ETV Bharat / state

LNMU में गुरु-शिष्य संबंध विषय पर संगोष्ठी का आयोजन, प्रो श्रुतिधर झा समृति ग्रंथ का हुआ विमोचन

एलएनएमयू में प्रो. श्रुतिधर झा समृति ग्रंथ का विमोचन किया गया. इस अवसर पर ‘गुरु-शिष्य संबंध-वर्तमान संदर्भ’ विषय पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया. वहीं, मुख्य अतिथि पद्मश्री बिमल जैन ने मानव जीवन की सर्वांगीण सफलता के लिए गुरु की कृपा को जरूरी बताया. उन्होंने दिव्यांगों की शिक्षा-दीक्षा के लिए प्रो. जयशंकर झा की ओर से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की.

Seminar organized in LNMU
Seminar organized in LNMU
author img

By

Published : Mar 25, 2021, 11:01 PM IST

दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विवि के जुबली हॉल में प्रो. श्रुतिधर झा समृति ग्रंथ का विमोचन किया गया. पुस्तक के संपादक विवि संस्कृत विभाग के प्रो. जयशंकर झा हैं. इस अवसर पर ‘गुरु-शिष्य संबंध-वर्तमान संदर्भ’ विषय पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया.

यह भी पढ़ें - LNMU में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन, देश-विदेश के विद्वान करेंगे शिरकत

इस अवसर पर उद्घाटनकर्ता के रूप में बोलते हुए कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि गुरु-शिष्य परंपरा का आधार श्रद्धा और विश्वास है. नैतिकता की डोर को यह ग्रंथ सशक्त करेगा. उन्होंने कहा कि मिथिला की सारस्वत परंपरा से विश्व को नई सीख मिल रही है. उन्होंनें शिक्षा के माध्यम से आध्यात्मिक चेतना को विकसित किए जाने पर बल दिया.

Seminar organized in LNMU
प्रो. श्रुतिधर झा समृति ग्रंथ का हुआ विमोचन

मुख्य अतिथि पद्मश्री बिमल जैन ने मानव जीवन की सर्वांगीण सफलता के लिए गुरु की कृपा को जरूरी बताया. उन्होंने दिव्यांगों की शिक्षा-दीक्षा के लिए प्रो. जयशंकर झा की ओर से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की. विशिष्ट अतिथि के तौर पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति प्रो.डॉली सिन्हा ने कहा कि जिस प्रकार रामकृष्ण परमहंस की विचारधारा को स्वामी विवेकानंद ने आगे बढ़ाया, ठीक उसी प्रकार प्रो.जयशंकर झा ने अपने गुरु प्रो.श्रुतिधर झा की पावन स्मृति को अमरता प्रदान की है.

Seminar organized in LNMU
गुरु-शिष्य संबंध विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

यह भी पढ़ें - दरभंगा: विश्व उपभोक्ता दिवस पर CM कॉलेज में संगोष्ठी, लोगों को किया गया जागरूक

अध्यक्षीय उद्बोधन में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने प्रो. श्रुतिधर झा के साथ बिताए गए क्षणों को भावुकता से स्मरण करते हुए उनके शास्त्रीय ज्ञान और सरल स्वभाव की विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा में गुरु-शिष्य परंपरा की ऐतिहासिकता को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर बल दिया. कार्यक्रम में सृष्टि फाउंडेशन के संस्थापक जयप्रकश पाठक की टीम ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी.

दरभंगा: ललित नारायण मिथिला विवि के जुबली हॉल में प्रो. श्रुतिधर झा समृति ग्रंथ का विमोचन किया गया. पुस्तक के संपादक विवि संस्कृत विभाग के प्रो. जयशंकर झा हैं. इस अवसर पर ‘गुरु-शिष्य संबंध-वर्तमान संदर्भ’ विषय पर एक संगोष्ठी का भी आयोजन किया गया.

यह भी पढ़ें - LNMU में दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का आयोजन, देश-विदेश के विद्वान करेंगे शिरकत

इस अवसर पर उद्घाटनकर्ता के रूप में बोलते हुए कुलपति प्रो. सुरेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि गुरु-शिष्य परंपरा का आधार श्रद्धा और विश्वास है. नैतिकता की डोर को यह ग्रंथ सशक्त करेगा. उन्होंने कहा कि मिथिला की सारस्वत परंपरा से विश्व को नई सीख मिल रही है. उन्होंनें शिक्षा के माध्यम से आध्यात्मिक चेतना को विकसित किए जाने पर बल दिया.

Seminar organized in LNMU
प्रो. श्रुतिधर झा समृति ग्रंथ का हुआ विमोचन

मुख्य अतिथि पद्मश्री बिमल जैन ने मानव जीवन की सर्वांगीण सफलता के लिए गुरु की कृपा को जरूरी बताया. उन्होंने दिव्यांगों की शिक्षा-दीक्षा के लिए प्रो. जयशंकर झा की ओर से किए जा रहे प्रयासों की सराहना की. विशिष्ट अतिथि के तौर पर ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय की प्रतिकुलपति प्रो.डॉली सिन्हा ने कहा कि जिस प्रकार रामकृष्ण परमहंस की विचारधारा को स्वामी विवेकानंद ने आगे बढ़ाया, ठीक उसी प्रकार प्रो.जयशंकर झा ने अपने गुरु प्रो.श्रुतिधर झा की पावन स्मृति को अमरता प्रदान की है.

Seminar organized in LNMU
गुरु-शिष्य संबंध विषय पर संगोष्ठी का आयोजन

यह भी पढ़ें - दरभंगा: विश्व उपभोक्ता दिवस पर CM कॉलेज में संगोष्ठी, लोगों को किया गया जागरूक

अध्यक्षीय उद्बोधन में कामेश्वर सिंह दरभंगा संस्कृत विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. शशिनाथ झा ने प्रो. श्रुतिधर झा के साथ बिताए गए क्षणों को भावुकता से स्मरण करते हुए उनके शास्त्रीय ज्ञान और सरल स्वभाव की विस्तार से चर्चा की. उन्होंने कहा कि संस्कृत शिक्षा में गुरु-शिष्य परंपरा की ऐतिहासिकता को पाठ्यक्रम में शामिल किए जाने पर बल दिया. कार्यक्रम में सृष्टि फाउंडेशन के संस्थापक जयप्रकश पाठक की टीम ने सांस्कृतिक प्रस्तुति दी.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.