दरभंगा: बाढ़ के कहर ने जहां एक तरफ लोगों के जनजीवन को पूरी तरह से अस्त-व्यस्त कर दिया है. वहीं, दूसरी तरफ इसका सीधा असर घरों के किचन में देखने को मिल रहा है. क्योंकि बाढ़ के पानी से खेत खलियान के डूब जाने से सब्जियों की कीमत में भी उछाल आ गया है.
रांची और पश्चिम बंगाल से मंगवाई जा रही सब्जियां
दरअसल हायाघाट और उनके आसपास के इलाकों से रोजाना काफी मात्रा में हरी सब्जी शहर आया करती थी. लेकिन बाढ़ के पानी में खेतों के डूबे रहने के कारण अब अधिकांश हरी सब्जियां रांची, दलसिंहसराय और पश्चिम बंगाल से मंगाई जा रही है. वहीं दुकानदारों का कहना है कि सड़क माध्यम से सब्जी मंगवाने में अधिक खर्च पड़ रहा है, जिसके चलते सब्जी महंगी हो गई है.
आम लोगों के बजट पर पड़ रहा असर
वहीं, सब्जी खरीदने आई एक महिला ने कहा कि बाढ़ के कारण हमलोगों के किचन का बजट पूरी तरह से गड़बड़ा गया है. हरी सब्जियों की कीमत आसमान छू रही है. कुछ दिनों पहले तक बैगन बाजार में 15 से 20 रुपया प्रति किलो बिक रहा था. अभी उसकी कीमत 30 से 40 रुपया प्रति किलो तक पहुंच गई है. टमाटर की कीमतों में तो आश्चर्यजनक उछाल आया है. कुछ दिन पहले तक बाजार में टमाटर 20 रुपया किलो बिक रहा था और अभी उसकी कीमत 60 रुपया प्रति किलो तक पहुंच गई है. वहीं उन्होंने कहा कि कद्दू की कीमत में भी दोगुनी का अंतर हो गया है. पहले कद्दू बाजार में 15 से 20 रुपया प्रति पीस मिल जाता था. जिसकी कीमत अब 30 से 40 रुपया प्रति पीस हो गई है. इसके साथ ही आलू प्याज की कीमतों में भी उछाल आया है.
ग्राहकों की संख्या हुई कम
दूसरी तरफ सब्जी की कीमत में आई उछाल की वजह से सब्जी मंडियों में ग्राहकों की संख्या कम हो गई है. लोग एक बार सब्जियां खरीद कर उसका इस्तेमाल किफायत से करने लगे हैं. सब्जी विक्रेताओं का कहना है कि बाढ़ आने से पहले परवल 20 रुपये प्रति किलो भाव से बिक रहा था. लेकिन आसपास के इलाकों से सब्जियां नहीं आने के कारण परवल रांची या अन्य जिलों से मंगवाई जा रही है. इसकी वजह से परवल अभी बाजार में 40 रुपया प्रति किलो बिक रहा है. उन्होंने कहा कि सब्जी मंगवाने में खर्च अधिक लग रहा है. इस वजह से सब्जियों की कीमतों में उछाल आया है.