दरभंगा: बिहार में बाढ़ से लोगों को राहत अब तक नहीं मिली है. जिले में कमला, कोसी और बागमती नदी के जल स्तर में हो रही बढ़ोतरी के कारण यहां के चार प्रखंडों में पानी भर गया है. हायाघाट प्रखंड के कई गांव में भी पानी भरने से लोग परेशान हैं. ग्रमीणों को घर से बाहर निकलना दुश्वार हो गया है.
इन इलाकों में घुसा बाढ़ का पानी
बाढ़ का पानी हनुमान नगर, हायाघाट सहित कई इलाकों में घुस गया है. आलम यह है कि हायाघाट प्रखंड के तीन पंचायत नया गांव, नवटोल, सिरनिया, बिलासपुर सहित कई गांव ऐसे हैं, जो चारों तरफ से बाढ़ के पानी से घिरे हैं. जिससे इलाका टापू में तब्दील में हो गया. लोगों के आवागमन के लिए सिर्फ एक नाव ही सहारा रह गया है. नाव में जाने के लिए लोगों को 20 रुपया प्रति व्यक्ति चुकाना पड़ रहा है. जो बाढ़ से बेहाल लोगों पर भारी पड़ रहा है.
'नहीं मिली सहायता राशि'
स्थानीय निवासी राशिद अली का कहना है कि बाढ़ से जीवन त्रस्त हो चुका है. पानी के कारण बाहर का काम नहीं हो पा रहा है. उन्होंने कहा कि नाव का सहारा लेने के लिए 20 रुपये चुकाने पड़ रहे हैं. यहां सरकारी राहत अब तक नहीं पहुंची है. वहीं, सरकार की तरफ से 6 हजार रुपया सहायता राशि मिलने वाली थी, वो भी नहीं मिली है. प्रशासन सिर्फ आश्वासन देने का ही काम कर रहा है.
प्रशासन से मदद की गुहार
बाढ़ पीड़ितों का कहना है कि पिछले पांच सालों से इतना पानी कभी नहीं आया है. हम लोगों को अपना घर छोड़कर दूसरी जगह जाना पड़ रहा है. यहां लोगों की डूबने से मौत हो रही है लेकिन किसी को फर्क नहीं पड़ रहा है. सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि नेता सिर्फ वोट मांगने आते हैं और काम निकलने पर भूल जाते हैं. इतनी गरीबी में भी 20 से 25 हजार लगाकर अपना घर बनावाते हैं और बाढ़ से सब तहस-नहस हो जाता है. उन्होंने सरकार और प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
'नहीं शिफ्ट हो रहे ग्रामीण'
इस संबंध में हायाघाट प्रखंड के प्रखंड विकास पदाधिकारी राकेश कुमार ने कहा कि बाढ़ से प्रभावित तीन प्रखंड बिलासपुर, रुस्तमपुर और मल्हीपट्टी पंचायत हैं. उन्होंने कहा कि जितने भी प्रभावित लोग हैं उन्हें दूसरी जगह शिफ्ट किया जा रहा है. वहीं, कई लोग अभी भी अपने घरों में ही हैं. उन्हें अपने मवेशी और संपत्ति की चिंता सताई जा रही है. इसलिए वे दूसरी जगह जाने से कतरा रहे हैं.
पीड़ितों को मिल रहा मुआवजा
पदाधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि बाढ़ पीड़ितों को पॉलिथीन सीट, समुदाय किचन और मेडिकल कैंप लगा कर सेवाएं दी जा रही है. वहीं पशुओं के लिए चारे की व्यवस्था भी कर दी गई है. साथ ही हर संभव मदद के लिए प्रशासन पूरी तरह से तत्पर है. सूचना मिलते ही प्रशासन की टीम मदद के लिए पहुंच जाएगी. पदाधिकारी ने कहा कि कुल 2084 प्रभावितों के खाते में राशि भेजनी है. जिसमें अभी तक 1281 प्रभावितों के खाते में राशि भेजी जा चुकी है. बाकी जो बाढ़ प्रभावित हैं उनके खाते में पैसे डाले जा रहे हैं.