दरभंगा: महात्मा गांधी और मिथिलांचल में स्वतंत्रता आंदोलन के अन्य सहयोगी और शिष्य रहे ललितेश्वरी चरण सिन्हा के स्मृति दिवस पर दोनों को याद किया गया. जन जागरण परिषद की ओर से आयोजित कार्यक्रम में लोगों ने दोनों के चित्र पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.
'भारतीय परंपरा को लेकर आगे बढ़े थे गांधी जी'
कार्यक्रम में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विवि के पूर्व कुलपति प्रो. देवनारायण झा ने कहा कि महात्मा गांधी एक व्यक्ति नहीं बल्कि स्वयं में एक दर्शन थे. उनकी परंपरा उपनिषद की परंपरा थी. गंगा और गोदावरी की परंपरा थी. उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा को लेकर महात्मा गांधी आगे बढ़े थे. इसमें संयुक्त परिवार, माता-पिता का आदर करने, एक-दूसरे को साथ लेकर चलने, गो माता की सेवा करने और गंगा के प्रति आदर प्रकट करने की परंपरा थी. महात्मा गांधी को ये परंपरा भारतीय विरासत से मिली थी, जिन्हें लेकर वे दुनिया भर में आगे बढ़े थे.
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संगोष्ठी का आयोजन
इस मौके पर 'भारतीय परंपरा और गांधी' विषय पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया. इसमें वक्ताओं ने गांधी जी और ललितेश्वरी चरण सिन्हा के योगदान को याद किया. इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के तौर पर प्रो. किरण शंकर प्रसाद शामिल हुए. जबकि अध्यक्षता प्रो. अजीत कुमार वर्मा ने किया. इस मौके पर ललितेश्वरी चरण सिन्हा के बेटे और बिहार श्रमजीवी पत्रकार यूनियन के जिलाध्यक्ष अमरेश्वरी चरण सिन्हा भी मौजूद रहे.