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दरभंगा: बाढ़ ने रोका मस्जिद जाने का रास्ता, तो ग्रामीणों ने इबादत के लिए निकाला ये तरीका - बाढ़ पीड़ित

मस्जिद के मौलवी तौकीर रहमान ने कहा कि सैलाब के चलते मस्जिद के अंदर 5 से 6 फीट तक पानी लगा हुआ है. इसके चलते यहां के लोग मस्जिद की छत पर खुले आसमान के नीचे पांच वक्त का नमाज पढ़ रहे हैं.

चंदा इकट्ठा कर चचरी पुल का निर्माण
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Published : Jul 27, 2019, 11:44 AM IST

दरभंगा: जिले में बाढ़ का कहर जारी है. आए दिन बाढ़ का पानी नए इलाकों में प्रवेश कर रहा है. जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है. लोग जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर सड़क या फिर ऊंची जगहों पर शरण लिये हुए हैं. बाढ़ का विकराल रूप इस प्रकार से फैला है कि लोग भगवान से विनती करने के लिए मंदिर और मस्जिद भी नहीं जा सकते.

मंदिर और मस्जिद जाने वाला रास्ता भी बाढ़ की चपेट में है. ऐसे में लोगों को काफी परेशानी हो रही है. जब कई दिनों तक बाढ़ का पानी कम नहीं हुआ, तो चांडी के लोगों ने खुद ही गांव की मुख्य सड़क से मस्जिद तक जाने के लिए चचरी पुल का निर्माण किया. इस चचरी पुल के सहारे ही मस्जिद की छत पर जाकर लोग पांच वक्त का नमाज अदा कर रहे हैं.

बाढ़ का कहर जारी

श्रमदान कर चचरी पुल का निर्माण
दरअसल बहादुरपुर प्रखंड के चांडी गांव में पिछले 5 दिनों से बाढ़ के पानी ने अपना डेरा जमा रखा है. लोगों को बाढ़ की तेज धारा में चलकर नमाज अदा करने में काफी कठिनाईयां हो रही थी. जब कोई समाधान नहीं दिखा तो ग्रामीणों ने गांव में एक पंचायत बुलाई और आपस में चंदा एकत्रित किया. श्रमदान करके सड़क से मस्जिद तक बांस का एक चचरी पुल कुछ ही घंटों में बना डाला.

मस्जिद के अंदर घुसा बाढ़ का पानी
मस्जिद के मौलवी तौकीर रहमान ने कहा कि सैलाब के चलते मस्जिद के अंदर 5 से 6 फीट तक पानी लगा हुआ है. इसके चलते यहां के लोग मस्जिद की छत पर खुले आसमान के नीचे पांच वक्त का नमाज पढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार का सैलाब ज्यादा ही खतरनाक महसूस हो रहा है. बाढ़ पीड़ित खौफ और दहशत के साये में सड़क के किनारे अपना जीवन यापन कर रहे हैं.

सरकार की ओर से कोई मदद नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि घर बाढ़ की धार में टूट गया है. सड़क से घर जाने के रास्ते पर 5 फीट पानी बह रहा है. लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. अगर समय पर प्रशासन ने इस रास्ते को ऊंचा कर बनवा दिया होता तो आज हमें इतनी कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता. पिछले 5 दिनों से हम लोग सड़क के किनारे तंबू लगाकर रह रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली है.

दरभंगा: जिले में बाढ़ का कहर जारी है. आए दिन बाढ़ का पानी नए इलाकों में प्रवेश कर रहा है. जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित है. लोग जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर सड़क या फिर ऊंची जगहों पर शरण लिये हुए हैं. बाढ़ का विकराल रूप इस प्रकार से फैला है कि लोग भगवान से विनती करने के लिए मंदिर और मस्जिद भी नहीं जा सकते.

मंदिर और मस्जिद जाने वाला रास्ता भी बाढ़ की चपेट में है. ऐसे में लोगों को काफी परेशानी हो रही है. जब कई दिनों तक बाढ़ का पानी कम नहीं हुआ, तो चांडी के लोगों ने खुद ही गांव की मुख्य सड़क से मस्जिद तक जाने के लिए चचरी पुल का निर्माण किया. इस चचरी पुल के सहारे ही मस्जिद की छत पर जाकर लोग पांच वक्त का नमाज अदा कर रहे हैं.

बाढ़ का कहर जारी

श्रमदान कर चचरी पुल का निर्माण
दरअसल बहादुरपुर प्रखंड के चांडी गांव में पिछले 5 दिनों से बाढ़ के पानी ने अपना डेरा जमा रखा है. लोगों को बाढ़ की तेज धारा में चलकर नमाज अदा करने में काफी कठिनाईयां हो रही थी. जब कोई समाधान नहीं दिखा तो ग्रामीणों ने गांव में एक पंचायत बुलाई और आपस में चंदा एकत्रित किया. श्रमदान करके सड़क से मस्जिद तक बांस का एक चचरी पुल कुछ ही घंटों में बना डाला.

मस्जिद के अंदर घुसा बाढ़ का पानी
मस्जिद के मौलवी तौकीर रहमान ने कहा कि सैलाब के चलते मस्जिद के अंदर 5 से 6 फीट तक पानी लगा हुआ है. इसके चलते यहां के लोग मस्जिद की छत पर खुले आसमान के नीचे पांच वक्त का नमाज पढ़ रहे हैं. उन्होंने कहा कि इस बार का सैलाब ज्यादा ही खतरनाक महसूस हो रहा है. बाढ़ पीड़ित खौफ और दहशत के साये में सड़क के किनारे अपना जीवन यापन कर रहे हैं.

सरकार की ओर से कोई मदद नहीं
स्थानीय लोगों का कहना है कि घर बाढ़ की धार में टूट गया है. सड़क से घर जाने के रास्ते पर 5 फीट पानी बह रहा है. लोग जान जोखिम में डालकर आवागमन कर रहे हैं. अगर समय पर प्रशासन ने इस रास्ते को ऊंचा कर बनवा दिया होता तो आज हमें इतनी कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता. पिछले 5 दिनों से हम लोग सड़क के किनारे तंबू लगाकर रह रहे हैं, लेकिन अभी तक सरकार की ओर से किसी प्रकार की सहायता नहीं मिली है.

Intro:दरभंगा जिला में लगातार बाढ़ अपना कहर बरपा रही है। नित्य दिन बाढ़ का पानी नए इलाकों में प्रवेश कर लोगों का जनजीवन पूरी तरह से प्रभावित कर रहा है। लोग जैसे-तैसे अपनी जान बचाकर सड़क या फिर ऊंची जगहों पर शरण लेकर अपनी जान तो बचा ली। लेकिन बाढ़ ने अपना विकराल रूप इस प्रकार से फैला रखा है कि बाढ पीड़ित लोग ऊपर वाले से विनती करने के लिए मंदिर और मस्जिद भी नहीं जा सकते हैं। क्योंकि बाढ़ के पानी ने इन रास्तों को भी अपनी चपेट में ले रखा है। ऐसे में जब कई दिनों तक बाढ़ का पानी कम नहीं हुआ, तो चांडी के लोगों ने मस्जिद में आने जाने के लिए अपना हाथ जगन्नाथ की कहावत को चरितार्थ करते हुए गांव के मुख्य सड़क से मस्जिद तक चचरी पुल का निर्माण कर डाला। अब इस गांव के लोग इस चचरी पुल के सहारे मस्जिद के छत पर पांच वक्त का नमाज अदा कर रहे हैं।


Body:दरअसल बहादुरपुर प्रखंड के चांडी गांव में पिछले 5 दिनों से बाढ़ के पानी में अपना डेरा जमा रखा है। जिसके चलते गांव के लोगों को छाती भर बाढ़ की तेज धारा में चलकर नमाज अदा करने में काफी कठिनाइयां हो रही थी। वहीं ग्रामीणों को जब किसी प्रकार का समाधान नहीं दिखा तो उन लोगों ने गांव में एक पंचायत बिठाई और खुद आपस में चंदा एकत्रित किया और खुद के श्रमदान करके सड़क से मस्जिद तक बांस का एक चचरी पूल कुछ ही घंटों की मेहनत में बना डाला। अब नमाजी इस चचरी पुल के सहारे मस्जिद के छत पर चढ़कर नमाज अदा कर रहे हैं।

वही मस्जिद के मौलवी तौकीर रहमान ने कहा कि सैलाब के चलते मस्जिद के अंदर 5 से 6 फीट बाढ़ का पानी लगा हुआ है। उसके चलते यहां के लोग लोगों ने चचरी पुल बनाकर मस्जिद की छत पर खुले आसमान के नीचे पांच वक्त का नमाज पढ़ रहे हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जब मस्जिद में बाढ़ का पानी घुस गया और नमाज अदा करने में कठिनाइयां होने लगी, तो यहां के लोग आपस में चंदा वगैरह कर के इस चचरी पुल का निर्माण किया है। वही उन्होंने कहा कि इस बार का सैलाब ज्यादा ही खतरनाक महसूस हो रहा है और यहां के सभी लोग खौफ और दहशत में सड़क के किनारे जी रहे हैं।


Conclusion:वही स्थानीय मो आफताब का कहना है कि अभी हम लोग घर देखकर आ रहे हैं, पूरा घर बाढ़ के पानी के चलते टूटने के साथ ही धस गया है। घर जाने आने के रास्ते पर 5 फीट पानी बह रहा है, जिसमें हम लोग अपनी जान को जोखिम में डालकर घर देखने जाते और आते हैं। अगर समय पर प्रशासन ने इस रास्ता को ऊंचा कर बनवा दिया होता तो, आज हम लोगों को घर छोड़कर इतनी कठिनाइयों का सामना नहीं करना पड़ता। साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले 5 दिनों से हम लोग सड़क के किनारे पन्नी लगाकर कह रहे हैं लेकिन अभी तक हम लोगों को किसी प्रकार का सरकारी सहायता नहीं मिला है।

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मो अफताब, स्थानीय
तौकीर रहमान, मौलवी
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