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आज ब्रह्म सरोवर, धर्मारण्य, आम्र सिंचन, काकबली पर पिंडदान का विधान, महाभारत के बाद युधिष्ठिर ने किया था पिंडदान - Pitru Paksha 2024

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By ETV Bharat Bihar Team

Published : 2 hours ago

Pitru Paksha Mela In Gaya: बिहार के गया में पितृ पक्ष मेला चल रहा है. पितृपक्ष मेला का आज पांचवा दिन है. पांचवें दिन ब्रह्मसरोवर पर स्नान पिंडदान, आम्र सिंचन, काकबली पर पिंडदान श्राद्ध करने का विधान है. वही धर्मारण्य, सरस्वती स्नान मातंंगवापी में भी पिंडदान किया जाता हैं.

Pitru Paksha Mela In Gaya
गया में पितृपक्ष मेले का पांचवां दिन (ETV Bharat)

गया: गया में पितृपक्ष मेले का आज पांचवां दिन है. मान्यता है कि पांचवें दिन के पिंडदान से पितरों को बैकुंठ की प्राप्ति हो जाती है. धर्मारण्य के बारे में मान्यता है कि महाभारत युद्ध के बाद धर्मराज युधिष्ठिर यहां पिंडदान करने आए थे. विश्व प्रसिद्ध पितृपक्ष मेले में लाखों की संख्या में तीर्थयात्री आ चुके हैं. अलग-अलग तिथियां को अलग-अलग पिंड वेदियां पर पिंडदान करने का विधान है. खासकर त्रैपाक्षिक श्राद्ध कराने वालों के लिए एक-एक दिन की एक-एक तिथि महत्वपूर्ण होती हैं.

युधिष्ठिर ने भी किया था पिंडदान: पितृपक्ष मेले के पांचवें दिन ब्रह्म सरोवर, आम्र सिंचन, काकबली पर पिंडदान करना चाहिए. वहीं, सरस्वती स्नान, मातंंगवापी, धर्मारण्य में भी पिंडदानी पिंडदान करते हैं. मान्यता है कि धर्मारण्य में धर्मराज युधिष्ठिर ने महाभारत युद्ध के बाद पिंडदान किया था. महाभारत युद्ध के बाद पिंडदान कराने के लिए स्वयं भगवान कृष्ण धर्मराज युधिष्ठिर को लेकर आए थे और पिंडदान का कर्मकांड कराया था.

Pitru Paksha Mela In Gaya
पांचवें दिन ब्रह्मसरोवर पर स्नान पिंडदान का महत्व (ETV Bharat)

कैसे करें पिंडदान?: यहां के तीर्थ को पंचवेदी के रूप में भी मान्यता दी जाती है. यहां चावल तिल गुड़ से पितरों को पिंड दिया जाता है, जिससे पितृ दोष दूर होता है और प्रेत बाधा से पितर मुक्त हो जाते हैं. ब्रह्मसरोवर, आम्र सिंचन, ककबेली पर पिंडदान श्राद्ध करने से पितरों को बैकुंठ की प्राप्ति हो जाती है. इस तरह इन वेदियो पर तीर्थ यात्रियों द्वारा अपने पूर्वजों के निमित्त पिंडदान से उनके पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह बैकुंठ लोग को प्राप्त हो जाते हैं.

Pitru Paksha Mela In Gaya
पितृपक्ष मेले का पांचवां दिन (ETV Bharat)

पिंडदान से पितरों को बैकुंठ की होगी प्राप्ति: ब्रह्म सरोवर में उड़द के दाल से पिंडदान करने की मान्यता है. पांचवें दिन ब्रह्म सरोवर, काकबली, आम्र सिंचन समेत अन्य वेदियों पर पिंडदान का विधान है. मान्यता है कि इन वेदियो पर पिंडदान करने से पूर्वजों को बैकुंठ लोक की प्राप्ति हो जाती है.

Pitru Paksha Mela In Gaya
पिंडदान से पितरों को बैकुंठ की होगी प्राप्ति (ETV Bharat)

देश ही नहीं विदेशों से भी आ रहे हैं तीर्थयात्री: गयाजी धाम में पितृपक्ष मेला 17 सितंबर से शुरू हुआ है. मेला शुरू होने के बाद यहां तीर्थ यात्रियों का आना लगातार जारी है. अपने पितरों के मोक्ष दिलाने के निमित पिंडदानी पितृपक्ष पक्ष मेले में आते हैं. अब तक करीब 3 लाख तीर्थयात्री के गयाजी धाम पहुंच जाने की खबर है. ऊया धाम पहुंचकर पितृ पक्ष यात्री अपने पूर्वजों के निमित्त विभिन्न 55 पिंड वेेदियो पर पिंडदान का कर्मकांड कर रहे हैं.

Pitru Paksha Mela In Gaya
ब्रह्मसरोवर पर स्नान और पिंडदान का महत्व (ETV Bharat)

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युधिष्ठिर ने भी किया था पिंडदान: पितृपक्ष मेले के पांचवें दिन ब्रह्म सरोवर, आम्र सिंचन, काकबली पर पिंडदान करना चाहिए. वहीं, सरस्वती स्नान, मातंंगवापी, धर्मारण्य में भी पिंडदानी पिंडदान करते हैं. मान्यता है कि धर्मारण्य में धर्मराज युधिष्ठिर ने महाभारत युद्ध के बाद पिंडदान किया था. महाभारत युद्ध के बाद पिंडदान कराने के लिए स्वयं भगवान कृष्ण धर्मराज युधिष्ठिर को लेकर आए थे और पिंडदान का कर्मकांड कराया था.

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पांचवें दिन ब्रह्मसरोवर पर स्नान पिंडदान का महत्व (ETV Bharat)

कैसे करें पिंडदान?: यहां के तीर्थ को पंचवेदी के रूप में भी मान्यता दी जाती है. यहां चावल तिल गुड़ से पितरों को पिंड दिया जाता है, जिससे पितृ दोष दूर होता है और प्रेत बाधा से पितर मुक्त हो जाते हैं. ब्रह्मसरोवर, आम्र सिंचन, ककबेली पर पिंडदान श्राद्ध करने से पितरों को बैकुंठ की प्राप्ति हो जाती है. इस तरह इन वेदियो पर तीर्थ यात्रियों द्वारा अपने पूर्वजों के निमित्त पिंडदान से उनके पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और वह बैकुंठ लोग को प्राप्त हो जाते हैं.

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पितृपक्ष मेले का पांचवां दिन (ETV Bharat)

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Pitru Paksha Mela In Gaya
पिंडदान से पितरों को बैकुंठ की होगी प्राप्ति (ETV Bharat)

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ब्रह्मसरोवर पर स्नान और पिंडदान का महत्व (ETV Bharat)

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