ETV Bharat / state

नदी बना युवाओं की शादी में रोड़ा, इस वजह से लोग गांव में नहीं ब्याहते अपनी बेटी

इस क्षेत्र में शहरी रास्ते और जिला के बीच एक नदी है, जिसे पार करने के लिए अभी तक कोई पुल नहीं बन पाया.

चचरी पुल
author img

By

Published : Apr 19, 2019, 10:03 AM IST

दरभंगा: लोकतंत्र के इस पर्व में भागीदार हर शख्स के अपने मुद्दे हैं. वहीं, दरभंगा में कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड में लोग विकास और आधुनिकता से कोसों दूर हैं. यहां आज भी लोग सड़क पार करने के लिए चचरी पुल का इस्तेमाल करते हैं.

इस क्षेत्र में शहरी रास्ते और जिला के बीच एक नदी है, जिसे पार करने के लिए अभी तक कोई पुल नहीं बन पाया. गांव के लोगों ने खुद ही मिलकर बांस और लकड़ी का एक चचरी पुल बनवाया, लेकिन उसे पार करके जाना जोखिम में डालने से कम नहीं है.

darbhanga
कच्ची सड़क

लोगों की सबसे बड़ी समस्या
लोगों का कहना है कि जब कभी कोई बीमार हो जाता है, या कोई दुर्घटना घट जाती है, ऐसे में पुल पार कर शहर के हॉस्पिटल जाना दूसरे खतरे को न्यौता देना है. ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में लोग अपनी बेटी की शादी नहीं कराते. क्योंकि वे अपनी बेटी को इस सुदूरवर्ती बाढ़ ग्रस्त इलाके में शादी कराने से मना कर देते हैं.

बांस से बना पुल

लोग मौजूदा सरकार से नाराज
बता दें कि इस चचरी पुल के बनने से लोगों को आवाजाही में आसानी जरूर हो गयी है, लेकिन उनके मन में मौजूदा सरकार के लिए खासी नाराजगी है. हर साल लोगों को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ता है. जिसमें लाखों का अनाज और पशुधन का भी नुकसान होता है. फिर भी सरकार दियारा के इन लोगों पर ध्यान नहीं देती है.

दरभंगा: लोकतंत्र के इस पर्व में भागीदार हर शख्स के अपने मुद्दे हैं. वहीं, दरभंगा में कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखंड में लोग विकास और आधुनिकता से कोसों दूर हैं. यहां आज भी लोग सड़क पार करने के लिए चचरी पुल का इस्तेमाल करते हैं.

इस क्षेत्र में शहरी रास्ते और जिला के बीच एक नदी है, जिसे पार करने के लिए अभी तक कोई पुल नहीं बन पाया. गांव के लोगों ने खुद ही मिलकर बांस और लकड़ी का एक चचरी पुल बनवाया, लेकिन उसे पार करके जाना जोखिम में डालने से कम नहीं है.

darbhanga
कच्ची सड़क

लोगों की सबसे बड़ी समस्या
लोगों का कहना है कि जब कभी कोई बीमार हो जाता है, या कोई दुर्घटना घट जाती है, ऐसे में पुल पार कर शहर के हॉस्पिटल जाना दूसरे खतरे को न्यौता देना है. ग्रामीणों ने बताया कि इस गांव में लोग अपनी बेटी की शादी नहीं कराते. क्योंकि वे अपनी बेटी को इस सुदूरवर्ती बाढ़ ग्रस्त इलाके में शादी कराने से मना कर देते हैं.

बांस से बना पुल

लोग मौजूदा सरकार से नाराज
बता दें कि इस चचरी पुल के बनने से लोगों को आवाजाही में आसानी जरूर हो गयी है, लेकिन उनके मन में मौजूदा सरकार के लिए खासी नाराजगी है. हर साल लोगों को भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ता है. जिसमें लाखों का अनाज और पशुधन का भी नुकसान होता है. फिर भी सरकार दियारा के इन लोगों पर ध्यान नहीं देती है.

Intro:बिहार दरभंगा जिले के कुशेश्वरस्थान पूर्वी प्रखण्ड के लोगो की यातायात चचरी पुल के सहारे जीने को मजबूर है यहां सड़क समर्पक एवं यातायात नही होते देख ग्रामीणों ने बास के चचरी पुल बनाकर करते है यातायात मुख्यालय हो या जिला कहि भी जाने के लिए बस एक मात्र चचरी पुल के सहारे करते है।Body:ग्रामीण श्याम यादव बताते हैं कि उसरी गाँव मे बेटी की शादी में दूल्हे की गाड़ी नही आते थे लोग अपनी बेटी को इस सुदूरवर्ती बाढ़ ग्रस्त इलाके में सादी करने से मना करते थे अंत मे हमलोग ग्रामीणों ने बास के पुल बनाकर यातायात बहाल किया जो कि पुल बनने से अब बेटी और बेटा की सादी में गाड़ी घर तक आ जाती है कारण यातायात बनने से गाड़ी घर तक आ जाति है ।
(2) ग्रामीण शिवजी राय बताते हैं कि चचरी पुल की बन जाने से सादी विवाह एवं बीमार से पीड़ित लोगों को इलाज के लिए पीएचसी जाने के लिए अव नाव की इंतजार नही करना होता है और दो मिनट में गाड़ी घर पर चली आती है ।Conclusion:बिहार दरभंगा जिले के बाढ़ ग्रस्त इलाके उसरी पंचायत के हरिनाही गाँव मे बने चचरी पुल लोगो को आवाजाही करने में आसानी जरूर हो गयी है लेकिन लोगो के मन मे एक टिस है कि आजादी के इतने वर्ष बीत जाने के बाद भी विकास से कोषों दूर यह इलाका प्रख्यात दियारा के नाम से मशहूर है । और यहां साल में चार महीने प्रलयकारी बाढ़ से ग्रसित रहता हैं । और नाव के सहारे ही जिंदगी जीने को मजबूर होना पड़ता है।
सबसे बड़ी बात यह है कि कुशेश्वरस्थान में लोजपा सुप्रीमो रामविलास पासवान का ननिहाल है और इनके भाई समस्तीपुर लोकसभा क्षेत्र के प्रत्यासी है और कई बार इस इलाके का प्रतिनिधित्व कर चुके हैं ।
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.