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दरभंगा: कड़ाके की ठंड के बीच युवकों ने जरूरतमंदों के बीच बांटे कंबल

जिला प्रशासन की ओर से अलाव की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण राहगीर और कामगार ठंड में ठिठुरने को बेबस हैं. उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से शाम में थोड़ी सी लकड़ी जलाई जाती है. जो रात 10 बज तक खत्म हो जाती है.

cold in darbhanga
दरभंगा में ठंड
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Published : Jan 5, 2020, 11:09 AM IST

दरभंगा: जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिससे लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. ऐसे में दरभंगा रेलवे स्टेशन के पास कुछ युवकों ने मिलकर जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण किया, जिससे वे लोग काफी खुश नजर आए.

जरूरतमंद हुए खुश
ठंड की वजह से शाम होते ही सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है और लोग अपने-अपने घरों में दुबक जाते हैं. ऐसे में गरीबों को इस ठंड में सबसे ज्यादा परेशानियां हो रही है. वहीं, जब कुछ युवाओं ने मिलकर उनके बीच कंबल बांटा तो उनके चेहरे पर खुशी देखने लायक थी.

ठंड में बेबस जरूरतमंदों के बीच युवकों ने बांटा कंबल

प्रशासन ने नहीं की है समुचित व्यवस्था
जिला प्रशासन की ओर से अलाव की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण राहगीर और कामगार ठंड में ठिठुरने को बेबस हैं. उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से शाम में थोड़ी सी लकड़ी जलाई जाती है. जो रात 10 बज तक खत्म हो जाती है. जिसके बाद वे लोग खुद से आसपास के दुकानों से कार्टन और लकड़ी का इंतजाम कर आग जलाते हैं.

दरभंगा: जिले में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिससे लोगों का जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. ऐसे में दरभंगा रेलवे स्टेशन के पास कुछ युवकों ने मिलकर जरूरतमंदों के बीच कंबल वितरण किया, जिससे वे लोग काफी खुश नजर आए.

जरूरतमंद हुए खुश
ठंड की वजह से शाम होते ही सड़कों पर सन्नाटा छा जाता है और लोग अपने-अपने घरों में दुबक जाते हैं. ऐसे में गरीबों को इस ठंड में सबसे ज्यादा परेशानियां हो रही है. वहीं, जब कुछ युवाओं ने मिलकर उनके बीच कंबल बांटा तो उनके चेहरे पर खुशी देखने लायक थी.

ठंड में बेबस जरूरतमंदों के बीच युवकों ने बांटा कंबल

प्रशासन ने नहीं की है समुचित व्यवस्था
जिला प्रशासन की ओर से अलाव की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण राहगीर और कामगार ठंड में ठिठुरने को बेबस हैं. उनका कहना है कि प्रशासन की ओर से शाम में थोड़ी सी लकड़ी जलाई जाती है. जो रात 10 बज तक खत्म हो जाती है. जिसके बाद वे लोग खुद से आसपास के दुकानों से कार्टन और लकड़ी का इंतजाम कर आग जलाते हैं.

Intro:जिले में पिछले कई दिनों से पर रहे लगातार ठंड की वजह से लोगों के साथ ही जीव जंतुओं का जनजीवन पूरी तरह से अस्त व्यस्त हो गया है। ऐसे मौसम में लोग जल्दी से अपना काम निपटा कर अपने धर में सिमट जाते हैं। जिसके कारण शाम होते ही चौक चौराहे एवं सड़को पर सन्नाटा छा जाता है। ठंड का आलम यह कि चौक चौराहे पर राहगीर व कामगारो के लिए सरकारी स्तर पर जो अलाव की व्यवस्था की गई है, उस अलाव के पास लोगों के साथ पशु भी अपने शरीर को गम करने में लगे रहते हैं।


Body:अलाव की समुचित व्यवस्था नही

इस कड़ाके की ठंड में सबसे ज्यादा परेशानी दिहाड़ी मजदूर और यात्रा करने वाले को हो रही है। वही जिलाप्रशासन के द्वारा अलाव की समुचित व्यवस्था नहीं होने के कारण बस स्टैंड, टेंपो स्टैंड और रेलवे स्टेशनों पर रह रहे लोगों को भारी परेशानी हो रही है। वही स्थानीय नाजिर हुसैन ने कहा कि जिला प्रशासन की ओर से शाम में थोड़ी सी लकड़ी जलाकर चला जाता है। जो रात के 10 बजते ही ख़त्म हो जाता है। जिसके बाद हम लोग आसपास के दुकानों से कार्टून, लकड़ी का इंतजाम कर सारी रात रहते हैं।




Conclusion:ठिठुर रहे गरीब लोगों के बीच हुआ कंबल का वितरण

वहीं दूसरी तरफ इंसानियत की एक बड़ी मिसाल उस वक्त देखने को मिली जब कुछ नवयुवक एकजुट होकर दरभंगा रेलवे स्टेशन पर इस भीषण शीतलहर में ठिठुर रहे गरीब लोगों के बीच कंबल का वितरण कर रहे थे। ये वो लोग हैं जो दिन-रात रिक्शा या फिर मजदूरी करके अपने परिवार का पालन पोषण करने में लगे रहते हैं। वही कंबल वितरण कर रहे मुरली मनोहर ने कहा कि परसों जब वे अपने परिजन को ट्रेन पर चढ़ाने आए थे, तो देखा कि यहां पर रह रहे लोग कैसे इस ठंड में कैसे ठिठुर रहे हैं। जिसके बाद उन्होंने कंबल वितरण करने का मन बना लिया।

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नाजिर हुसैन, स्थानीय
भोला, रिक्सा चालक
मुरली मनोहर, समाजसेवी
पीटीसी
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