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संस्कृत विवि के B.Ed कोर्स को NCTE से मिली स्थायी मान्यता, नये सत्र से 100 सीटों पर होगा एडमिशन

पिछले साल बीएड कोर्स की मान्यता रद्द होने के बाद इस साल संस्कृत विश्वविद्यालय के बीएड पाठ्यक्रम को नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एजुकेशन से स्थायी मान्यता मिल गयी है.

संस्कृत विश्वविद्यालय
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Published : May 18, 2019, 8:51 PM IST

दरभंगा: कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के बीएड पाठ्यक्रम को नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एजुकेशन से स्थायी मान्यता मिल गयी है. नये सत्र में यहां 100 सीटों पर नामांकन की तैयारी पूरी हो चुकी है. दूसरे विवि की तुलना में यहां फीस भी कम रखी गयी है.

एनसीटीई से मिली स्थायी मान्यता
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने बताया कि इस साल कोर्स को एनसीटीई से स्थायी मान्यता मिल गयी है. उन्होंने कहा कि नालंदा खुला विवि बिहार के शिक्षण संस्थानों में बीएड पाठ्यक्रम में दाखिले के लिये एंट्रेंस टेस्ट लिया जाता था.

प्रो. सर्व नारायण झा, कुलपति

दूसरे विवि की तुलना में फीस कम
साथ ही वहां संस्कृत से बीएड करने के लिये आवेदन करने वाले छात्रों की मेरिट लिस्ट अलग से बनायी जा रही है. मेरिट लिस्ट के आधार पर चयनित छात्रों को संस्कृत विवि के बीएड कोर्स में नामांकन मिलेगा. इस विश्वविद्यालय की फीस दूसरे विश्वविद्यालय की तुलना में 20 हजार रुपये कम रखी गयी है.

पिछले साल हुई थी मान्यता रद्द
बता दें कि पिछले साल विश्वविद्यालय के बीएड कोर्स की मान्यता रद्द कर दी गयी थी. बाद में इसे बहाल किया गया तब तक नामांकन की तिथि समाप्त हो चुकी थी. इस साल स्थायी मान्यता मिलने से विश्विद्यालय के छात्रों में खुशी का महौल है. इसके बाद से यहां छात्रों के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

दरभंगा: कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के बीएड पाठ्यक्रम को नेशनल कौंसिल फॉर टीचर एजुकेशन से स्थायी मान्यता मिल गयी है. नये सत्र में यहां 100 सीटों पर नामांकन की तैयारी पूरी हो चुकी है. दूसरे विवि की तुलना में यहां फीस भी कम रखी गयी है.

एनसीटीई से मिली स्थायी मान्यता
विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने बताया कि इस साल कोर्स को एनसीटीई से स्थायी मान्यता मिल गयी है. उन्होंने कहा कि नालंदा खुला विवि बिहार के शिक्षण संस्थानों में बीएड पाठ्यक्रम में दाखिले के लिये एंट्रेंस टेस्ट लिया जाता था.

प्रो. सर्व नारायण झा, कुलपति

दूसरे विवि की तुलना में फीस कम
साथ ही वहां संस्कृत से बीएड करने के लिये आवेदन करने वाले छात्रों की मेरिट लिस्ट अलग से बनायी जा रही है. मेरिट लिस्ट के आधार पर चयनित छात्रों को संस्कृत विवि के बीएड कोर्स में नामांकन मिलेगा. इस विश्वविद्यालय की फीस दूसरे विश्वविद्यालय की तुलना में 20 हजार रुपये कम रखी गयी है.

पिछले साल हुई थी मान्यता रद्द
बता दें कि पिछले साल विश्वविद्यालय के बीएड कोर्स की मान्यता रद्द कर दी गयी थी. बाद में इसे बहाल किया गया तब तक नामांकन की तिथि समाप्त हो चुकी थी. इस साल स्थायी मान्यता मिलने से विश्विद्यालय के छात्रों में खुशी का महौल है. इसके बाद से यहां छात्रों के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है.

Intro:दरभंगा। कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के बी-एड पाठ्यक्रम को नेशनल कौंसिल फ़ॉर टीचर्स एजुकेशन (एनसीटीई) से स्थायी मान्यता मिल गयी है। अब विवि को हर साल मान्यता लेने के लिये मशक्कत नहीं करनी पड़ेगी। नये सत्र में यहां 100 सीटों पर नामांकन की तैयारी पूरी हो चुकी है। दूसरे विवि की तुलना में यहां फीस भी कम रखी गयी है।


Body:विवि के कुलपति प्रो. सर्व नारायण झा ने बताया कि इस साल कोर्स को एनसीटीई से स्थायी मान्यता मिल गयी है। उन्होंने कहा कि नालंदा खुला विवि बिहार के शिक्षण संस्थानों में बी-एड पाठ्यक्रम में दाखिले के लिये एंट्रेंस टेस्ट लेता है। वहां संस्कृत से बी-एड करने के लिये आवेदन करने वाले छात्रों की मेरिट लिस्ट अलग से बनायी जा रही है। उसी मेरिट लिस्ट के आधार पर संस्कृत विवि में बी-एड कोर्स में नामांकन होगा। यहां दूसरे विवि की तुलना में फीस 20 हज़ार रुपये कम रखी गयी है।


Conclusion:बता दें कि पिछले साल विवि के बी-एड कोर्स की मान्यता रद्द कर दी गयी थी। बाद में इसे बहाल किया गया तब तक नामांकन की तिथि समाप्त हो चुकी थी। इस साल स्थायी मान्यता मिलने से विवि में खुशी है। यहां छात्रों के नामांकन की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।


बाइट 1- प्रो. सर्व नारायण झा, कुलपति, केसडीएसयू


विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा
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