाह बाहर से खरीदकर उपयोग किया जा रहा है. जिसकी खरीदारी कीमत लगभग 15 लाख रुपये प्रतिमाह खर्च बताया जा रहा है. ये तीनो प्लांट आपातकालीन विभाग, शिशु रोग विभाग और गायनिक विभाग में लगा हुआ है. आपातकालीन विभाग में लगे प्लांट की क्षमता 2000 लीटर प्रति मिनट है. वहीं शिशु रोग विभाग वाले प्लान्ट की क्षमता 1000 लीटर प्रति मिनट और गायनिक विभाग में लगे प्लान्ट की क्षमता 280 लीटर प्रति मिनट है. जो पिछले कई महीनों से बंद पड़ा है. बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट में कुल 9 ऑपरेटर और दो टेक्नीशियन की ड्यूटी लगी हुई है. इनके वेतन पर सरकार का प्रतिमाह हजारों रुपये खर्च हो रहे हैं.

मई में ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीदारी
मई में ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीदारी

मई महीने में 4238 सिलेंडर की हुई खरीदारी: तीन ऑक्सीजन प्लांट बंद होने के कारण अस्पताल को बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीदारी करनी पड़ रही है. ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीदारी पर प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं. अगर ये तीनों प्लांट चालू हालत में होता तो ये रूपये बच जाते. फिलहाल बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति करनी पड़ रही है. अगर मई महीने की बात करें तो सर्जरी और ऑर्थो ओटी विभाग में 434 सिलेंडर की खरीदारी की गई है. मेडिसिन आईसीयू में 1055 सिलेंडर की खरीदारी हुई है. इमरजेंसी में 1055 सिलेंडर की खरीदारी हुई है. ईएनटी विभाग में 41 सिलेंडर और शिशु रोग विभाग में 1653 सिलेंडर की खरीदारी हुई है. कुल मिलाकर देखें तो मई महीने में अस्पताल में 4238 सिलेंडर की खरीदारी हुई है.

एक ऑक्सीजन प्लांट के सहारे अस्पताल: बताते चले कि डीएमसीएच के चार प्लांट में मात्र एक सुचारू ढंग से चल रहा है. जिससे गायनी, सर्जरी, ऑर्थो, मेडिसिन, ईएनटी , टीवी एन्ड चेस्ट विभाग के मरीजों के बेड तक ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है. डीएमसीएच का मात्र यही एक प्लांट सुचारू ढंग से चल रहा है. इसी प्लांट से कोरोना आइसोलेशन विभाग को भी जोड़ा गया है. इसके साथ इसी प्लांट से ट्रामा सेंटर के गंभीर मरीजों का भी इलाज किया जाता है. इस प्लांट की क्षमता 20000 हजार लीटर की है. इसमें प्रतिमाह तीन से चार बार इसमें लिक्विड भरा जाता है.

"बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांटों की सर्विसिंग के लिए कई बार बीएमआइएससीएल को पत्र लिखा गया. लेकिन अभी तक इसकी सर्विसिंग नहीं हुई है. जिसके कारण मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसको देखते हुए सप्लायर्स के माध्यम से सिलेंडरों की खरीदारी की जा रही है."- डॉ अलका झा, अधीक्षक, डीएमसीएच

दरभंगा: उत्तर बिहार के सबसे बड़े अस्पताल दरभंगा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (DMCH) परिसर में कोरोना काल के दौरान ऑक्सीजन की निर्बाध आपूर्ति के लिए 4 ऑक्सीजन प्लांट का स्थापना किया गया था. लेकिन देखरेख के अभाव में 4 ऑक्सीजन प्लांटों में से 3 बन्द पड़े हैं. जबकि एक प्लांट से आपूर्ति की जा रही है. बन्द पड़े प्लांट को सर्विसिंग की जरूरत बताई जा रही है. जिसमें करीब 6 लाख रुपये की खर्च बताई जा रही है. जिसके लिए अस्पताल प्रशासन ने कई बार बीएमआइएससीएल को पत्र लिखा. लेकिन आज तक सर्विस नहीं हो हुई है.

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अस्पताल में लगे तीन ऑक्सीजन प्लांट बंद: डीएमसीएच में तीन ऑक्सीजन प्लांट बन्द रहने के कारण औसतन 5 हजार सिलेंडर प्रतिमाह बाहर से खरीदकर उपयोग किया जा रहा है. जिसकी खरीदारी कीमत लगभग 15 लाख रुपये प्रतिमाह खर्च बताया जा रहा है. ये तीनो प्लांट आपातकालीन विभाग, शिशु रोग विभाग और गायनिक विभाग में लगा हुआ है. आपातकालीन विभाग में लगे प्लांट की क्षमता 2000 लीटर प्रति मिनट है. वहीं शिशु रोग विभाग वाले प्लान्ट की क्षमता 1000 लीटर प्रति मिनट और गायनिक विभाग में लगे प्लान्ट की क्षमता 280 लीटर प्रति मिनट है. जो पिछले कई महीनों से बंद पड़ा है. बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांट में कुल 9 ऑपरेटर और दो टेक्नीशियन की ड्यूटी लगी हुई है. इनके वेतन पर सरकार का प्रतिमाह हजारों रुपये खर्च हो रहे हैं.

मई में ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीदारी
मई में ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीदारी

मई महीने में 4238 सिलेंडर की हुई खरीदारी: तीन ऑक्सीजन प्लांट बंद होने के कारण अस्पताल को बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीदारी करनी पड़ रही है. ऑक्सीजन सिलेंडर की खरीदारी पर प्रतिमाह लाखों रुपये खर्च हो रहे हैं. अगर ये तीनों प्लांट चालू हालत में होता तो ये रूपये बच जाते. फिलहाल बाहर से ऑक्सीजन सिलेंडरों की आपूर्ति करनी पड़ रही है. अगर मई महीने की बात करें तो सर्जरी और ऑर्थो ओटी विभाग में 434 सिलेंडर की खरीदारी की गई है. मेडिसिन आईसीयू में 1055 सिलेंडर की खरीदारी हुई है. इमरजेंसी में 1055 सिलेंडर की खरीदारी हुई है. ईएनटी विभाग में 41 सिलेंडर और शिशु रोग विभाग में 1653 सिलेंडर की खरीदारी हुई है. कुल मिलाकर देखें तो मई महीने में अस्पताल में 4238 सिलेंडर की खरीदारी हुई है.

एक ऑक्सीजन प्लांट के सहारे अस्पताल: बताते चले कि डीएमसीएच के चार प्लांट में मात्र एक सुचारू ढंग से चल रहा है. जिससे गायनी, सर्जरी, ऑर्थो, मेडिसिन, ईएनटी , टीवी एन्ड चेस्ट विभाग के मरीजों के बेड तक ऑक्सीजन की सप्लाई की जा रही है. डीएमसीएच का मात्र यही एक प्लांट सुचारू ढंग से चल रहा है. इसी प्लांट से कोरोना आइसोलेशन विभाग को भी जोड़ा गया है. इसके साथ इसी प्लांट से ट्रामा सेंटर के गंभीर मरीजों का भी इलाज किया जाता है. इस प्लांट की क्षमता 20000 हजार लीटर की है. इसमें प्रतिमाह तीन से चार बार इसमें लिक्विड भरा जाता है.

"बंद पड़े ऑक्सीजन प्लांटों की सर्विसिंग के लिए कई बार बीएमआइएससीएल को पत्र लिखा गया. लेकिन अभी तक इसकी सर्विसिंग नहीं हुई है. जिसके कारण मरीजों को किसी प्रकार की परेशानी न हो, इसको देखते हुए सप्लायर्स के माध्यम से सिलेंडरों की खरीदारी की जा रही है."- डॉ अलका झा, अधीक्षक, डीएमसीएच

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