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'तालाबों का शहर' दरभंगा में भू-माफियाओं का कब्जा, जल जीवन हरियाली योजना की रफ्तार पड़ी धीमी

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Published : Jan 3, 2020, 10:46 AM IST

दरभंगा नगर निगम के आयुक्त घनश्याम मीणा ने कहा कि हराही तालाब से अतिक्रमण हटाने की जो शुरुआत हुई थी, उसे जारी रखा जाएगा. दूसरे तालाबों के अतिक्रमणकारियों की सूची बनाकर उन्हें नोटिस भेज दिया गया है. जल्द ही वहां से अतिक्रमण हटाया जाएगा.

darbhanga
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दरभंगाः इन दिनों सीएम नीतीश कुमार बिहार के हर जिले में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट 'जल-जीवन हरियाली मिशन' को पूरा करने में लगे है. इसके तहत तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने की योजना को भी प्रोमोट कर रहे हैं. लेकिन दरभंगा नगर निगम की सुस्ती इस योजना पर पानी फेर रहा है.

पौधारोपण की योजना पड़ी धीमी
नगर निगम ने करीब दो महीने पहले तालाबों से अतिक्रमण हटा कर उनके किनारे पौधारोपण की योजना शुरू की थी. लेकिन यह अभियान धीरे-धीरे धीमा पड़ गया. सिर्फ एक तालाब हराही के किनारे से आंशिक रूप से अतिक्रमण हटाया गया था. लेकिन उसका मलवा वहीं छोड़ दिया गया. दूसरे तालाबों के पास तो इसकी शुरुआत भी नहीं हो सकी है.

darbhanga
नगर निगम आयुक्त घनश्याम मीणा

क्या कहते हैं स्थानीय
स्थानीय लोगों ने कहा कि नगर निगम ने दो महीने पहले जब अतिक्रमण हटाना शुरू किया था. तब उम्मीद जगी थी कि तालाबों के किनारें बागवानी होगी और उन्हें साफ किया जाएगा. अभी तक मलवा यहीं किनारे पड़ा है. यहां कब बागवानी होगी, कहा नहीं जा सकता.

क्या कहते हैं नगर निगम के आयुक्त
वहीं, दरभंगा नगर निगम के आयुक्त घनश्याम मीणा ने कहा कि हराही तालाब से अतिक्रमण हटाने की जो शुरुआत हुई थी, उसे जारी रखा जाएगा. दूसरे तालाबों के अतिक्रमणकारियों की सूची बनाकर उन्हें नोटिस भेज दिया गया है. जल्द ही वहां से अतिक्रमण हटाया जाएगा.

देखें पूरी रिपोर्ट

तालाबों का शहर दरभंगा
बता दें कि दरभंगा को तालाबों का शहर कहा जाता है. एक जमाने में इस शहर में छोटे-बड़े करीब 300 तालाब हुआ करते थे, जबकि जिले में तालाबों की संख्या हजारों में थी. ये बड़े जल स्रोत हुआ करते थे. पिछले कुछ सालों में तालाबों पर भू-माफियाओं की बुरी नजर पड़ गई. तालाब भर-भर कर जमीन ऊंचे दाम पर बेच दी गई. इसकी वजह से जिले में अब महज कुछ ही तालाब बच गए हैं. पिछले साल जिले भर में भीषण जल संकट उत्पन्न हुआ था. लोग बूंद-बूंद पानी को तरस गए थे.

दरभंगाः इन दिनों सीएम नीतीश कुमार बिहार के हर जिले में अपने ड्रीम प्रोजेक्ट 'जल-जीवन हरियाली मिशन' को पूरा करने में लगे है. इसके तहत तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने की योजना को भी प्रोमोट कर रहे हैं. लेकिन दरभंगा नगर निगम की सुस्ती इस योजना पर पानी फेर रहा है.

पौधारोपण की योजना पड़ी धीमी
नगर निगम ने करीब दो महीने पहले तालाबों से अतिक्रमण हटा कर उनके किनारे पौधारोपण की योजना शुरू की थी. लेकिन यह अभियान धीरे-धीरे धीमा पड़ गया. सिर्फ एक तालाब हराही के किनारे से आंशिक रूप से अतिक्रमण हटाया गया था. लेकिन उसका मलवा वहीं छोड़ दिया गया. दूसरे तालाबों के पास तो इसकी शुरुआत भी नहीं हो सकी है.

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नगर निगम आयुक्त घनश्याम मीणा

क्या कहते हैं स्थानीय
स्थानीय लोगों ने कहा कि नगर निगम ने दो महीने पहले जब अतिक्रमण हटाना शुरू किया था. तब उम्मीद जगी थी कि तालाबों के किनारें बागवानी होगी और उन्हें साफ किया जाएगा. अभी तक मलवा यहीं किनारे पड़ा है. यहां कब बागवानी होगी, कहा नहीं जा सकता.

क्या कहते हैं नगर निगम के आयुक्त
वहीं, दरभंगा नगर निगम के आयुक्त घनश्याम मीणा ने कहा कि हराही तालाब से अतिक्रमण हटाने की जो शुरुआत हुई थी, उसे जारी रखा जाएगा. दूसरे तालाबों के अतिक्रमणकारियों की सूची बनाकर उन्हें नोटिस भेज दिया गया है. जल्द ही वहां से अतिक्रमण हटाया जाएगा.

देखें पूरी रिपोर्ट

तालाबों का शहर दरभंगा
बता दें कि दरभंगा को तालाबों का शहर कहा जाता है. एक जमाने में इस शहर में छोटे-बड़े करीब 300 तालाब हुआ करते थे, जबकि जिले में तालाबों की संख्या हजारों में थी. ये बड़े जल स्रोत हुआ करते थे. पिछले कुछ सालों में तालाबों पर भू-माफियाओं की बुरी नजर पड़ गई. तालाब भर-भर कर जमीन ऊंचे दाम पर बेच दी गई. इसकी वजह से जिले में अब महज कुछ ही तालाब बच गए हैं. पिछले साल जिले भर में भीषण जल संकट उत्पन्न हुआ था. लोग बूंद-बूंद पानी को तरस गए थे.

Intro:दरभंगा। एक तरफ सीएम नीतीश कुमार बिहार के हर जिले में घूम कर अपने ड्रीम प्रोजेक्ट 'जल-जीवन हरियाली मिशन' के तहत तालाबों को अतिक्रमण मुक्त करने की योजना को प्रोमोट कर रहे हैं, तो दूसरी तरफ दरभंगा नगर निगम की सुस्ती इस पर पानी फेर रही है। नगर निगम ने करीब दो महीने पहले तालाबों से अतिक्रमण हटा कर उनके किनारे पौधरोपण की योजना शुरू की थी। लेकिन यह अभियान धीमा पड़ गया है। सिर्फ एक तालाब हराही के किनारे से आंशिक रूप से अतिक्रमण हटाया गया और उसका मलवा वहीं छोड़ दिया गया। दूसरे तालाबों के पास तो इसकी शुरुआत भी नहीं हो सकी है। इसकी वजह से धीरे-धीरे अतिक्रमणकारी फिर से काबिज़ हो रहे हैं।


Body:स्थानीय सौरभ कुमार ने कहा कि नगर निगम ने दो महीने पहले जब अतिक्रमण हटाना शुरू किया था तब उम्मीद जगी थी कि तालाबों के किनारे बागवानी होगी और उन्हें साफ किया जाएगा लेकिन उसके बाद नगर निगम सुस्त पड़ गया। अभी तक मलवा यहीं तालाब के किनारे पड़ा है। यहां कब बागवानी होगी कहा नहीं जा सकता है।

वहीं, दरभंगा नगर निगम के आयुक्त घनश्याम मीणा ने कहा कि हराही तालाब से अतिक्रमण हटाने की जो शुरुआत हुई थी उसे ज़ारी रखा जाएगा। दूसरे तालाबों के अतिक्रमणकारियों की सूची बनाकर उन्हें नोटिस भेज दी गई है। जल्द ही वहां से भी अतिक्रमण हटाया जाएगा।


Conclusion:बता दें कि दरभंगा को तालाबों का शहर कहा जाता है। एक जमाने मे इस शहर में छोटे-बड़े करीब 300 तालाब हुआ करते थे जबकि जिले में तालाबों की संख्या हज़ारों में थी। ये बड़े जल स्रोत हुआ करते थे। पिछले कुछ सालों में तालाबों पर भू-माफियाओं की बुरी नज़र पड़ गई। तालाब भर-भर कर ज़मीन ऊंचे दाम पर बेच दी गई। इसकी वजह से जिले में अब महज कुछ ही तालाब बच गए हैं। पिछले साल जिले भर में भीषण जल संकट उत्पन्न हुआ था। लोग बूंद-बूंद पानी को तरस गए थे।

बाइट 1- सौरभ कुमार, स्थानीय.
बाइट 2- घनश्याम मीणा, आयुक्त, दरभंगा नगर निगम.

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विजय कुमार श्रीवास्तव
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