दरभंगा: जिले के डीएमसीएच के मेडिसिन विभाग में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गई है. सरकार की ओर से बनाई गई इस नशा मुक्ति केंद्र में सुविधाओं का घोर अभाव है. इस कारण नशे के गिरफ्त में आए लोगों को अपना इलाज कराने के लिए पिछले दो महीनों से भटकना पड़ रहा है.
बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की, ताकि नशे के गिरफ्त में आए लोग यहां अपना इलाज कराकर नशा से मुक्ति पा सकें. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है.
नशा मुक्ति केंद्र की स्थिति जर्जर
दरअसल, शुरुआती दौर में मरीजों को यहां कई तरह की सुविधाएं दी जा रही थी. लेकिन धीरे-धीरे यहां की सुविधाओं में कमी आने लगी. आलम यह है कि नशा मुक्ति केंद्र के वार्डो में लगे दो एसी और सीसीटीवी कैमरे महीनों से खराब पड़े हैं. बेड भी कम है. इस कारण वर्तमान में 24 लोगों का नाम वेटिंग लिस्ट में है.
मरीजों को हो रही परेशानी
अपने भाई का ईलाज कराने पहुंचे हीरालाल यादव ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने पहले हमने यहां पर नंबर लगाया था. लेकिन अभी तक मरीज का इलाज शुरू नहीं हो पाया है. यहां पर उपस्थित कर्मियों का कहना है कि जब आपका नंबर आएगा तब आपको फोन करके सूचित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि पूछताछ के लिये जब फोन किया जाता है तो यहां कोई फोन रिसीव नहीं करता है.
24 नए मरीजों का रजिस्ट्रेशन पेंडिंग
वहीं, नशा मुक्ति केंद्र के चिकित्सक का कहना है कि हमारे यहां पिछले दो महीने से काफी वेटिंग चल रहा है. यहां लोग अपना रजिस्ट्रेशन कराकर जा रहे हैं. अभी हमलोगों के पास 24 नए मरीजों का रजिस्ट्रेशन पड़ा है. उन्हें अभी एडमिट करना है. साथ ही नए और पुराने मरीज भी आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में यहां की व्यवस्था काफी अच्छी है. लेकिन यहां एक डॉक्टर और एक जीएनएम स्टाफ की कमी है. अगर इन दोनों सीटों पर नियुक्ति हो जाए तो यहां की व्यवस्था और भी अच्छी हो जाएगी.
क्या कहते हैं अस्पताल अधीक्षक
इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र हमारे मेडिसिन वार्ड में है. वहां की व्यवस्था का जिम्मा मेरे और सिविल सर्जन का है. सिविल सर्जन की तरफ से वहां डॉक्टर और नोडल ऑफिसर रहते हैं. यहां पर भर्ती सभी मरीजों का इलाज सही ढ़ंग से किया जाता है. चूंकि मरीजों की संख्या बढ़ रही है, इसके लिये ज्यादा बेड की आवश्यकता है. इस संबंध में प्रधान सचिव और सिविल सर्जन से बात की जायेगी.