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दरभंगाः श्रमिक संगठनों का एकदिवसीय धरना, श्रम कानूनों में हुए संशोधन को वापस लेने की मांग

श्रमिक संगठनों ने श्रम कानूनों में हुए संशोधन के खिलाफ समाहरणालय में एकदिवसीय धरना दिया. जिसमें कानून में हुए संशोधन को वापस लेने की मांग की गई, नहीं तो उग्र आंदोलन की चेतावनी दी.

दरभंगा
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Published : May 24, 2020, 9:33 AM IST

दरभंगा: श्रम कानूनों में हुए संशोधन के विरोध में केंद्रीय श्रमिक संगठन और ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर समाहरणालय में एकदिवसीय धरना दिया गया. जिले के तमाम श्रमिक संगठन और यूनियन के सदस्यों ने इसमें भाग लिया और संशोधन को वापस लेने की मांग की. प्रदर्शनकारी शारीरिक दूरी बनाकर प्रदर्शन कर रहे थे.

'सरकार, जनता को दे रही धोखा'
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान देश की जनता को दिग्भ्रमित करने वाला है. वास्तव में सरकार डेढ़ लाख करोड़ ही खर्च करेगी. आरबीआई ने ऐसे तमाम फैसले लिए हैं, जिसमें लिक्विडिटी बढ़ेगी और मार्केट में 8.1 लाख करोड़ रुपये आने के अनुमान हैं. 11.5 लाख करोड़ वित्तीय पैकेज के जरिए खर्च किया जाएगा. ये देश की जनता के साथ धोखा है.

'...नहीं तो होगा उग्र आंदोलन'
वहीं, सीटू के राज्य कमेटी के सदस्य सत्य प्रकाश चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना वायरस के बहाने श्रम कानूनों में किए गए सभी श्रमिक विरोधी संशोधन तत्काल प्रभाव से वापस ले. दूसरे राज्यों में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए उचित कदम उठाए. उनके भोजन, दवा और सुरक्षा सहित अन्य चीजों की समुचित व्यवस्था करें. उन्होंने कहा कि सरकारी संपत्ति के निजीकरण के फैसले को सरकार वापस ले, नहीं तो मजदूर संगठन पूरे देश में उग्र आंदोलन करेगा.

दरभंगा: श्रम कानूनों में हुए संशोधन के विरोध में केंद्रीय श्रमिक संगठन और ट्रेड यूनियनों के संयुक्त आह्वान पर समाहरणालय में एकदिवसीय धरना दिया गया. जिले के तमाम श्रमिक संगठन और यूनियन के सदस्यों ने इसमें भाग लिया और संशोधन को वापस लेने की मांग की. प्रदर्शनकारी शारीरिक दूरी बनाकर प्रदर्शन कर रहे थे.

'सरकार, जनता को दे रही धोखा'
इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री की ओर से 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज का ऐलान देश की जनता को दिग्भ्रमित करने वाला है. वास्तव में सरकार डेढ़ लाख करोड़ ही खर्च करेगी. आरबीआई ने ऐसे तमाम फैसले लिए हैं, जिसमें लिक्विडिटी बढ़ेगी और मार्केट में 8.1 लाख करोड़ रुपये आने के अनुमान हैं. 11.5 लाख करोड़ वित्तीय पैकेज के जरिए खर्च किया जाएगा. ये देश की जनता के साथ धोखा है.

'...नहीं तो होगा उग्र आंदोलन'
वहीं, सीटू के राज्य कमेटी के सदस्य सत्य प्रकाश चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार कोरोना वायरस के बहाने श्रम कानूनों में किए गए सभी श्रमिक विरोधी संशोधन तत्काल प्रभाव से वापस ले. दूसरे राज्यों में फंसे हुए प्रवासी श्रमिकों को उनके घरों तक सुरक्षित पहुंचाने के लिए उचित कदम उठाए. उनके भोजन, दवा और सुरक्षा सहित अन्य चीजों की समुचित व्यवस्था करें. उन्होंने कहा कि सरकारी संपत्ति के निजीकरण के फैसले को सरकार वापस ले, नहीं तो मजदूर संगठन पूरे देश में उग्र आंदोलन करेगा.

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