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दरभंगा: सड़क संपर्क टूटने से गांवों में फंसे बाढ़ पीड़ित, NDRF की टीम बनी सहारा - लाखों की आबादी बाढ़ की चपेट में

एनडीआरएफ के अधिकारी ने बताया कि वो प्रभावित प्रखंडों में जाकर बाढ़ पीड़ितों का मदद कर रहे हैं. 14 जुलाई से एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीमें तारडीह में कैंप कर रही है.

एनडीआरएफ की टीम बनी सहारा
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Published : Jul 25, 2019, 10:21 AM IST

दरभंगा: जिले के 18 प्रखंडों में से 14 प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं. लाखों की आबादी बाढ़ का दंश झेल रही है. गांवों का प्रखंड, जिला और मुख्य सड़क से संपर्क टूट चुका है. नाव की कमी की वजह से लोग जहां के तहां फंसे हुए हैं. यातायात पूरी तरह से बाधित है. वहीं, सरकार के उदासीन रवैये से लोगों में खासी नाराजगी है.

ऐसे में एनडीआरएफ की बोट ही लोगों का सहारा है. लोगों के बचाव और उन तक राहत सामग्री पहुंचाने की जिम्मेदारी एनडीआरएफ की है. सैकड़ों लोग सड़क के किनारे खड़े होकर नाव का इंतजार करते हैं. एनडीआरएफ की टीम एक-एक कर फंसे लोगों को बोट के सहारे निकाल रही है. दवाएं और जरूरी सामान खरीदने के लिये उन्हें ऊंचे स्थान तक ले जाया जा रहा है.

पेश है रिपोर्ट

सरकार के उदासीन रवैये से लोगों में नाराजगी
बाढ़ प्रभावित लोगों ने बताया कि कई गांवों के लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं. प्रशासन ने पर्याप्त नाव की व्यवस्था नहीं की है. राहत की सामग्री भी उन तक पहुंचाई नहीं जा रही है. बीडीओ और सीओ तो बाढ़ प्रभावित इलाके में आए, लेकिन मदद करने के बजाय आश्वासन देकर ही चले गए. ऐसे में एनडीआरएफ की टीम उनकी मदद कर रही है.

एनडीआरएफ की टीम बनी सहारा
एनडीआरएफ के अधिकारी ने बताया कि वो प्रभावित प्रखंडों में जाकर बाढ़ पीड़ितों का मदद कर रहे हैं. 14 जुलाई से एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीमें तारडीह में कैंप कर रही है. बोट से लोगों के बीच राहत सामग्री भेजी जा रही है. लोगों द्वारा एक कॉल करने पर तुरंत टीम उनके बीच पहुंच जाती है.

दरभंगा: जिले के 18 प्रखंडों में से 14 प्रखंड बाढ़ की चपेट में हैं. लाखों की आबादी बाढ़ का दंश झेल रही है. गांवों का प्रखंड, जिला और मुख्य सड़क से संपर्क टूट चुका है. नाव की कमी की वजह से लोग जहां के तहां फंसे हुए हैं. यातायात पूरी तरह से बाधित है. वहीं, सरकार के उदासीन रवैये से लोगों में खासी नाराजगी है.

ऐसे में एनडीआरएफ की बोट ही लोगों का सहारा है. लोगों के बचाव और उन तक राहत सामग्री पहुंचाने की जिम्मेदारी एनडीआरएफ की है. सैकड़ों लोग सड़क के किनारे खड़े होकर नाव का इंतजार करते हैं. एनडीआरएफ की टीम एक-एक कर फंसे लोगों को बोट के सहारे निकाल रही है. दवाएं और जरूरी सामान खरीदने के लिये उन्हें ऊंचे स्थान तक ले जाया जा रहा है.

पेश है रिपोर्ट

सरकार के उदासीन रवैये से लोगों में नाराजगी
बाढ़ प्रभावित लोगों ने बताया कि कई गांवों के लोग बाढ़ में फंसे हुए हैं. प्रशासन ने पर्याप्त नाव की व्यवस्था नहीं की है. राहत की सामग्री भी उन तक पहुंचाई नहीं जा रही है. बीडीओ और सीओ तो बाढ़ प्रभावित इलाके में आए, लेकिन मदद करने के बजाय आश्वासन देकर ही चले गए. ऐसे में एनडीआरएफ की टीम उनकी मदद कर रही है.

एनडीआरएफ की टीम बनी सहारा
एनडीआरएफ के अधिकारी ने बताया कि वो प्रभावित प्रखंडों में जाकर बाढ़ पीड़ितों का मदद कर रहे हैं. 14 जुलाई से एनडीआरएफ की 30 सदस्यीय टीमें तारडीह में कैंप कर रही है. बोट से लोगों के बीच राहत सामग्री भेजी जा रही है. लोगों द्वारा एक कॉल करने पर तुरंत टीम उनके बीच पहुंच जाती है.

Intro:दरभंगा। जिले के 18 में से 14 प्रखंडों की लाखों की आबादी पिछले एक पखवारे से बाढ़ का दंश झेल रही है। गांवों का प्रखंड, जिला और यहां तक कि मुख्य सड़क तक से संपर्क भंग हो चुका है। नावों की कमी की वजह से लोग जहां के तहां फंसे हुए हैं। उन तक राहत सामग्री और दवाएं नहीं पहुंच रही हैं। ऐसे में एनडीआरएफ के बोट ही लोगों का सहारा बन रहे हैं। इन्हीं के भरोसे अधिकतर स्थानों पर लोगों के बचाव और उन तक राहत सामग्री पहुंचाने की जिम्मेवारी है। तारडीह में बचाव और राहत कार्य के लिये निकली एनडीआरएफ की टीम के साथ उनके बोट पर बैठ कर ई टीवी भारत की टीम ने स्थिति का जायजा लिया।


Body:हमने देखा कि तारडीह के कई गांवों के लोग सड़क पर खड़े होकर किसी नाव का इंतज़ार कर रहे थे। लेकिन इतनी बड़ी आबादी के लिए एक भी नाव नहीं दी गयी है। एनडीआरएफ की टीम अपने बोट से एक-एक कर फंसे लोगों को निकाल रही थी। उन्हें एमररजेंसी में दवाएं और ज़रूरी सामान खरीदने के लिये ऊंचे स्थान तक ले जा रही थी।


Conclusion:बाढ़ प्रभावित लोगों ने बताया कि कई गांवों के लोग फंसे हुए हैं। प्रशासन ने पर्याप्त नाव नहीं दी है। राहत की सामग्री भी उन तक नहीं पहुंच रही है। बीडीओ-सीओ आश्वासन देकर चले जाते हैं और दोबारा लौट कर नहीं आते हैं। ऐसे में एनडीआरएफ की टीम उनकी मदद कर रही है। उनके बोट से लोग पास के बाजार से दवाएं और राशन खरीदने जाते हैं।
उधर, एनडीआरएफ के अधिकारी ने बताया कि 14 जुलाई से 30 सदस्यीय टीम तारडीह में कैंप कर रही है। टीम अपने बोट से फंसे हुए लोगों को निकाल कर ऊंचे स्थान पर पहुंचा रही है। लोग उन्हें कॉल करके बुलाते हैं तो टीम तत्परता के साथ वहां तक पहुंचती है।


talk के साथ
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विजय कुमार श्रीवास्तव
ई टीवी भारत
दरभंगा

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