दरभंगाः मानसून आते ही जिले में जलजमाव की समस्या उत्पन्न हो जाती है. इस बार शहरवासी करीब एक महीने से जलजमाव का संकट झेल रहे हैं. नगर निगम क्षेत्र के 48 में से 16 वार्ड बाढ़ के पानी से घिरे हैं तो वहीं बाकी के कई वार्ड भी बारिश की वजह से जलजमाव का शिकार हो गए हैं. हालात ये हैं कि शहर के कई इलाकों में सड़क पर 3-4 फीट पानी बह रहा है. साथ ही लोगों के घरों में भी पानी घुस गया है जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
जलजमाव पर सियासत
नगर निगम ने जलनिकासी के लिए अपने पंपों के अलावा इमरजेंसी के तहत बाहर से भाड़े के कई पंप मंगवाए हैं, लेकिन ऐसे समय में शहर के जलजमाव पर सियासत शुरू हो गई है. नगर विधायक संजय सरावगी ने दरभंगा नगर निगम को शहर के जलजमाव के लिए दोषी ठहराया है.
'जल निकासी में लग जाएंगे 4-5 महीने'
स्थानीय काशी कुमार सहनी ने कहा कि उनके मोहल्ले में बाढ़ का पानी जमा है. कुछ दिनों से शहर में पंप लगाकर जलनिकासी की जा रही है, लेकिन इससे कुछ खास फायदा नहीं होगा. क्योंकि जलजमाव की समस्या का स्थायी समाधान इससे नहीं होगा. स्थानीय मो. नसीम ने कहा कि उनके मोहल्ले में कमर से लेकर छाती भर पानी जमा है. जिस गति से नगर निगम जलनिकासी कर रहा है उससे तो 4-5 महीने लग जाएंगे.
'सरकार को बदनाम करने की साजिश'
नगर विधायक संजय सरावगी ने कहा कि आज मोहल्लों में जलजमाव से नारकीय स्थिति बनी हुई है. जलनिकासी के लिए नगर विकास मंत्री ने अगस्त 2018 में मुख्यमंत्री नाली-गली योजना के तहत 48 योजनाओं का शिलान्यास किया था. जिसमें से 34 योजनाएं अब तक शुरू नहीं हुई हैं. 10 करोड़ की राशि नगर निगम के खाते में पड़ी हुई है. हालात ये हैं कि शिलान्यास के पत्थर तक नगर निगम में ही रखे रह गए हैं. उन्होंने इसे नगर निगम की लापरवाही और सरकार को बदनाम करने की साजिश बताया.
'शुरू हुई कई योजनाएं'
वहीं, दरभंगा नगर निगम के आयुक्त घनश्याम मीणा ने नगर विधायक के इन आरोपों को गलत बताया है. उन्होंने कहा कि नगर विकास मंत्री ने जिन योजनाओं का शिलान्यास किया था उनमें से कई योजनाएं शुरू हुई हैं. कुछ योजनाओं के टेंडर फाइनल नहीं हो पाए, क्योंकि उनमें एक-एक एजेंसी ने ही टेंडर डाला था.
नगर निगम के दावे
घनश्याम मीणा ने कहा कि दोबारा टेंडर हुआ तब भी यही स्थिति रही, लेकिन अब इन्हें भी शुरू किया जा रहा है. जैसे-जैसे योजनाओं का टेंडर फाइनल होगा, वैसे-वैसे काम शुरू होगा और शिलान्यास के पत्थर भी योजना स्थल पर लगते जाएंगे. उन्होंने कहा कि फिलहाल पंपसेट से शहर की जलनिकासी हो रही है. अब देखने वाली बात होगी की नगर निगम के दावे कितने सही साबित होते हैं.