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Jivach Ghat of Darbhanga: आस्था या चमत्कार, जीवछ घाट पर स्नान करने से पूरी होती है संतान की मन्नत - कमला नदी का जीवछ घाट

बिहार के दरभंगा में स्थित जीवछ घाट (Jivach Ghat in Darbhanga) को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं. कई लोग इसे आस्था का नाम देते हैं तो कई चमत्कार मानते हैं. हर व्यक्ति की इसे लेकर अलग सोच है. माना जाता है कि जो इस पावन घाट पर डूबकी लगाता है उसे संतान की प्राप्ति होती है. आगे पढ़ें पूरी खबर...

ज्योतिषाचार्य कुणाल कुमार झा
ज्योतिषाचार्य कुणाल कुमार झा
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Published : Mar 9, 2023, 5:53 PM IST

क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य

दरभंगा: बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन से करीब 13 किलोमीटर की दूरी पर सकरी मार्ग में कमला नदी का जीवछ घाट (Jivach Ghat of Kamla River) आता है. यहां माधी पूर्णिमा के दिन बिहार के अलावा पड़ोसी देश नेपाल के श्रद्धालु भी आते है. यहां पति-पत्नी जोड़े में स्नान करते है, इस जीवछ घाट की ऐसी मान्यता है कि यहां पति-पत्नी गठबंधन करके नदी में डुबकी लगाते हैं तो संतान सुख में आने वाली बाधा दूर हो जाती है. यानी संतान सुख की प्राप्ति होती है. लोगों में यह विश्वास है कि जिन लोगों की संतान पैदा होकर मर जाती है, उन्हें इस घाट पर डुबकी लगाना चाहिए.

पढ़ें-Mahashivratri : छपरा में निकाली गई आकर्षक शिव बारात, भूत-प्रेत के साथ झूमे श्रद्धालु

आस्था या चमत्कार: माना जाता है यहां स्नान करने से संतान की अल्पायु में मृत्यु नहीं होती है. इस परंपरा की शुरुआत कैसे हुई यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है लेकिन यहां कमला नदी और जीवछ घाट को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं. लोगों में इतनी आस्था है कि वो नेपाल से भी यहां अपनी मन्नत को पूरा करने के लिए आते हैं. वो यहां स्नान कर कमला मैया से अपने संतान को लेकर मुराद मांगते हैं. यहां आने वालों में सिर्फ मांगने वाले ही नहीं आते हैं बल्कि वो लोग भी आते हैं जिनकी मुरादें कमला मैया ने पूरी कर दी है. यहां की मान्यता है कि कमला मैया के आशीर्वाद से जिन्हें संतान प्राप्त होता है वह यहां आकर बच्चे का मुंडन करवाते हैं.

स्नान के लिए चुना गया है ये दिन: ज्योतिषाचार्य कुणाल ने बताया कि सूर्योदय से 2 घंटा पहले और 2 घंटे बाद का समय ब्रह्म मुहूर्त के नाम से जाना जाता है. इस मुहूर्त में स्नान आदि करने से मनोकामना पूर्ण होती है. स्नान के बाद पात्र में काले तिल भरकर एवं साथ में शीत निवारक वस्त्र दान करने से धन और वंश में वृद्धि होती है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन चन्द्रदेव अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर पृथ्वी पर अमृत की वर्षा करते हैं. माघी पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान आदि करके लोग पूजा पाठ कर के दान-पुण्य करना बहुत ही उत्तम फलदायी माना गया है. इस दिन स्नान करके भगवान विष्णु के समक्ष दीप दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.


"माघी पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना शुभ माना गया है. सूर्योदय से 2 घंटा पहले और 2 घंटे बाद का समय ब्रह्म मुहूर्त के नाम से जाना जाता है. इस मुहूर्त में स्नान आदि करने से मनोकामना पूर्ण होती है. स्नान के बाद पात्र में काले तिल भरकर एवं साथ में शीत निवारक वस्त्र दान करने से धन और वंश में वृद्धि होती है."-डॉ. कुणाल कुमार झा, ज्योतिषाचार्य

क्या कहते हैं ज्योतिषाचार्य

दरभंगा: बिहार के दरभंगा रेलवे स्टेशन से करीब 13 किलोमीटर की दूरी पर सकरी मार्ग में कमला नदी का जीवछ घाट (Jivach Ghat of Kamla River) आता है. यहां माधी पूर्णिमा के दिन बिहार के अलावा पड़ोसी देश नेपाल के श्रद्धालु भी आते है. यहां पति-पत्नी जोड़े में स्नान करते है, इस जीवछ घाट की ऐसी मान्यता है कि यहां पति-पत्नी गठबंधन करके नदी में डुबकी लगाते हैं तो संतान सुख में आने वाली बाधा दूर हो जाती है. यानी संतान सुख की प्राप्ति होती है. लोगों में यह विश्वास है कि जिन लोगों की संतान पैदा होकर मर जाती है, उन्हें इस घाट पर डुबकी लगाना चाहिए.

पढ़ें-Mahashivratri : छपरा में निकाली गई आकर्षक शिव बारात, भूत-प्रेत के साथ झूमे श्रद्धालु

आस्था या चमत्कार: माना जाता है यहां स्नान करने से संतान की अल्पायु में मृत्यु नहीं होती है. इस परंपरा की शुरुआत कैसे हुई यह पक्के तौर पर नहीं कहा जा सकता है लेकिन यहां कमला नदी और जीवछ घाट को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं. लोगों में इतनी आस्था है कि वो नेपाल से भी यहां अपनी मन्नत को पूरा करने के लिए आते हैं. वो यहां स्नान कर कमला मैया से अपने संतान को लेकर मुराद मांगते हैं. यहां आने वालों में सिर्फ मांगने वाले ही नहीं आते हैं बल्कि वो लोग भी आते हैं जिनकी मुरादें कमला मैया ने पूरी कर दी है. यहां की मान्यता है कि कमला मैया के आशीर्वाद से जिन्हें संतान प्राप्त होता है वह यहां आकर बच्चे का मुंडन करवाते हैं.

स्नान के लिए चुना गया है ये दिन: ज्योतिषाचार्य कुणाल ने बताया कि सूर्योदय से 2 घंटा पहले और 2 घंटे बाद का समय ब्रह्म मुहूर्त के नाम से जाना जाता है. इस मुहूर्त में स्नान आदि करने से मनोकामना पूर्ण होती है. स्नान के बाद पात्र में काले तिल भरकर एवं साथ में शीत निवारक वस्त्र दान करने से धन और वंश में वृद्धि होती है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन चन्द्रदेव अपनी सोलह कलाओं से परिपूर्ण होकर पृथ्वी पर अमृत की वर्षा करते हैं. माघी पूर्णिमा के दिन सुबह स्नान आदि करके लोग पूजा पाठ कर के दान-पुण्य करना बहुत ही उत्तम फलदायी माना गया है. इस दिन स्नान करके भगवान विष्णु के समक्ष दीप दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है.


"माघी पूर्णिमा पर ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करना शुभ माना गया है. सूर्योदय से 2 घंटा पहले और 2 घंटे बाद का समय ब्रह्म मुहूर्त के नाम से जाना जाता है. इस मुहूर्त में स्नान आदि करने से मनोकामना पूर्ण होती है. स्नान के बाद पात्र में काले तिल भरकर एवं साथ में शीत निवारक वस्त्र दान करने से धन और वंश में वृद्धि होती है."-डॉ. कुणाल कुमार झा, ज्योतिषाचार्य

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