दरभंगा: नेपाल से छोड़े गए पानी के कारण अधवारा समूह की नदियों में उफान आ गया. इससे जिले में जगह-जगह पर तटबंध टूट गया. वहीं, जिले के 8 प्रखंडों में बाढ़ का पानी फैल जाने से जनजीवन बुरी तरह से प्रभावित हो गया है. लोग ऊंचे स्थान, तटबंध या फिर एनएच 57 पर अपने परिवार और मवेशियों के साथ पर शरण लिये हुए हैं. पीड़ित परिवारों ने जिला प्रशासन की तरफ से किसी प्रकार की मदद नहीं मिलने का आरोप लगाया है.
'सर छिपाने के लिए प्लास्टिक या तंबू नहीं'
बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि तटबंध टूटने के बाद जल प्रलय के बीच किसी तरह जान बचाकर हमलोग बांध और ऊंचे स्थान पर आ गए. लेकिन सर छिपाने के लिए प्लास्टिक या तंबू नहीं है. साथ ही किसी तरह की कोई सुविधा भी नहीं है. प्रशासन की ओर से अब तक कोई मदद भी नहीं मिली है. ना हमारे खाने के लिए कुछ है ना ही पशुओं के लिए चारे का कोई इंतजाम.
बाढ़ पीड़ितों के बीच बांटा गया प्लास्टिक
मौके पर पहुंचे बिरौल के एसडीओ ब्रजकिशोर लाल ने कहा कि जो लोग विस्थापित होकर एनएच पर शरण लिये हुए हैं. बारिश का मौसम देखते हुए, उन लोगों के बीच प्लास्टिक शीट बांटे गये हैं. इसके अलावा इन लोगों के लिए खाने की व्यवस्था की जा रही है. साथ ही जो लोग अब भी बाढ़ में फंसे हुए हैं उसको बचाने के लिए रेस्क्यू किया जा रहा है. साथ ही उन्होंने बताया कि जिला प्रशासन की तरफ से राहत शिविर चलाया जा रहा है. जहां बाढ़ पीड़ितों के लिए रहने के साथ-साथ खाने और पीने की समुचित व्यवस्था की गई है. गौरतलब है कि राज्य के 12 जिलों के बाढ़ की चपेट में आने से 25 लाख लोग प्रभावित हुए हैं. वहीं, 73 लोगों की डूबने से मौत हो गई है.