दरभंगाः 14 अप्रैल 1874 को दरभंगा राज के नरगौना टर्मिनल स्टेशन पर पहली ट्रेन आई थी. इस ट्रेन ने उत्तर बिहार में रेलवे का इतिहास रचा था. दरभंगा राज का उत्तर बिहार में रेल लाइन का जाल बिछाने में बड़ा योगदान है. यह एक बड़ी उपलब्धि है कि भारत में रेल सेवा शुरू होने के महज 20 साल के भीतर मिथिलांचल और उत्तर बिहार में रेल सेवा की शुरुआत हो गई थी. इस गौरवपूर्ण उपलब्धि का श्रेय दरभंगा राज को जाता है.
दरभंगा राज की इस उपलब्धि और उत्तर बिहार में रेलवे के इतिहास की जानकारी नई पीढ़ी तक पहुंचाने के लिए रेलवे ने एक अनूठी पहल की है. दरभंगा रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म संख्या 1 पर दरभंगा हॉल बनाया गया है. जिसमें उत्तर बिहार में रेल का इतिहास और दरभंगा स्टेशन पर आने वाली उस जमाने की महान देसी-विदेशी हस्तियों की तस्वीरें प्रदर्शित की गई हैं.
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दरभंगा राज ने अपने खर्च पर बिछायी थी लाइन
दरअसल, 19वीं सदी की शुरुआत में भारत में भीषण अकाल पड़ा था. उस दौरान बिहार के लोगों को रोजगार दिलाने और इलाके में औद्योगिकरण के लिए दरभंगा राज ने अपने खर्च पर रेल लाइन बिछाया था. बाद में यह रेल लाइन तिरहुत रेलवे के नाम से जानी गई. इसका आजादी के बाद भारत सरकार ने अधिग्रहण किया और अब पूर्व मध्य रेल के रूप में जाना जाता है.
लोगों को मिला था रोजगार
दरभंगा राज मामलों के जानकार और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय के सीनेटर संतोष कुमार ने बताया, 1874 में दरभंगा राज के नरगौना पैलेस के टर्मिनल पर पहली ट्रेन आई थी. उन्होंने कहा कि दरभंगा राज ने उत्तर बिहार में रेल लाइन बिछाने में बड़ा योगदान दिया था. उन्होंने कहा कि अकाल के दौरान इलाके के लोगों को रोजगार देने और औद्योगिकरण के लिए दरभंगा राज ने रेल लाइन बिछाई थी. उन्होंने कहा कि यह रेल लाइन दरभंगा राज के नरगौना पैलेस के टर्मिनल तक सीधे जुड़ती थी.
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कई नामचीन लोगों ने किया था सफर
संतोष कुमार ने कहा कि दरभंगा रेलवे स्टेशन और नरगौना टर्मिनल पर महात्मा गांधी, पंडित जवाहरलाल नेहरू, डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन, डॉ. राजेंद्र प्रसाद समेत कई बड़ी हस्तियां, अंग्रेज अधिकारी और देसी-विदेशी रियासतों के शासक महाराजा की ट्रेन से आ चुके हैं. उन्होंने कहा, दरभंगा राज की पैलेस ऑन व्हील्स ट्रेन भी राजमहल तक सीधे आती थी. जिसका उस जमाने में विलासिता पूर्ण रेल यात्रा में बड़ा स्थान था, संतोष कुमार ने कहा कि रेलवे ने दरभंगा राज के योगदान को लोगों को बताने के लिए तस्वीरों की जो प्रदर्शनी लगाई है. वह बहुत महत्वपूर्ण और सराहनीय कदम है.