ETV Bharat / state

दरभंगा राज परिवार की चिता पर बना हुआ है यह मंदिर, दर्शन से मनोकामनाएं होतीं हैं पूरी - दरभंगा राज परिवार

दरभंगा राज के अधिकतर महाराजा तंत्र साधक हुआ करते थे. यह परिसर तंत्र साधना भूमि के रूप में पूरे भारत में प्रसिद्ध है. इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी जाने वाली भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

दरभंगा राज परिवार
दरभंगा राज परिवार
author img

By

Published : Oct 26, 2020, 11:03 AM IST

दरभंगा: शारदीय नवरात्र में प्रसिद्ध श्यामा मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. दूर-दूर से मां अंबे के भक्त अपनी मुरादें लेकर मां श्यामा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. यह मंदिर दरभंगा राज के माधवेश्वर परिसर में स्थित है. राज परिवार की ओर से बनाया गया यह मंदिर तंत्र साधना के लिए देशभर में प्रसिद्ध है.

मान्यता है कि यहां राजवंश के महाराजा अपने काल में तंत्र साधना किया करते थे. इस परिसर में मां श्यामा का मंदिर सबसे प्रसिद्ध है. जहां दर्शन करने देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं.

श्यामा मंदिर, दरभंगा
श्यामा मंदिर, दरभंगा

भक्तों की सभी मनोकामनाएं होती है पूरी
इलाके के जानकारों की मानें तो माधवेश्वर परिसर में स्थित सभी मंदिर राज परिवार के किसी ने किसी महाराजा या महारानी की चिता पर बने हुए हैं. परिसर में अन्नपूर्णा मंदिर महारानी की चिता पर बना हुआ है. जबकि लक्ष्मेश्वरी तारा मंदिर महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह की चिता पर बना हुआ है. वहीं, रुद्रेश्वरी काली मंदिर महाराजा रुद्र सिंह की चिता पर बना हुआ है. इसी तरह सभी मंदिर किसी न किसी महाराजा की चिता पर ही बने हुए हैं.

मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़
मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़

दरभंगा राज के अधिकतर महाराजा तंत्र साधक हुआ करते थे. यह परिसर तंत्र साधना भूमि के रूप में पूरे भारत में प्रसिद्ध है. इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी जाने वाली भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

देखें रिपोर्ट

महाराजा की चिता पर बना है मंदिर
इलाके के लोगों को कहना है कि यहां तांत्रिक विधि से ही पूजा की जाती है. इसकी प्रसिद्धि भारत के अलावा विदेशों में भी है. श्यामा मंदिर महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता पर स्थित है. इसे महाराजा कामेश्वर सिंह ने अपने पिता महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता पर बनवाया था. पूजा करने के लिए मंदिर पहुंचे श्रद्धालु मनोज कुमार पोद्दार ने बताया कि मां श्यामा सबकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. यह मंदिर मिथिलांचल के अलावा नेपाल में भी काफी प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा श्मशान परिसर है जहां सभी शुभ कार्य होते हैं. यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.

दरभंगा: शारदीय नवरात्र में प्रसिद्ध श्यामा मंदिर में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है. दूर-दूर से मां अंबे के भक्त अपनी मुरादें लेकर मां श्यामा के दर्शन करने पहुंच रहे हैं. यह मंदिर दरभंगा राज के माधवेश्वर परिसर में स्थित है. राज परिवार की ओर से बनाया गया यह मंदिर तंत्र साधना के लिए देशभर में प्रसिद्ध है.

मान्यता है कि यहां राजवंश के महाराजा अपने काल में तंत्र साधना किया करते थे. इस परिसर में मां श्यामा का मंदिर सबसे प्रसिद्ध है. जहां दर्शन करने देश-विदेश से श्रद्धालु आते हैं.

श्यामा मंदिर, दरभंगा
श्यामा मंदिर, दरभंगा

भक्तों की सभी मनोकामनाएं होती है पूरी
इलाके के जानकारों की मानें तो माधवेश्वर परिसर में स्थित सभी मंदिर राज परिवार के किसी ने किसी महाराजा या महारानी की चिता पर बने हुए हैं. परिसर में अन्नपूर्णा मंदिर महारानी की चिता पर बना हुआ है. जबकि लक्ष्मेश्वरी तारा मंदिर महाराजा लक्ष्मेश्वर सिंह की चिता पर बना हुआ है. वहीं, रुद्रेश्वरी काली मंदिर महाराजा रुद्र सिंह की चिता पर बना हुआ है. इसी तरह सभी मंदिर किसी न किसी महाराजा की चिता पर ही बने हुए हैं.

मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़
मंदिर में उमड़ी भक्तों की भीड़

दरभंगा राज के अधिकतर महाराजा तंत्र साधक हुआ करते थे. यह परिसर तंत्र साधना भूमि के रूप में पूरे भारत में प्रसिद्ध है. इस मंदिर में सच्चे मन से मांगी जाने वाली भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी होती है.

देखें रिपोर्ट

महाराजा की चिता पर बना है मंदिर
इलाके के लोगों को कहना है कि यहां तांत्रिक विधि से ही पूजा की जाती है. इसकी प्रसिद्धि भारत के अलावा विदेशों में भी है. श्यामा मंदिर महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता पर स्थित है. इसे महाराजा कामेश्वर सिंह ने अपने पिता महाराजा रामेश्वर सिंह की चिता पर बनवाया था. पूजा करने के लिए मंदिर पहुंचे श्रद्धालु मनोज कुमार पोद्दार ने बताया कि मां श्यामा सबकी मनोकामनाएं पूरी करती हैं. यह मंदिर मिथिलांचल के अलावा नेपाल में भी काफी प्रसिद्ध है. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा श्मशान परिसर है जहां सभी शुभ कार्य होते हैं. यहां बड़ी संख्या में श्रद्धालु आते हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.