दरभंगा: बिहार सरकार के नगर विकास विभाग ने राज्य के नगर निकायों में संविदा और दैनिक मजदूरी पर कार्यरत करीब साढ़े तीन लाख सफाई कर्मियों को एक फरवरी से हटा दिया है. अब सभी शहरों में सफाई की व्यवस्था आउटसोर्सिंग एजेंसी देखेंगी. इससे प्रभावित दरभंगा नगर निगम के करीब एक हजार सफाई कर्मियों ने आंदोलन शुरू कर दिया है. उन्होंने सरकार से इस निर्णय को वापस लेते हुए उन्हें स्थायी करने की मांग की है.
10-15 साल से कर रहे मजदूरी
बिहार नगर निकाय सफाई कर्मचारी यूनियन के जिला उपाध्यक्ष दीपक कुमार राम ने कहा कि वे लोग पिछले 10-15 साल से यहां दैनिक मजदूरी और संविदा पर काम कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद थी कि सभी को स्थायी कर दिया जाएगा. लेकिन सरकार ने एक झटके में उन्हें सड़क पर ला दिया. इसी के विरोध में वे लोग आंदोलन कर रहे हैं.
वहीं यूनियन के जिला सचिव राकेश कुमार ने कहा कि वे लोग महादलित परिवार से आते हैं. इसी मामूली पारिश्रमिक से उनका परिवार चलता है. अब उनके सामने भूखे मरने की नौबत आ गई है. वे किसी भी हालत में आउटसोर्सिंग कंपनी के अधीन काम नहीं करेंगे.
'नीतीश कुमार को सत्ता से करेंगे बेदखल'
राकेश कुमार ने कहा कि अगर सरकार उन्हें स्थायी नहीं करती है, तो वे आने वाले विधानसभा चुनाव में नीतीश कुमार को सत्ता से बेदखल कर देंगे. वहीं दरभंगा नगर निगम की महापौर बैजंती देवी खेड़िया ने कहा कि सरकार के फैसले को नगर निगम को हर हाल में मानना होगा. उन्होंने कहा कि सफाई कर्मियों को आउटसोर्सिंग एजेंसी के तहत काम करने का प्रस्ताव दिया गया है. अगर वे नहीं मानेंगे, तो फिर उन्हें हर हाल में दूसरी व्यवस्था करनी होगी.