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दरभंगाः 9 सूत्री मांग को लेकर बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ ने किया प्रदर्शन

बिहार अराजपत्रित कर्मचारी संघ के पूर्व राज्याध्यक्ष लक्ष्मीकांत ने कहा कि सरकार सरकारी महकमों में कार्यरत कर्मी को बंधुआ मजदूर से भी बदतर स्थिति पर लाकर खड़ा कर दी है. एक-एक कर्मी कार्य के बोझ से दबे हुए हैं.

कर्मचारी संघ ने किया प्रदर्शन
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Published : Nov 7, 2019, 4:50 PM IST

दरभंगाः बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ के लोगों ने दरभंगा प्रमंडल के बैनर तले विशाल आक्रोश प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी हाथों में मांगों से संबंधित तख्ती और झंडा लिए हुए थे और नई पेंशन योजना वापस लेने, ठेका, संविदा मानदेय पर कार्यरत कर्मियों की सेवा स्थाई करने, रिक्त पदों पर बेरोजगारों की नियुक्ति करने की मांग सहित 9 सूत्री मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.

Darbhanga
महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन

लोगों ने निकाला आक्रोश मार्च
मीडिया से बात करते हुए बिहार अराजपत्रित कर्मचारी संघ के पूर्व राज्याध्यक्ष लक्ष्मीकांत ने कहा कि सरकार सरकारी महकमों में कार्यरत कर्मी को बंधुआ मजदूर से भी बदतर स्थिति पर लाकर खड़ा कर दी है. एक-एक कर्मी कार्य के बोझ से दबे हुए हैं. महासंघ लगातार न्यायोचित मांगों को लेकर आंदोलनरत है. जब तक ठेका संविदा पर कार्यरत कर्मियों की सेवा स्थाई नहीं होगी. हमें एकजुट होकर संघर्ष पर जाना होगा.

बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ ने किया प्रदर्शन

एकजुट होकर करेंगे संघर्ष
लक्ष्मीकांत ने सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को पुनः सेवा में नहीं आने की अपील की. उन्होंने कहा कि इससे जहां सरकार को नियुक्ति से भगाने का रास्ता मिल जाता है. वहीं हम नौजवान के हकमारी के लिए भी दोषी होते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि नई पेंशन स्कीम देश और कर्मचारी दोनों के लिए नुकसानदेह है.

दरभंगाः बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ के लोगों ने दरभंगा प्रमंडल के बैनर तले विशाल आक्रोश प्रदर्शन किया. प्रदर्शनकारी हाथों में मांगों से संबंधित तख्ती और झंडा लिए हुए थे और नई पेंशन योजना वापस लेने, ठेका, संविदा मानदेय पर कार्यरत कर्मियों की सेवा स्थाई करने, रिक्त पदों पर बेरोजगारों की नियुक्ति करने की मांग सहित 9 सूत्री मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे.

Darbhanga
महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन

लोगों ने निकाला आक्रोश मार्च
मीडिया से बात करते हुए बिहार अराजपत्रित कर्मचारी संघ के पूर्व राज्याध्यक्ष लक्ष्मीकांत ने कहा कि सरकार सरकारी महकमों में कार्यरत कर्मी को बंधुआ मजदूर से भी बदतर स्थिति पर लाकर खड़ा कर दी है. एक-एक कर्मी कार्य के बोझ से दबे हुए हैं. महासंघ लगातार न्यायोचित मांगों को लेकर आंदोलनरत है. जब तक ठेका संविदा पर कार्यरत कर्मियों की सेवा स्थाई नहीं होगी. हमें एकजुट होकर संघर्ष पर जाना होगा.

बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ ने किया प्रदर्शन

एकजुट होकर करेंगे संघर्ष
लक्ष्मीकांत ने सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को पुनः सेवा में नहीं आने की अपील की. उन्होंने कहा कि इससे जहां सरकार को नियुक्ति से भगाने का रास्ता मिल जाता है. वहीं हम नौजवान के हकमारी के लिए भी दोषी होते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि नई पेंशन स्कीम देश और कर्मचारी दोनों के लिए नुकसानदेह है.

Intro:बिहार राज्य अराजपत्रित कर्मचारी संघ दरभंगा प्रमंडल के बैनर तले विशाल आक्रोश प्रदर्शन पोलो मैदान से निकाला गया। प्रदर्शन का नेतृत्व दरभंगा के जिला मंत्री फुल कुमार झा कर रहे थे। प्रदर्शनकारी हाथों में मांगों से संबंधित तख्ती एवं झंडा से लैस होकर नई पेंशन योजना वापस लेने, ठेका संविदा मानदेय पर कार्यरत कर्मियों की सेवा स्थाई करने, रिक्त पदों पर बेरोजगार को नियुक्ति करने की मांग सहित 9 सूत्री मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे।


Body:वही मीडिया से बात करते हुए बिहार अराजपत्रित कर्मचारी संघ के पूर्व राज्यध्यक्ष लक्ष्मीकांत ने कहा कि आज की सरकार सरकारी महकमों में कार्यरत कर्मी को बंधुआ मजदूर से भी बदतर स्थिति पर लाकर खड़ा कर दिया है। एक एक कर्मी कार्य बोझ से दबे हुए हैं, महासंघ लगातार न्यायोचित मांगों को लेकर आंदोलनरत है। जब तक ठेका, संविदा पर कार्यरत कर्मियों की सेवा स्थाई नहीं होगी हमें एकजुट होकर संघर्ष पर जाना होगा।केंद्र सरकार की केंद्र सरकार जिस तरह से 60 वर्ष उम्र एवं 33 साल की सेवा से संबंधित आदेश निर्गत कर चुकी है। जिससे आने वाले दिनों में बड़े पैमाने पर सेवा से कर्मी हटाए जाएंगे। कार्य के 8 घंटे से बढ़ाकर 9 घंटा करने का फरमान जारी होने ही वाला है।


Conclusion:वहीं उन्होंने कहा कि सेवानिवृत्त होने वाले कर्मियों को पुनः सेवा में नहीं आने की अपील की। उन्होंने कहा कि इससे जहां सरकार को नियुक्ति से भगाने का रास्ता मिल जाता है। वही हम नौजवान के हकमारी के लिए भी दोषी होते हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि नई पेंशन स्कीम देश और कर्मचारी दोनों के लिए नुकसानदेह है। उन्होंने कहा कि कैसी विडंबना है कि 60 वर्ष की उम्र तक काम करने वाले कर्मी को पेंशन नहीं और सांसद विधायक को चार चार पेंशन इस गरीब देश में दिया जा रहा है। यह देश की जनता के पैसे का लूट है।

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लक्ष्मीकांत, पूर्व राज्यध्यक्ष बिहार अराजपत्रित कर्मचारी संघ
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