दरभंगा: बिहार में तेजी से बढ़ते अपराध के बीच नीतीश सरकार के सुशासन की पोल खुलती नजर आ रही है. प्रदेश में बढ़ते अपहरण, लूटपाट, हत्या, छेड़खानी, महिलाओं के साथ दुष्कर्म की घटनाओं में लगातार बढ़ोतरी हो रही है. सरकार को आइना दिखाने के लिए ईटीवी भारत की टीम आम लोगों से बात कर रही है. आइए जानते हैं प्रदेश की जनता लॉ एंड ऑर्डर पर क्या बोलती है.
सिर्फ पटना, नालंदा, सुपौल, छपरा ही नहीं, बढ़ते अपराध से दरभंगा भी अछूता नहीं है. हाल ही में यहां हत्या, लूट, डकैती और दुष्कर्म की घटनाएं हुई हैं. लहेरियासराय में सरेआम युवक को गोली मार दी गयी. बिरौल में सीएसपी संचालक से लाखों की लूट की वारदात ने इलाके में दहशत का देखने को मिला. वहीं, मब्बी ओपी क्षेत्र में अपराधियों ने एक बिजली मिस्त्री को दिनदहाड़े घर से बुलाकर गोली मार दी.
आलम यह है कि न्याय नहीं मिलने से परेशान एक शख्स ने एसएसपी ऑफिस के सामने आत्मदाह की कोशिश की. इन घटनाओं के बाद दरभंगा की जनता ने कानून व्यवस्था पर सरकार को खूब कोसा. किसी ने सुशासन बाबू को इसके लिए जिम्मेवार ठहराया तो किसी ने पुलिस को.
'पुलिस नहीं सुनती'
स्थानीय युवक की माने तो पुलिस किसी की नहीं सुनती. गरीब आदमी का केस नहीं लिया जाता. युवक की माने तो रोजाना खबरों में किसी न किसी की हत्या का जिक्र जरूर देखने को मिलता है. युवक ने कहा कि पुलिस और प्रशासन सभी बिके हुए हैं.
'राजनीतिक दबाव से बढ़ा अपराध'
एक अन्य युवक से जब बात की गई तो उसने कहा कि पहले तो कुछ हद तक नीतीश सरकार में अपराध कम हुआ था. लेकिन अब हालात बदतर हो गए हैं. राजनीतिक दबाव के चलते कहीं न कहीं पुलिस खुलकर काम नहीं कर पा रही है.
भूमि माफियाओं से मिले हैं अधिकारी-स्थानीय
एक स्थानीय नागरिक का मानना है कि सीएम नीतीश कुमार तो अच्छा काम कर रहे हैं. लेकिन अधिकारी भू- माफिया से मिले हुए हैं. आसमाजिक तत्वों के साथ मिले हुए हैं. इसके चलते क्राइम कंट्रोल नहीं हो पा रहा है.
'क्राइम की वजह बेरोजगारी'
दरभंगा सिविल कोर्ट के वकील की माने तो बढ़ती बेरोजगारी क्राइम को बढ़ावा दे रही है. आज युवाओं को महंगे-महंगे फोन चाहिए. इसके चलते युवक क्राइम की ओर जा रहे हैं. अगर युवाओं के पास काम होगा, तो अपराध नहीं होंगे.
पॉवरफुल आदमी पर नहीं होती कार्रवाई-छात्रा
एलएमएनयू की छात्रा की माने तो सत्ताधारी लोग और पॉवरफुल आदमियों पर कार्रवाई नहीं की जाती. बड़ी-बड़ी पोस्ट पर बैठे लोग बड़ा जुर्म करते हैं और इनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की जाती. वहीं, छात्रा ने कहा कि दुष्कर्म की वारदात के बाद अरोपियों को फांसी की सजा देना भी कम है.
क्या बोले सिटी एसपी...
सिटी एसपी योगेंद्र कुमार की माने तो जिले में अपराधियों की धर-पकड़ की जा रही है. पुलिस अलर्ट मोड पर है. उन्होंने कुछ मामलों के उद्धभेदन की बात भी कही. सिटी एसपी का कहना है कि अपराधियों पर पुलिस तत्काल कार्रवाई करती है.
बिहार पुलिस का क्राइम रिकॉर्ड
अब अगर बिहार पुलिस के जुलाई तक के क्राइम रिकॉर्ड पर गौर करें तो जुलाई 2019 तक 893 दुष्कर्म की घटना दर्ज की गई है. वहीं 1,853 हत्या के मुकदमे लिखे जा चुके हैं. ऐसे में सवाल जस के तस हैं कि आखिर कब सुरक्षित होंगी बिहार में बेटियां. आखिर कब अपराध मुक्त बनेगा बिहार क्योंकि इतनी घटनाओं के बाद भी अब तक पुलिस प्रशासन की अंतरात्मा नहीं जागी है. तो दूसरी तरफ लोग पूछ रहे हैं कि कहां हैं सुशासन बाबू?