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दरभंगा राज श्मशान परिसर में स्थित है श्यामा मंदिर, देश-विदेश से आते हैं श्रद्धालु - महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता

इस परिसर में अन्नपूर्णा मंदिर महारानी की चिता पर बना हुआ है. लक्ष्मेश्वरी तारा मंदिर महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह की चिता पर बना है. इसी तरह सभी सातों मंदिर किसी न किसी महाराजा और महारानी की चिता पर ही बने हैं.

मां काली की मूर्ति
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Published : Oct 6, 2019, 11:47 PM IST

दरभंगा: बिहार के दरभंगा राज श्मशान परिसर में 6 महाराजाओं और एक महारानी की चिता पर बने सात मंदिर हैं. यह परिसर तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध रहा है. मान्यता है कि यहां राजवंश के महाराजा अपने काल में तंत्र साधना किया करते थे. इस परिसर में मां श्यामा का मंदिर सबसे प्रसिद्ध है. जहां दर्शन करने देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं.

देश-विदेश से आते है​​​​​​ श्रद्धालु
इस परिसर में अन्नपूर्णा मंदिर महारानी की चिता पर बना है. लक्ष्मेश्वरी तारा मंदिर महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह की चिता पर बना है. रुद्रेश्वरी काली मंदिर महाराजा रुद्र सिंह की चिता पर है. इसी तरह सभी मंदिर किसी न किसी महाराजा की चिता पर ही बने हैं.

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श्मसान परिसर में स्थित है दरभंगा का यह श्यामा मंदिर

महाराजा की चिता पर बना है मंदिर
श्यामा मंदिर के पुजारी ताराकांत झा ने बताया कि यहां तांत्रिक विधि से ही पूजा की जाती है. इसकी प्रसिद्धि भारत के अलावा विदेशों में भी है. श्यामा मंदिर महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता पर स्थित है. इसे महाराजा कामेश्वर सिंह ने अपने पिता महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता पर बनवाया था.

श्यामा मंदिर में तांत्रिक विधि से की जाती है पूजा

श्रद्धालु की होती है भीड़
श्रद्धालु शेखर झा ने बताया कि मां श्यामा सबकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. यह मंदिर मिथिलांचल के अलावा नेपाल में भी काफी प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा श्मशान परिसर है जहां सभी शुभ कार्य होते हैं. यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.

दरभंगा: बिहार के दरभंगा राज श्मशान परिसर में 6 महाराजाओं और एक महारानी की चिता पर बने सात मंदिर हैं. यह परिसर तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध रहा है. मान्यता है कि यहां राजवंश के महाराजा अपने काल में तंत्र साधना किया करते थे. इस परिसर में मां श्यामा का मंदिर सबसे प्रसिद्ध है. जहां दर्शन करने देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं.

देश-विदेश से आते है​​​​​​ श्रद्धालु
इस परिसर में अन्नपूर्णा मंदिर महारानी की चिता पर बना है. लक्ष्मेश्वरी तारा मंदिर महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह की चिता पर बना है. रुद्रेश्वरी काली मंदिर महाराजा रुद्र सिंह की चिता पर है. इसी तरह सभी मंदिर किसी न किसी महाराजा की चिता पर ही बने हैं.

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श्मसान परिसर में स्थित है दरभंगा का यह श्यामा मंदिर

महाराजा की चिता पर बना है मंदिर
श्यामा मंदिर के पुजारी ताराकांत झा ने बताया कि यहां तांत्रिक विधि से ही पूजा की जाती है. इसकी प्रसिद्धि भारत के अलावा विदेशों में भी है. श्यामा मंदिर महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता पर स्थित है. इसे महाराजा कामेश्वर सिंह ने अपने पिता महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता पर बनवाया था.

श्यामा मंदिर में तांत्रिक विधि से की जाती है पूजा

श्रद्धालु की होती है भीड़
श्रद्धालु शेखर झा ने बताया कि मां श्यामा सबकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. यह मंदिर मिथिलांचल के अलावा नेपाल में भी काफी प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा श्मशान परिसर है जहां सभी शुभ कार्य होते हैं. यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.

Intro:दरभंगा। श्मसान में बने मंदिर तो आप सभी ने देखे होंगे, लेकिन उन मंदिरों में शादी-विवाह, सगाई, मुंडन-उपनयन और यज्ञ जैसे शुभ कार्य नहीं देखे होंगे। लेकिन आज हम आपको ले चलते हैं एक ऐसे श्मसान परिसर में जहां एक नहीं बल्कि सात मंदिर हैं और इन सभी मे शुभ कार्य होते हैं। जी हां, यह सच है। बिहार के दरभंगा राज के श्मसान परिसर में 6 महाराजाओं और एक महारानी की चिता पर बने सात मंदिर हैं। यह परिसर तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध रहा है। यहां राजवंश के महाराजा अपने काल मे तंत्र साधना किया करते थे। इस परिसर में सबसे प्रसिद्ध है मां श्यामा मंदिर।


Body:श्यामा मंदिर के पुजारी ताराकांत झा ने बताया कि यहां आज भी तांत्रिक विधि से ही पूजा की जाती है। इसकी प्रसिद्धि भारत के अलावा विदेशों में भी है। श्यामा मंदिर महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता पर स्थित है। इसे महाराजा कामेश्वर सिंह ने अपने पिता महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता पर बनवाया था। यहां देश विदेश से श्रद्धालु आते हैं। इस परिसर में अन्नपूर्णा मंदिर महारानी की चिता पर है। लक्ष्मेश्वरी तारा मंदिर महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह की चिता पर है। रुद्रेश्वरी काली मंदिर महाराजा रुद्र सिंह की चिता पर है। इसी तरह सभी मंदिर किसी न किसी महाराजा की चिता पर हैं।


Conclusion:वहीं एक श्रद्धालु शेखर झा ने बताया कि मां श्यामा सबकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं। यह मंदिर मिथिलांचल के अलावा नेपाल में भी काफी प्रसिद्ध है। उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा श्मसान परिसर है जहां सभी शुभ कार्य होते हैं। यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं।


बाइट 1- ताराकांत झा, पुजारी, श्यामा मंदिर
बाइट 2- शेखर झा, श्रद्धालु


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विजय कुमार श्रीवास्तव
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