दरभंगा: डीएमसीएच का सर्जिकल भवन जर्जर हालत में है. यहां कभी भी कोई बड़ा हादसा हो सकता है. इसकी हालत देख जिलाधिकारी डॉ. त्यागराजन ने भवन को तुरंत खाली करने का निर्देश दिया था. इस संदर्भ में डीएमसीएच अधीक्षक ने जून माह में बैठक कर खाली करने का फैसला लिया. लेकिन अबतक जर्जर भवन खाली नहीं कराया जा सका है. अभी भी मरीजों का यहां इलाज किया जा रहा है.
डर के साये में इलाज करा रहे मरीज
अस्पताल प्रशासन ने जुलाई के प्रथम सप्ताह में शिफ्ट करने का प्लान बनाया था. सर्जरी और आर्थो के मरीजों को आईडीएच भवन, कैंसर वॉर्ड, एआरटी सेंटर, मेडिसिन विभाग, आंख विभाग और रैन बसेरा में शिफ्ट करना था. लेकिन जुलाई के तीसरे सप्ताह में भी पहल नहीं हुई. अस्पताल में भर्ती मरीजों के परिजन भवन की जर्जर हालत देख दहशत में हैं. बरसात में पानी रिसता है तो दूसरी तरफ छत का चट्टान भी गिरता है. भवन की जर्जर हालत के बीच मरीज डर के साये में अपना इलाज कराने के लिए मजबूर हैं.
प्रधान सचिव करेंगे निरीक्षण
अस्पताल अधीक्षक डॉ. राज रंजन प्रसाद ने बताया कि मरीज को शिफ्ट करने का प्रयास चल रहा है. लेकिन चिन्हित जगहों पर अभी रैन बसेरा चल रहा है. जिसकी वजह से परेशानी आ रही है. मरीजों को इससे राहत दिलाने के लिए दूसरे विकल्प पर भी काम चल रहा है.
खतरनाक घोषित हो चुका है सर्जिकल भवन
गौरतलब है कि सर्जिकल भवन को कई वर्ष पहले ही खतरनाक घोषित किया जा चुका है. भूकंप के डेंजर जोन में रहने के कारण यहां कभी भी हादसा हो सकता है. पिछली बार भूकंप के समय इलाजरत मरीजों को दूसरे विभागों में शिफ्ट किया गया था. हालांकि जगह की कमी बताकर फिर से यहां मरीजों को शिफ्ट कर दिया गया. अधीक्षक कार्यालय के पीछे नए सर्जिकल भवन के निर्माण के लिए विभाग ने योजना स्वीकृत की है. लेकिन कई वर्ष बीत जाने के बाद भी निर्माण कार्य शुरू नहीं हो सका. जर्जर सर्जिकल भवन में कार्यरत स्वास्थ्यकर्मी भी डर के साये में ड्यूटी कर रहे हैं.