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दरभंगा: नशा मुक्ति केंद्र की स्थिति जर्जर, सुविधा के अभाव में मरीजों का नहीं हो रही इलाज

मरीज के परिजनों का कहना है कि पिछले डेढ़ महीने पहले हमने यहां पर नंबर लगाया था. लेकिन अभी तक मरीज का इलाज शुरू नहीं हो पाया है. इधर, चिकित्सकों का कहना है कि वर्तमान में यहां की व्यवस्था काफी अच्छी है. लेकिन यहां एक डॉक्टर और एक जीएनएम की कमी है. अगर इन दोनों सीटों पर नियुक्ति हो जाए तो यहां की व्यवस्था और भी अच्छी हो जाएगी.

नशा मुक्ति केंद्र
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Published : Aug 17, 2019, 10:00 AM IST

दरभंगा: जिले के डीएमसीएच के मेडिसिन विभाग में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गई है. सरकार की ओर से बनाई गई इस नशा मुक्ति केंद्र में सुविधाओं का घोर अभाव है. इस कारण नशे के गिरफ्त में आए लोगों को अपना इलाज कराने के लिए पिछले दो महीनों से भटकना पड़ रहा है.

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चिकित्सक, नशा मुक्ति केंद्र

बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की, ताकि नशे के गिरफ्त में आए लोग यहां अपना इलाज कराकर नशा से मुक्ति पा सकें. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है.

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नशा मुक्ति केंद्र के वार्डो में खराब पड़ा है एसी

नशा मुक्ति केंद्र की स्थिति जर्जर
दरअसल, शुरुआती दौर में मरीजों को यहां कई तरह की सुविधाएं दी जा रही थी. लेकिन धीरे-धीरे यहां की सुविधाओं में कमी आने लगी. आलम यह है कि नशा मुक्ति केंद्र के वार्डो में लगे दो एसी और सीसीटीवी कैमरे महीनों से खराब पड़े हैं. बेड भी कम है. इस कारण वर्तमान में 24 लोगों का नाम वेटिंग लिस्ट में है.

मरीजों को हो रही परेशानी
अपने भाई का ईलाज कराने पहुंचे हीरालाल यादव ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने पहले हमने यहां पर नंबर लगाया था. लेकिन अभी तक मरीज का इलाज शुरू नहीं हो पाया है. यहां पर उपस्थित कर्मियों का कहना है कि जब आपका नंबर आएगा तब आपको फोन करके सूचित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि पूछताछ के लिये जब फोन किया जाता है तो यहां कोई फोन रिसीव नहीं करता है.

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डॉ. राज रंजन प्रसाद, अस्पताल अधीक्षक

24 नए मरीजों का रजिस्ट्रेशन पेंडिंग
वहीं, नशा मुक्ति केंद्र के चिकित्सक का कहना है कि हमारे यहां पिछले दो महीने से काफी वेटिंग चल रहा है. यहां लोग अपना रजिस्ट्रेशन कराकर जा रहे हैं. अभी हमलोगों के पास 24 नए मरीजों का रजिस्ट्रेशन पड़ा है. उन्हें अभी एडमिट करना है. साथ ही नए और पुराने मरीज भी आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में यहां की व्यवस्था काफी अच्छी है. लेकिन यहां एक डॉक्टर और एक जीएनएम स्टाफ की कमी है. अगर इन दोनों सीटों पर नियुक्ति हो जाए तो यहां की व्यवस्था और भी अच्छी हो जाएगी.

नशा मुक्ति केंद्र में सुविधाओं का है घोर अभाव

क्या कहते हैं अस्पताल अधीक्षक
इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र हमारे मेडिसिन वार्ड में है. वहां की व्यवस्था का जिम्मा मेरे और सिविल सर्जन का है. सिविल सर्जन की तरफ से वहां डॉक्टर और नोडल ऑफिसर रहते हैं. यहां पर भर्ती सभी मरीजों का इलाज सही ढ़ंग से किया जाता है. चूंकि मरीजों की संख्या बढ़ रही है, इसके लिये ज्यादा बेड की आवश्यकता है. इस संबंध में प्रधान सचिव और सिविल सर्जन से बात की जायेगी.

दरभंगा: जिले के डीएमसीएच के मेडिसिन विभाग में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गई है. सरकार की ओर से बनाई गई इस नशा मुक्ति केंद्र में सुविधाओं का घोर अभाव है. इस कारण नशे के गिरफ्त में आए लोगों को अपना इलाज कराने के लिए पिछले दो महीनों से भटकना पड़ रहा है.

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चिकित्सक, नशा मुक्ति केंद्र

बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद नशे की लत से छुटकारा दिलाने के लिये मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की, ताकि नशे के गिरफ्त में आए लोग यहां अपना इलाज कराकर नशा से मुक्ति पा सकें. लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण लोगों का इलाज नहीं हो पा रहा है.

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नशा मुक्ति केंद्र के वार्डो में खराब पड़ा है एसी

नशा मुक्ति केंद्र की स्थिति जर्जर
दरअसल, शुरुआती दौर में मरीजों को यहां कई तरह की सुविधाएं दी जा रही थी. लेकिन धीरे-धीरे यहां की सुविधाओं में कमी आने लगी. आलम यह है कि नशा मुक्ति केंद्र के वार्डो में लगे दो एसी और सीसीटीवी कैमरे महीनों से खराब पड़े हैं. बेड भी कम है. इस कारण वर्तमान में 24 लोगों का नाम वेटिंग लिस्ट में है.

मरीजों को हो रही परेशानी
अपने भाई का ईलाज कराने पहुंचे हीरालाल यादव ने बताया कि पिछले डेढ़ महीने पहले हमने यहां पर नंबर लगाया था. लेकिन अभी तक मरीज का इलाज शुरू नहीं हो पाया है. यहां पर उपस्थित कर्मियों का कहना है कि जब आपका नंबर आएगा तब आपको फोन करके सूचित किया जायेगा. उन्होंने कहा कि पूछताछ के लिये जब फोन किया जाता है तो यहां कोई फोन रिसीव नहीं करता है.

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डॉ. राज रंजन प्रसाद, अस्पताल अधीक्षक

24 नए मरीजों का रजिस्ट्रेशन पेंडिंग
वहीं, नशा मुक्ति केंद्र के चिकित्सक का कहना है कि हमारे यहां पिछले दो महीने से काफी वेटिंग चल रहा है. यहां लोग अपना रजिस्ट्रेशन कराकर जा रहे हैं. अभी हमलोगों के पास 24 नए मरीजों का रजिस्ट्रेशन पड़ा है. उन्हें अभी एडमिट करना है. साथ ही नए और पुराने मरीज भी आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि वर्तमान में यहां की व्यवस्था काफी अच्छी है. लेकिन यहां एक डॉक्टर और एक जीएनएम स्टाफ की कमी है. अगर इन दोनों सीटों पर नियुक्ति हो जाए तो यहां की व्यवस्था और भी अच्छी हो जाएगी.

नशा मुक्ति केंद्र में सुविधाओं का है घोर अभाव

क्या कहते हैं अस्पताल अधीक्षक
इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र हमारे मेडिसिन वार्ड में है. वहां की व्यवस्था का जिम्मा मेरे और सिविल सर्जन का है. सिविल सर्जन की तरफ से वहां डॉक्टर और नोडल ऑफिसर रहते हैं. यहां पर भर्ती सभी मरीजों का इलाज सही ढ़ंग से किया जाता है. चूंकि मरीजों की संख्या बढ़ रही है, इसके लिये ज्यादा बेड की आवश्यकता है. इस संबंध में प्रधान सचिव और सिविल सर्जन से बात की जायेगी.

Intro:बिहार में शराबबंदी लागू होने के बाद लोगों को नशे की लत से छुटकारा दिलाने के उद्देश्य मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सभी जिलों में नशा मुक्ति केंद्र का स्थापना करवाया। ताकि नशे के गिरफ्त में आए लोगों इस में भर्ती होकर अपना इलाज करा कर नशा से मुक्ति पा सके और अपने परिवार के साथ खुशहाल जिंदगी जी सके। सरकार के इसी उद्देश्य को लेकर डीएमसीएच के मेडिसिन विभाग के एक कमरे में नशा मुक्ति केंद्र की स्थापना की गई और यहां पर इलाजरत लोगों के लिए सरकार की ओर से कई तरह की सुविधाएं दी गई। लेकिन सरकारी उदासीनता के कारण यहां की व्यवस्था में कमी के साथ इसका विस्तारीकरण नहीं हो सका। जिसके चलते नशे के गिरफ्त में आए लोगों को अपना इलाज कराने के लिए पिछले दो महीने से भटकना पड़ रहा है।


Body:दरअसल शुरुआती दौर में लोगों को यहां कई तरह की सुविधाएं दी जा रही थी। लेकिन धीरे-धीरे यहां की सुविधाओं में कमी आने लगी। आलम यह है कि नशा मुक्ति केंद्र के वार्डो में लगे दो एसी और सीसीटीवी कैमरे महीनों से खराब पड़े हैं। वही समय पर इस नशा मुक्ति केंद्र का विस्तारीकरण नहीं किया गया, जिसके चलते पिछले दो महीनों से बेड कम पड़ रहा है। जिसके चलते वर्तमान स्थिति में 24 लोग का नाम वेटिंग लिस्ट में हैं।

वही अपने भाई का इलाज कराने पहुंचे हीरालाल यादव ने कहा कि पिछले डेढ़ महीना पहले हमने यहां पर नंबर लगाया था। लेकिन अभी तक मरीज का इलाज चालू नहीं हो पाया है। यहां पर उपस्थित कर्मी कह रहे हैं कि, जब आपका नंबर आएगा तब आपको फोन करके सूचित किया जायेगा। लेकिन जब हम अपने घर से फोन करते हैं तो, यहां पर कोई आदमी फोन को रिसीव नहीं करता है। काफी परेशान है समझ में नहीं आता है क्या करें। क्योंकि 6 महीना पहले हम अपने भाई का इलाज यहां करवा चुके हैं। फिर से वह नशा करने लगा है और यहां के डॉक्टर बोलते हैं कि पहले नए मरीज का इलाज होगा फिर पुराने मरीज का।


Conclusion:वही नशा मुक्ति केंद्र के चिकित्सक का कहना है कि हमारे यहां पिछले दो महीने से काफी वेटिंग चल रहा है। यहां पर लोग अपना रजिस्ट्रेशन करवाकर जा रहे हैं। अभी हमलोगों के पास 24 नए मरीजों का रजिस्ट्रेशन होकर पड़ा हुआ है। उन्हें अभी एडमिट करना है साथ ही नए व पुराने मरीज भी आ रहे हैं। वहीं उन्होंने कहा कि वर्तमान में यहां की व्यवस्था काफी अच्छी है। लेकिन यहां एक डॉक्टर और एक जीएनएम स्टाफ की कमी है। अगर इन दोनों सीटों पर काम करने वाले आ जाए तो, यहां की व्यवस्था और भी अच्छी हो जाएगी।

वही इस संबंध में अस्पताल अधीक्षक डॉ राज रंजन प्रसाद ने कहा कि नशा मुक्ति केंद्र हमारे मेडिसिन वार्ड में व्यवस्थित है। वहां की व्यवस्था हमारे और सिविल सर्जन दोनों के बीच का है। सिविल सर्जन के तरफ से वहां डॉक्टर और नोडल ऑफिसर रहते हैं। हम लोग यहां पर जो मरीज भर्ती होते हैं, उनका इलाज उपलब्ध करवाते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि पहले राज्य स्वास्थ्य समिति की तरफ से पैसे आते थे, तो सीसीटीवी कैमरे, टीवी सहित अन्य चीजों की रिपेयरिंग उसी पैसे से होती थी। लेकिन इन दिनों जब यह राज्य स्वास्थ्य समिति से अलग हो गया है, तब से कुछ पैसे की कमी हो गई है। हम लोगों ने एलॉटमेंट के लिए लिखा है और जैसे ही अलॉटमेंट आ जाता है हम लोगों के पास। जो जो कमियां हैं उन सब कमियों को दूर कर ली जायेगी। वहीं उन्होंने कहा कि वहां पर मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इस संबंध में प्रधान सचिव और सिविल सर्जन से बातचीत की जायेगी और उसके बढ़ाने की उपाय की जाएगी।

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हीरालाल यादव परिजन
चिकित्सक नशा मुक्ति केंद्र
डॉ राजीव रंजन प्रसाद अस्पताल अधीक्षक

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