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दरभंगाः डॉ. रमेश झा बने एलएनएमयू मैथिली के विभागाध्यक्ष

दरभंगा के ललित नारायण मिथिला विवि के स्नातकोत्तर मैथिली विभाग के नये अध्यक्ष का पदभार डॉ. रमेश झा ने ग्रहण किया. इस दौरान कुलपति ने मैथिली शोध पत्रिका के नए अंक का विमोचन किया.

 ललित नारायण मिथिला विवि
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Published : May 1, 2021, 9:26 PM IST

दरभंगाः डॉ. रमेश झा ने आज ललित नारायण मिथिला विवि के स्नातकोत्तर मैथिली विभाग के नए अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया. उन्होंने विभागाध्यक्ष प्रो. प्रीति झा का स्थान लिया जो 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गईं. इस अवसर पर विवि के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने मैथिली शोध पत्रिका के नए अंक का विमोचन किया.

साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण स्थान
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि शोध-पत्रिका किसी भी भाषा की हो, उसका साहित्य के विकास में बड़ा ही महत्त्वपूर्ण स्थान है. जहां तक मैथिली शोध-पत्रिका की बात है, तो इसका तो और भी ज्यादा महत्व है. यह मिथिला की पावन धरती से प्रकाशित होती है. जिसमे यहां की संस्कृति- सभ्यता, आचार-विचार, साहित्यक विमर्श, ग्वेषणात्मक प्रवृत्ति इत्यादि का समावेश होता है. उन्होंने कहा कि इस शोध-पत्रिका का जितना पुराना इतिहास है वह सिद्ध करता है कि विभाग के लोग कर्मठता और निष्ठा से काम करते है.

ईमानदारी और निष्ठा से काम करेंगे
कुलपति ने कहा कि अकेले विभागाध्यक्ष सभी काम नहीं कर सकते हैं, सभी के सहयोग से ही वे विभाग को आगे बढ़ाते हैं. जैसे एक लकड़ी उतना मजबूत नहीं होती है लेकिन उसका गठ्ठर बहुत ही मजबूत होता है. उन्होंने मैथिली विभाग के विकास के लिए हर संभव मदद करनेकी बात कही. विद्यापति चेयर की स्थापना के संबंध में कुलपति ने कहा कि सभी लोग ईमानदारी और निष्ठा से काम करेंगे,.उसके फंड का अन्य भाषाओं में अनुवाद के साथ-साथ अन्य एकेडमिक कार्यों में उपयोग करेंगे.

ये भी पढ़ें- कोरोना संक्रमित बीजेपी MLC हरिनारायण चौधरी की मौत, IGIMS मे थे भर्ती

इस अवसर पर मौजूद विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा. वैद्यनाथ चौधरी 'बैजू' ने कुलपति से 'विद्यापति चेयर' की स्थापना की मांग की. उन्होंने कहा कि इसके लिए विश्वविद्यालय को आर्थिक व्यय करने की आवश्यकता नहीं होगी. इसके लिए पैसे की कमी नहीं होने देंगे.

दरभंगाः डॉ. रमेश झा ने आज ललित नारायण मिथिला विवि के स्नातकोत्तर मैथिली विभाग के नए अध्यक्ष का पदभार ग्रहण किया. उन्होंने विभागाध्यक्ष प्रो. प्रीति झा का स्थान लिया जो 30 अप्रैल को सेवानिवृत्त हो गईं. इस अवसर पर विवि के कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने मैथिली शोध पत्रिका के नए अंक का विमोचन किया.

साहित्य के विकास में महत्वपूर्ण स्थान
इस अवसर पर कुलपति ने कहा कि शोध-पत्रिका किसी भी भाषा की हो, उसका साहित्य के विकास में बड़ा ही महत्त्वपूर्ण स्थान है. जहां तक मैथिली शोध-पत्रिका की बात है, तो इसका तो और भी ज्यादा महत्व है. यह मिथिला की पावन धरती से प्रकाशित होती है. जिसमे यहां की संस्कृति- सभ्यता, आचार-विचार, साहित्यक विमर्श, ग्वेषणात्मक प्रवृत्ति इत्यादि का समावेश होता है. उन्होंने कहा कि इस शोध-पत्रिका का जितना पुराना इतिहास है वह सिद्ध करता है कि विभाग के लोग कर्मठता और निष्ठा से काम करते है.

ईमानदारी और निष्ठा से काम करेंगे
कुलपति ने कहा कि अकेले विभागाध्यक्ष सभी काम नहीं कर सकते हैं, सभी के सहयोग से ही वे विभाग को आगे बढ़ाते हैं. जैसे एक लकड़ी उतना मजबूत नहीं होती है लेकिन उसका गठ्ठर बहुत ही मजबूत होता है. उन्होंने मैथिली विभाग के विकास के लिए हर संभव मदद करनेकी बात कही. विद्यापति चेयर की स्थापना के संबंध में कुलपति ने कहा कि सभी लोग ईमानदारी और निष्ठा से काम करेंगे,.उसके फंड का अन्य भाषाओं में अनुवाद के साथ-साथ अन्य एकेडमिक कार्यों में उपयोग करेंगे.

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इस अवसर पर मौजूद विद्यापति सेवा संस्थान के महासचिव डा. वैद्यनाथ चौधरी 'बैजू' ने कुलपति से 'विद्यापति चेयर' की स्थापना की मांग की. उन्होंने कहा कि इसके लिए विश्वविद्यालय को आर्थिक व्यय करने की आवश्यकता नहीं होगी. इसके लिए पैसे की कमी नहीं होने देंगे.

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